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भरोसा और प्रतिभा का संगम, सिराज की सफलता का मंत्र

सिराज ने कहा, "जब आप देश के लिए गेंदबाज़ी कर रहे होते हैं तो उस समय आराम मायने नहीं रखता"

बांगर: सिराज की छवि इस जीत के बाद पूरी तरह बदल जाएगी

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द ओवल में खेले गए इंग्लैंड vs भारत के पांचवें टेस्ट का सटीक विश्लेषण संजय बांगर के साथ

मोहम्मद सिराज क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बहुत बड़े फ़ैन हैं, उनका "सिउ" सेलिब्रेशन इस बात की गवाही देता है। आम तौर पर सिराज सुबह आठ बजे के आसपास उठते हैं लेकिन ओवल टेस्ट के पांचवें दिन सिराज की नींद सुबह छह बजे जब खुली तो उनके दिमाग़ में CR7 चल रहा था।

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एक तरह से सिराज इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ओवल टेस्ट के पांचवें दिन तक आने का ज़िम्मेदार थे, रविवार को सुबह के सत्र में उन्होंने लॉन्ग लेग पर हैरी ब्रूक का कैच लपक लिया था लेकिन उनका पैर बाउंड्री रोप से टकरा गया। ब्रूक ने शतक जड़ते हुए जो रूट के साथ मैच पलट देने वाली साझेदारी की। लेकिन सिराज ने मैच को रोचक मोड़ पर पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पुरानी गेंद से थके हुए पैरों के साथ दो बेहतरीन स्पेल डाले।

इंग्लैंड को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी अपने नाम करने के लिए 35 रनों की दरकार थी और सोमवार की सुबह होने के बावजूद ओवल स्टेडियम भर रहा था। सिराज के अंदर का ग्लैडिएटर अपनी छाप छोड़ने के लिए उत्सुक था। इंग्लैंड के चार विकेट शेष थे जिसमें एक क्रिस वोक्स का विकेट भी शामिल था। हालांकि सिराज को ख़ुद पर विश्वास था।

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान सिराज ने अपने फ़ोन में रोनाल्डो की तस्वीर जिस पर "बिलीव" लिखा हुआ था, दिखाते हुए कहा, "मैं आम तौर पर आठ बजे उठता हूं लेकिन आज मैं छह बजे ही उठ गया। मैंने अपने आप को समझाया कि मैं कर सकता हूं। मैं गूगल पर गया और इस तस्वीर को खोजा। मैंने इस तस्वीर को डाउनलोड किया और इसे अपना वॉलपेपर बना लिया। क्योंकि भरोसा बहुत ज़रूरी है।"

भरोसा वो चीज़ है जिसने सिराज को ब्रूक को 19 के निजी स्कोर पर जीवनदान दिए जाने के बाद वापसी करने के लिए प्रेरित किया। सिराज ने इसे गेम चेंजिंग मोमेंट करार दिया क्योंकि इसके बाद ब्रूक ने T20 अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते हुए मैच भारत के पाले से लगभग दूर कर दिया था। हालांकि सिराज ने कहा कि वह एक सीनियर गेंदबाज़ हैं इसलिए वह अपने कंधे झुकने नहीं दे सकते थे।

सिराज ने ख़ुद को समझाया कि यह सब खेल का हिस्सा है और उन्हें जल्द ही इससे आगे बढ़ जाना चाहिए। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उनके बगल में बैठे भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि अगर सिराज ने ब्रूक का कैच ठीक से लपक लिया होता तो वह सभी को इतने दबाव में आने से बचा सकते थे।

गिल ने कहा, "और अगर आपने कैच भी लपक लिया होता तो मुझे लगता है कि चीज़ें हमारे लिए आसान हो जातीं।" गिल के इतना कहते ही सिराज और कमरे में मौजूद अन्य लोग हंस पड़े।

भरोसा ही सिराज की यात्रा की असली कहानी बयां करता है, जब वह एक टीनेजर होते हुए टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला करते थे और वहां से उनकी खोज और पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण की सहायता से उनका विकास शामिल है। भरोसा और सिराज के कौशल ने उन्हें लंबे प्रारूप में जसप्रीत बुमराह के साथ भारत का भरोसेमंद गेंदबाज़ बना दिया है। लगातार दूसरे दिन सिराज ने अपनी तेज़ तर्रार रणनीति का परिचय दिया, वह लगातार पांचवें-छठे स्टंप की लाइन में आउटस्विंगर डालते रहे और इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को जोखिम लेने पर मजबूर करते रहे।

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वोबल सीम से गेंद अंदर लाने की सिराज की क्षमता ने बल्लेबाज़ों के लिए और भी मुश्किल खड़ी कर दी। सिराज ने इस सीरीज़ में 185.3 ओवर की गेंदबाज़ी की और सर्वाधिक 23 विकेट चटकाने वाले गेंदबाज़ रहे। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जब सिराज आए तो वह अपने चेहरे पर मुस्कान साथ लाए थे।

सिराज ने कहा, "लगभग 187 ओवर की गेंदबाज़ी की लेकिन शरीर अभी ठीक है। जब आप देश के लिए केल रहे होते हैं तो आप अपना सबकुछ देते हैं। आप अधिक नहीं सोचते कि आप कौन सा ओवर डाल रहे हैं। मुझे फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं सोचता हूं कि मैं हर अपने देश के लिए डाल रहा हूं, अपने लिए नहीं। तब आराम मायने नहीं रखता।"

सिराज भारत के कई बेहतरीन लम्हों का हिस्सा रहे हैं, इसमें 2020-21 का ऑस्ट्रेलिया दौरा भी शामिल है जब भारत ने अजिंक्य रहाणे की अगुवाई में गाबा में जीत दर्ज करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी 2-1 से अपने नाम की थी। हालांकि सिराज का मानना है कि ड्रॉ हुई यह सीरीज़ उस सीरीज़ से थोड़ी ऊपर मानी जाएगी।

सिराज ने कहा, "मैं इसे ज़्यादा रेट करूंगा क्योंकि हमने इस पूरी सीरीज़ में लड़ाई लड़ी है और हर टेस्ट अंतिम दिन तक गया है। ड्रेसिंग रूम में विश्वास था और हम सभी को यह भरोसा था कि सुबह में भी हम यह मैच जीत सकते हैं।"

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी में कई ऐसे पल घटित हुए जिन्हें लंबे समय तक भुलाया नहीं जा सकेगा, इसमें सिराज से जुड़े दो क्षण ऐसे भी थे जो उनके लिए सुखद नहीं थे। पहला लॉर्ड्स में शोएब बशीर की गेंद पर बोल्ड होना और दूसरा रविवार की सुबह ब्रूक का कैच ना लपक पाने से निराश होकर अपना चेहरा ढक लेना।

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सिराज ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं ही इन क्षणों में क्यों रहता हूं। निश्चित तौर पर लॉर्ड्स में मेरे साथ अच्छा नहीं हुआ लेकिन ईश्वर ने मेरे लिए ज़रूर कुछ अच्छा लिखा हुआ था तभी मैं आज यहां आप सभी के सामने हूं।"

सिराज को पता है कि वो यहां क्यों हैं। उन्होंने अपनी धारदार गेंदबाज़ी से भारत को टेस्ट में रनों के अंतर से सबसे छोटी जीत दिलाई है जो कई मायनों में बहुत बड़ी जीत है।

सिराज ने कहा, "अपने गेम के प्रति ईमानदार रहना ज़रूरी है। ख़ुद पर भरोसा रखिए क्योंकि बिना भरोसा रखे कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।"

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नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं।