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विश्व कप डायरी: भारतीय क्रिकेट के इतिहास को संजोता होल्कर स्टेडियम का 'द क्रिकेट म्यूज़ियम'

इंदौर में विश्व कप मैचों के साथ-साथ यह म्यूज़ियम भी क्रिकेट प्रेमियों के आकर्षण का विषय है

म्यूज़ियम में मौजूद सीके नायुडू का किट बैग  ESPNcricinfo Ltd

क्या आपको पता है कि पहले खिलाड़ियों का किट ढोने के लिए एक भारी संदूक का प्रयोग होता था, जिसका वजॉ 30 किलो तक हो सकता था? क्या आपको पता है कि मैथ्यू हेडन से पहले कपिल देव ने 'मंगूज़ बल्ले' का प्रयोग किया था और वह भी ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ अपने प्रसिद्ध 175 रनों की पारी के दौरान? क्या आपको पता है कि जब किसी क्रिकेटर को किसी पत्रकार का विश्लेषण या ख़बर पसंद आता था, तो वह उन्हें प्रशंसा पत्र भी भेजते थे?

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इन सभी सवालों के जवाब आपको इंदौर के होल्कर स्टेडियम में बने 'द क्रिकेट म्यूज़ियम' में मिल जाएंगे, जिसका आज से तीन महीने पहले उद्घाटन हुआ। इस म्यूज़ियम के प्रवेश द्वार पर ही आपको 1907 का पिच रोलर मिल जाएगा, जिसे दोनों दिशाओं में चलाया जा सकता है। इस रोलर को घोड़े के द्वारा भी खींचा जा सकता है और उसके वज़न को कम और अधिक करने के भी उसमें उपाय है। मुंबई से आयातित इस रोलर का प्रयोग इस साल जून तक हुआ था और अब यह इस म्यूज़ियम की शोभा बढ़ा रहा है।

इस स्टेडियम के प्रवेश द्वार को लॉर्ड्स स्टेडियम के रेप्लिका की तरह बनाया गया है, जिसकी बालकनी में कपिल का एक रियल साइज़ मूर्ति 1983 की विश्व कप ट्रॉफ़ी लेकर खड़ा है और मुस्कुरा रहा है। इसके अलावा प्रवेश द्वार पर ही मध्य प्रदेश और भारतीय क्रिकेट के दो प्रमुख दिग्गजों सीके नायुडू और सैयद मुश्ताक़ अली की भी रियल साइज़ तस्वीरें बनी है। होल्कर टीम और बाद में मध्य प्रदेश की तरफ़ से खेलने वाले नायुडू भारत के पहले टेस्ट कप्तान थे, जबकि मुश्ताक़ अली ने भारत की तरफ़ से विदेशों में पहला टेस्ट शतक लगाया था।

होल्कर स्टेडियम में 2025 में खेले गए पहले महिला मैच और 1997 में नेहरू स्टेडियम में टाई हुए विश्व कप मैच की गेंदें भी म्यूज़ियम में रखी गई हैं  S Sudarshanan / ESPNcricinfo Ltd

स्टेडियम में प्रवेश करते ही नायुडू की किट और किट बैग भी मिलेगी। दावा किया गया कि लोहे के संदूक से बना यह किट बैग खाली अवस्था में भी लगभग 30 किलो का है। चूंकि नायुडू को होल्कर राज्य की तरफ़ से कर्नल की उपाधि भी मिली थी, तो उनके कर्नल की किट को भी म्यूज़ियम में प्रमुखता से जगह मिली है। इस म्यूज़ियम में कपिल का मंगूज़ बल्ला भी है, जिसके साथ उन्होंने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ 175 रनों की पारी खेली थी।

म्यूज़ियम का दौरा करतीं टैमी बोमॉन्ट  ICC/Getty Images

इस बल्ले के साथ-साथ म्यूजियम में क्रिकेट जगत के तीन सबसे महान बल्लेबाज़ों सर डॉन ब्रैडमेन, सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर का बल्ला भी रखा हुआ है, वहीं कई पूर्व व वर्तमान क्रिकेटरों ने अपने बल्ले, गेंद, क्रिकेट जर्सी, क्रिकेट किट इस म्यूजियम को दान में दिए हैं। इसके अलावा इस म्यूजियम में आपको कई पुराने मैच टिकट, खिलाड़ियों के नाम से जारी टिकट, पोस्टकार्ड और खिलाड़ियों की चिट्ठियां मिल जाएंगी।

इन्हीं चिट्ठियों में आपको एक पत्र मुश्ताक़ अली का भी मिल जाएगा, जो उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स के एक तत्कालीन रिपोर्टर को लिखा था। इस पत्र में मुश्ताक़ अली ने हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स ऑफ़ इंडिया के दो लेखों की तारीफ़ की थी, जो आज के ज़माने में बहुत ही दुर्लभ है।

सैयद मुश्ताक़ अली द्वारा एक पत्रकार की प्रशंसा करते हुए लिखा गया पत्र  Daya Sagar / ESPNcricinfo Ltd

ख़ैर, अगर आप इंदौर में महिला विश्व कप मैचों का लुत्फ़ उठाने आ रहे हैं, तो भारतीय क्रिकेट के इतिहास को संजोने वाले इस म्यूज़ियम को देखने ज़रूर आ सकते हैं।

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दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95