अतीत से सीख लेते हुए हम दबाव वाले क्षणों में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे : झूलन
वनडे विश्व कप से पहले भारतीय महिला टीम न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ एक टी20 और 5 वनडे मैचों की श्रृंखला खेलेगी

भारतीय टीम 2017 और 2020 के बीच तीन विश्व स्तरीय टूर्नामेंटों में नॉकआउट स्टेज तक पहुंची है। इसके बावजूद उन्हें अभी भी अपने पहले विश्व कप ख़िताब का इंतज़ार है। दबाव के माहौल में हर बार भारतीय खिलाड़ियों की मानसिक मज़बूती जांच के दायरे में होती है।
वनडे विश्व कप के उपविजेता के तौर पर एक बार फिर से भारतीय टीम 6 मार्च से न्यूज़ीलैंड में अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत करेगी। भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी का मानना है कि पुरानी ग़लतियों से सीख लेते हुए उनकी टीम इस बार बड़े मैचों में बढ़िया प्रदर्शन करेगी।
पांच वनडे विश्व कप में शरीक होने का सोभाग्य सिर्फ सात महिला खिलाड़ियों का प्राप्त हुआ है।अब इस सूची में झूलन का भी नाम जुड़ने वाला है। झूलन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ों से कहा, "अगर आप वेस्टइंडीज़ (2018) में टी 20 विश्व कप के फ़ाइनल सहित पिछले तीन विश्व कप को देखें, तो हमारे पास बहुत अच्छा मौक़ा था। हमने बढ़िया क्रिकेट खेला। हालांकि 2018 के सेमीफ़ाइनल के दबाव को और साथ ही 2017 के वनडे विश्व कप फ़ाइनल में जो हुआ, हम उसे नकार नहीं सकते हैं। आप इस सूची में 2020 के टी 20 विश्व कप को भी रख सकते हैं।"
"दबाव एक अंतिम बाधा की तरह था जिससे हम हर बार-बार ठोकर खा रहे थे और असफल हो रहे थे। शायद इस साल हम एक टीम के रूप में दबाव वाले मैचों में बेहतर प्रतिक्रिया देने में सक्षम होंगे। इसमें कोई दो मत नहीं है कि यह खेल बहुत अप्रत्याशित है, लेकिन उम्मीद है कि पिछले कुछ विश्व कप में हमसे जो ग़लतिया हुई हैं, उनसे हम काफ़ी कुछ सीखते हुए आगे बढ़ेंगे। इस विश्व कप में हमने जिस तरीके की तैयारी की है, वह भी हमें बड़े मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।"
नॉकआउट मुकाबलों में लचर प्रदर्शन करना भारतीय महिला टीम की प्रवृत्ति में शामिल हो गया है। हाल ही में विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने दो फ़ाइनल में इस बात को और भी ज़्यादा स्पष्ट कर दिया है। पहले मैच के उदाहरण के तौर पर हम 2017 के वनडे विश्व कप को लिया जा सकता है, जहां भारत फ़ाइनल में मेज़बान इंग्लैंड से 9 रनों से हार गई थी। इसके बाद भारतीय टीम 2020 के टी 20 विश्व कप फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी, जहां ख़राब फील्डिंग और ख़राब गेंदबाज़ी के कारण टीम को हार का सामना करना पड़ा।
दोनों अवसरों पर रिकॉर्ड भीड़ मैदान पर मौजूद थी। इस हार के बाद आलोचकों और प्रशंसकों ने भारत की हार का कारण दबाव में किए गए ख़राब प्रदर्शन को माना था। गोस्वामी ने कहा, "मुझे लगता है कि लोग हमारी आलोचना कर सकते हैं। हालांकि यह(दबाव) कुछ ऐसा है, जिससे निपटने के लिए हम धीरे-धीरे निपुण हो रहे हैं। रातोंरात हमारे खिलाड़ी इस समस्या को दूर नहीं सकते। हां, मैं यह ज़रूर कह सकती हूं कि हम दबाव में खेलना सीख रहे हैं। हमने अतीत में जो भी अनुभव एकत्र किया है, उससे हम सीखते हुए, इस टूर्नामेंट में हम बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे।"
"मैं अपनी टीम के साथियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकती हूं। वे मानसिक रूप से बहुत मज़बूत हैं। जब भी हम किसी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का सामना करते हैं तो हमारे टीम के सभी खिलाड़ी उसे स्वीकार करते हैं और उसके प्रति एक सकारात्मक प्रतिक्रिया देने का प्रयास करते हैं। इसलिए मुझे बहुत उम्मीद है कि इस टूर्नामेंट में अतीत से सीख लेते हुए हमारे खिलाड़ी बढ़िया प्रदर्शन करने वाले हैं।"
न्यूज़ीलैंड की पिचों को पारंपरिक रूप से तेज़ गेंदबाज़ों के अनुकूल माना जाता है। सीम गेंदबाज़ गोस्वामी, 340 विकेट के साथ महिलाओं क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी हैं और 2021 में वनडे मैचों में 15 विकेट के साथ भारत की सबसे सफल गेंदबाज़ हैं। वह आगामी द्विपक्षीय मुकाबलों और विश्व कप में भारतीय टीम के पेस अटैक की अगुवाई करेंगी। आपको बता दें कि 18 सदस्यी टीम में अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ शिखा पांडे को शामिल नहीं किया गया है।
39 वर्षीय गोस्वामी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि द्विपक्षीय श्रृंखला भारत को विश्व कप से पहले "हवादार परिस्थितियों" और "हमारी त्रुटियों को ठीक करने" के लिए बेहतर तरीके से अभ्यस्त होने में मदद कर सकती है।
गोस्वामी ने कहा, "कोई भी विश्व कप अपने साथ दबाव, ढेर सारी उम्मीद और अप्रत्याशित तत्वों के साथ आता है। किसी भी खेल का यह मूल तत्व है। लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से और एक टीम के एक इकाई के रूप में उम्मीद करती हूं कि हम सकारात्मक तरीके से किसी भी दबाव से निपटने के लिए खुद की क्षमताओं पर विश्वास करें। हमें अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहिए क्योंकि मुझे लगता है कि अगर हम खुद को व्यक्त करना चाहते हैं तो हमारी तैयारियां सही होनी चाहिए।"
भारतीय महिला टीम 16 जनवरी से मुंबई में क्वारेंटीन में है और 24 जनवरी को न्यूज़ीलैंड के लिए प्रस्थान करने वाली है। न्यूज़ीलैंड में प्रवेश करने के बाद उन्हें फिर से कम से कम सात-दिवसीय कठिन क्वारेंटीन से गुजरना पड़ सकता है। 9 फरवरी को भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पहला और एकमात्र टी20 मैच खेला जाएगा। उसके बाद 5 वनडे मैचों की सीरीज़ का आयोजन होगा।
ऑन्नेशा घोष ESPNcricinfo की सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी की सब एडिटर राजन राज ने किया है।
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