आंकड़े : नीतू डेविड के बाद टेस्ट पारी में आठ विकेट लेने वाली सिर्फ़ दूसरी महिला गेंदबाज़ बनीं गार्डनर
ऐशेज़ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की जीत और बने कई यादग़ार रिकॉर्ड्स

21 ऑस्ट्रेलिया के नाम महिला टेस्ट क्रिकेट में अब 21 जीत दर्ज हो गए हैं, जो कि इस फ़ॉर्मेट में किसी भी टीम के लिए सर्वाधिक है। इससे पहले 20 टेस्ट जीत के साथ यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम था।
1 2015 के नॉटिंघम ऐशेज़ टेस्ट के बाद यह पहला महिला टेस्ट है, जिसका कोई परिणाम निकला है। तब भी ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हराया था। इसके बाद आठ सालों में सिर्फ़ छह महिला टेस्ट हुए हैं, फिर भी दुर्भाग्य से इनमें से एक का भी परिणाम नहीं निकला है और सब ड्रॉ रहे हैं। पांच दिन के टेस्ट को भी इस परिणाम से जोड़ा जा सकता है, जो कि 31 साल बाद महिला क्रिकेट मे खेला जा रहा था।
1371 इस मैच में कुल 1371 रन बने, जो कि महिला टेस्ट क्रिकेट में अब सर्वाधिक है। इससे पहले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1998 के गिलफ़ोर्ड टेस्ट में 1143 रन बने थे। इस मैच का स्कोरिंग रेट (रन/ओवर) 3.67 था, जो कि फिर से महिला टेस्ट क्रिकेट के 145 मैचों के इतिहास में सर्वाधिक है।
8/66 ऑस्ट्रेलिया की ऑफ़ स्पिनर ने ऐश्ली गार्डनर ने इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान 8/66 के आंकड़े दर्ज किए। वह टेस्ट पारी में आठ विकेट लेने वाली सिर्फ़ दूसरी महिला गेंदबाज़ बन गई हैं। महिला टेस्ट क्रिकेट में पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी का रिकॉर्ड पूर्व भारतीय स्पिनर नीतू डेविड के नाम है, जिन्होंने 1994 के जमशेदपुर टेस्ट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 8/53 के आंकड़े दर्ज किए थे।
12 गार्डनर ने इस मैच में कुल 12 विकेट लिए। इससे पहले सिर्फ़ पाकिस्तान की शाज़िया ख़ान ने किसी मैच में 12 या उससे अधिक विकेट लिए थे, जब उन्होंने 2004 के कराची टेस्ट में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 226 रन देकर 13 खिलाड़ियों को चलता किया था। कुल मिलाकर यह महिला टेस्ट मैच में दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आंकड़ा है।
1 इंग्लैंड की स्पिनर सोफ़ी एकलस्टन ने भी मैच में 10 विकेट लिए। यह महिला टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ़ पहला मौक़ा है, जब किसी मैच में दो गेंदबाज़ों ने 10 या उससे अधिक विकेट लिया है। एकलस्टन ने दोनों पारियों में 5-5 विकेट लिए। यह सिर्फ़ दूसरा मौक़ा है, जब एक महिला टेस्ट में तीन पांच-विकेट हॉल शामिल हो। इससे पहले ऐसा ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच 1934 के ब्रिस्बेन टेस्ट में हुआ था, जो कि महिला क्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट मैच था।
463 इंग्लैंड ने इस मैच की पहली पारी के दौरान 463 रन बनाए लेकिन फिर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह हार के दौरान किसी टीम का पारी में सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड है। इससे पहले 2006 के टॉन्टन टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत के ख़िलाफ़ फ़ॉलोऑन खाने के बाद दूसरी पारी में 305 रन बनाया था, फिर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 1969 के क्राइस्टचर्च टेस्ट में मेज़बान न्यूज़ीलैंड ने पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दोनों पारियों में मिलाकर कुल 468 रन बनाए थे, लेकिन फिर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद यह सिर्फ़ दूसरी बार हुआ है, जब किसी टीम ने किसी टेस्ट में 450+ का योग खड़ा किया हो और उन्हें फिर भी हार का सामना करना पड़ा।
230 पहली पारी में शानदार दोहरा शतक लगाने वाली इंग्लैंड की सलामी बल्लेबाज़ टैमी बोमॉन्ट ने इस मैच में कुल 230 रन बनाए, जो कि किसी मैच में किसी बल्लेबाज़ का दूसरा सर्वाधिक योग है। इससे पहले पाकिस्तान की किरन बलूच ने 2004 के कराची टेस्ट में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दोनों पारियों में मिलाकर 242 रन बनाए थे।
1 बोमॉन्ट ने इंग्लैंड के लिए इस फ़ॉर्मेट में पहला दोहरा शतक लगाया। उनका 208 का स्कोर इस फ़ॉर्मेट में पांचवां सर्वाधिक स्कोर है। हालांकि उनका यह दोहरा शतक टीम की हार के दौरान आया। महिला टेस्ट में इससे पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ, जब किसी बल्लेबाज़ ने एक पारी क्या, मैच की दोनों पारियों में कुल मिलाकर 150 या उससे अधिक रन बनाए, लेकिन फिर भी उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा हो।
4 एकलस्टन से पहले सिर्फ़ चार ही बार ऐसा हुआ है, जब किसी गेंदबाज़ ने मैच की दोनों पारियों में पांच विकेट लिए हो। और ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी महिला टेस्ट में किसी गेंदबाज़ ने मैच में दस विकेट लिए हो, लेकिन उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा।
संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैट्स टीम के सदस्य हैं
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