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टीम प्रीव्यू : भारत को अपनी कप्तानी में विश्वकप की जीत दिलाने पर होगी कोहली की नज़र

क्या हार्दिक पंड्या को सिर्फ़ बतौर बल्लेबाज़ खिलाने का जोखिम उठा रही है टीम मैनेजमेंट ?

कोहली और रोहित के पारी का आग़ाज़ करने की संभावना अब ख़त्म हो गई है  Getty Images

बड़ी तस्वीर

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विराट कोहली के लिए टी20 विश्वकप में कप्तानी करना इस फ़ॉर्मैट में आख़िरी होगा, क्योंकि उन्होंने इस फ़ॉर्मैट में आगे कप्तानी न करने का फ़ैसला किया है। साथ ही साथ टीम इंडिया के प्रमुख कोच रवि शास्त्री के लिए भी यह अंतिम टूर्नामेंट होगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उनके स्थान पर राहुल द्रविड़ को कोच बनाने का मन बना लिया है। लिहाज़ा कोहली और शास्त्री चाहेंगे कि विश्वकप जीत के साथ अपने अपने ओहदे से हटा जाए।

इसके लिए बीसीसीआई की तत्परता भी दिख रही है, यही वजह है कि इस प्रतियोगिता के लिए पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी को भी बतौर मेंटॉर टीम के साथ जोड़ा गया है। कोहली ने भी धोनी के दोबारा टीम के साथ जुड़ने का स्वागत किया है।

भारत के लिए इस प्रतियोगिता में एक एडवांटेज ये है कि यहां की परिस्तिथियों से सारे ख़िलाड़ी पूरी तरह से वाक़िफ़ हो चुके हैं। पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का पूरा संस्करण ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हुआ था, तो इस बार भी आईपीएल का दूसरा चरण यूएई में ही संपन्न हुआ। हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों में से ज़्यादातर भारतीय दल का हिस्सा हैं। जिनमें like केएल राहुल, ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव, इशान किशन, रवींद्र जाडेजा, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, आर अश्विन और वरुण चक्रवर्ती शामिल हैं। कोहली की नज़र टी20 अंतर्राष्ट्रीय की कप्तानी जीत के साथ छोड़ने पर होगी और वह जीत अगर टी20 विश्वकप की हो तो क्या कहना। टीम के वह अभी भी सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं, और इस बार वह अपनी बल्लेबाज़ी के साथ-साथ कप्तानी से भी भारत को इस प्रतियोगिता में जीत दिलाने के लिए अपना सबकुछ झोंकना चाहेंगे।

हालिया फ़ॉर्म

2019 वनडे विश्वकप से पहले घर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2-0 से हार झेलने के बाद भारत लगातार आठ सीरीज़ में अपराजेय रहा था। लेकिन इसी साल जुलाई में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भारत का ये विजयरथ तब थम गया, जब दूसरे दर्जे की भारतीय टीम को श्रीलंका के हाथों 2-1 से हार मिली थी। हालांकि उस सीरीज़ ने भारत के मज़बूत बेंच स्ट्रेंथ को परखने का भी मौक़ा दिया था। 2016 टी20 विश्वकप के बाद से अब तक भारत ने 72 मैच खेले हैं और इनमें टीम इंडिया को 45 में जीत मिली है यानी अगर जीत का प्रतिशत देखा जाए तो वह 66 का रहा है - जो भारत के वर्चस्व को दर्शाता है।

क्या हार्दिक पंड्या अगर गेंदबाज़ी नहीं करते हैं तो प्लेइंग-XI में जगह बना पाएंगे?  BCCI

बल्लेबाज़ी

मार्च में रोहित के साथ 94 रनों की सलामी साझेदारी करने के बाद और अहमदाबाद में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 52 गेंदों पर 80 नाबाद रन बनाते हुए जीत दिलाने वाले, कोहली ने ख़ुद कहा था कि वह सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर खेलना चाहते थे। लेकिन कोहली ने 90 टी20 अंतर्राष्ट्रीय में सिर्फ़ आठ बार पारी का आग़ाज़ किया है. इस साल कुल 16 मैचों में जिसमें 15 रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेलते हुए, कोहली का बतौर सलामी बल्लेबाज़ स्ट्राइक रेट मिडिल ओवर्स (7-16) में गिरकर 112.57 का ही रह जाता है। हालांकि सोमवार को उन्होंने कहा कि वह अब नंबर तीन पर ही बल्लेबाज़ी करेंगे।

लिहाज़ा भारत इस चीज़ पर ज़रूर ध्यान दे रहा होगा, क्योंकि भारत के पास दो और सलामी बल्लेबाज़ों का विकल्प भी मौजूद है। पहले हैं केएल राहुल और दूसरे हैं इशान किशन - हालांकि ये दोनों ही बल्लेबाज़ मिडिल ऑर्डर में भी खेल सकते हैं।

