शेफ़ाली से गेंदबाज़ी कराने पर हरमनप्रीत : मुझे पता था कि आज उसका दिन है
शेफ़ाली ने फ़ाइनल में 87 रनों की पारी खेलने के साथ ही दो विकेट हासिल किए
महिला विश्व कप 2025 के फ़ाइनल में 299 रनों के लक्ष्य का पीछे करने उतरी साउथ अफ़्रीका की पारी के दौरान जब भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने सलामी बल्लेबाज़ शेफ़ाली वर्मा को गेंद थमाई तब उन्हें इस बात का आभास हो गया था कि आज शेफ़ाली का दिन है।
शेफ़ाली ने फ़ाइनल जैसे अहम मौक़े पर पहले बल्ले से 87 रनों की पारी खेली और फिर उन्होंने दो अहम विकेट झटकते हुए भारत को विश्व ख़िताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इस मैच से पहले अब तक खेले 30 वनडे में शेफ़ाली ने मात्र 14 ओवरों की गेंदबाज़ी की थी और उन्हें एक ही विकेट हासिल हुआ था। हालांकि लॉरा वुलफ़ार्ट और सुने लूस की 52 रनों की साझेदारी तोड़ने में उन्हें सिर्फ़ दो गेंदें लगी और उन्होंने एक बढ़िया रिटर्न कैच पकड़ा। इसके बाद अपने दूसरे ही ओवर की पहली गेंद पर शेफ़ाली को मारीज़ान काप का विकेट मिल गया।
पुरस्कार समारोह में हरमनप्रीत ने कहा, "लॉरा और सुने जब बल्लेबाज़ी कर रही थीं तब साउथ अफ़्रीका मज़बूत स्थिति में लग रही थी। और फिर मैंने शेफ़ाली को देखा, जिस तरह से उन्होंने आज बल्लेबाज़ी की थी मुझे पता था कि आज उनका दिन है। वह आज कुछ अलग कर रही थीं इसलिए मुझे लगा कि मुझे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुननी चाहिए। अगर मेरा दिल कह रहा है कि मुझे उसे कम से एक ओवर देना चाहिए, तो मैं दूंगी।"
"और फिर मैंने उससे पूछा, 'क्या तुम एक ओवर करोगी?'और वह इस तरह से तैयार थीं जैसे वह ख़ुद टीम के लिए गेंदबाज़ी करना चाह रही हों। मुझे लगता है कि हमारे लिए यह टर्निंग प्वाइंट था।"
शेफ़ाली को विश्व कप दल में जगह तब मिली जब भारत के अंतिम लीग मैच में प्रतिका रावल चोटिल होने के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गईं।
"जब वह टीम में आईं तो हमने उनसे कहा था कि उन्हें दो-तीन ओवर करने पड़ सकते हैं। और तब उन्होंने कहा, 'अगर आप मुझे गेंदबाज़ी देंगी तो मैं टीम के लिए पूरे 10 ओवर गेंदबाज़ी करना चाहूंगी।' यह दर्शाता है कि वह टीम के लिए गेंदबाज़ी करने के लिए आत्मविश्वास से कितनी ज़्यादा भरी हुई थीं। इसका श्रेय उन्हें जाता है, वह काफ़ी सकारात्मक थीं।"
मैच में ऐसे पल भी जाए जब भारत का स्कोर अपर्याप्त लगने लगा। ख़ासकर जब वुलफ़ार्ट शतक की ओर बढ़ रही थीं और इस दौरान जब उन्होंने तेज़मिन ब्रिट्स, लूस और अनरी डर्कसन के साथ अर्धशतकीय साझेदारियां की। हालांकि आवश्यक रन रेट बढ़ रहा था और दीप्ति शर्मा की मदद से साउथ अफ़्रीका ने 37 रनों के भीतर अपने पांच विकेट गंवा दिए।
हरमनप्रीत ने कहा, "हमें साउथ अफ़्रीका को इसका श्रेय देना होगा, उन्होंने काफ़ी अच्छी क्रिकेट खेली। लेकिन अंतिम क्षणों में वह पैनिक कर गए और हमने वहां मैच पर पकड़ बना ली। लीग स्टेज में जब हम लगातार तीन मैच हारे तब भी हमें विश्वास था कि यह टीम इतनी ख़ास है कि तस्वीर बदल सकती है। इसलिए श्रेय टीम के हर एक सदस्य को जाता है। वे काफ़ी सकारात्मक रहे, उन्हें पता था कि हमें अगले तीन मुक़ाबलों में क्या करना है।"
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