गेंदबाज़ी

चार तेज़ गेंदबाज़ों के अलावा इस दल में चार स्पिन गेंदबाज़ भी हैं, जिसका मतलब साफ़ है कि उन्हें ये लगता है कि यूएई में स्पिन गेंदबाज़ फ़र्क़ पैदा कर सकते हैं। स्पिन गेंदबाज़ी में भी भारत के पास कई विविधताएं हैं, राहुल चाहर के तौर पर एक कलाइयों का स्पिनर भी है तो अश्विन और जाडेजा के रूप में फ़िंगर स्पिनर्स भी शामिल हैं। साथ ही साथ वरुण चक्रवर्ती के तौर पर टीम में एक मिस्ट्री स्पिनर भी है। क्या भारतीय टीम तीन स्पिनर्स के साथ जाने की बहादुरी दिखाएगी ? उम्मीद कम है, हां अगर शारजाह जैसी परिस्तिथियां हों तो फिर बात अलग है। अगर भारत तीन स्पिनर्स के साथ जाता है तो फिर टीम की बल्लेबाज़ी भी कमज़ोर पड़ जाएगी।

एक और सवाल जो सभी के ज़ेहन में घूम रहा है, वह ये है कि भारत का दूसरा विशेषज्ञ तेज़ गेंदबाज़ कौन होगा ? बुमराह तो निसंदेह पहले होंगे, दूसरे तेज़ गेंदबाज़ अपने अनुभव के हिसाब से भुवनेश्वर हो सकते हैं, लेकिन उनकी फ़िटनेस और हालिया फ़ॉर्म उनके साथ नहीं है। पिछले कुछ सालों में शमी भारत के सबसे शानदार सीम गेंदबाज़ों में से एक रहे हैं, ख़ासतौर से डेथ ओवर्स में वह बेहद ख़तरनाक हो सकते हैं। यानी दूसरे तेज़ गेंदबाज़ को चुनना कोहली एंड कंपनी के लिए अच्छा सिरदर्द हो सकता है।

रवींद्र जाडेजा गेंद और बल्ले दोनों से लाजवाब लय में हैं।  Cricket Australia via Getty Images

इन खिलाड़ियों पर रहेगी नज़र

2020 से अब तक सभी टी20 में जाडेजा डेथ ओवर्स में कमाल की बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, जहां उनकी बल्लेबाज़ी औसत 55.71 है तो स्ट्राइक रेट भी 207.44 का रहा है। इस दौरान जाडेजा की औसत सिर्फ़ डेविड मिलर से ही पीछे है वह भी सिर्फ़ दशमलव के अंतक से। मिलर की ओसत 56.00 की रही है। स्ट्राइक रेट में जाडेजा बस तीन ही खिलाड़ियों से पीछे हैं, एबी डीविलियर्स (226.01), कायरन पोलार्ड (223.46) और आंद्रे रसल (208.16)। एक तरफ़ जहां पंत और हार्दिक पंड्या की पावर हिटिंग में निरंतरता की कमी है तो इस मामले में जाडेजा बिल्कुल कंसिस्टेंट है।

बड़ा सवाल

क्या हार्दिक सिर्फ़ बतौर बल्लेबाज़ खेल सकते हैं ? आईपीएल के दूसरे चरण में पीठ में दर्द से थोड़ा परेशान रहे थे हार्दिक पंड्या, और अभ्यास के दौरान भी वह इस समस्या से जूझते नज़र आए हैं। मुंबई इंडियंस के लिए शुरुआती दो मैच में भी वह टीम से बाहर ही रहे थे, यहां तक कि जब उन्होंने वापसी भी की तो बल्लेबाज़ी में कुछ ख़ास नहीं कर पाए।

भारत के इस 15 सदस्यीय दल में तो वह जगह बनाने में क़ामयाब रहे हैं, लेकिन क्या टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर बल्लेबाज़ खिलाने का जोखिम उठाएगी ? हालांकि हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि पिछले साल दिसंबर में वह बतौर विशेषज्ञ बल्लेबाज़ी ही टीम का हिस्सा थे और प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ के पुरस्कार से भी नवाज़े गए थे।

संभावित प्लेइंग-XI

केएल राहुल, रोहित शर्मा, विराट कोहली (कप्तान), सूर्यकुमार यादव/इशान किशन, ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जाडेजा, शार्दुल ठाकुर, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी/भुवनेश्वर कुमार

Virat KohliKL RahulRishabh PantSuryakumar YadavIshan KishanRavindra JadejaJasprit BumrahBhuvneshwar KumarMohammed ShamiRavichandran AshwinVarun ChakravarthyIndiaICC Men's T20 World Cup

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।