हार्ट सर्जरी के बाद संघर्ष के रास्ते अपनी 'नई पारी' के लिए तैयार हैं यश ढुल
2024 में दिल में छेद का पता लगने के बाद ढुल की सर्जरी हुई और तमाम उतार-चढ़ाव झेलने के बाद दलीप ट्रॉफ़ी के जरिये वह फिर से राष्ट्रीय फलक पर चमकने की तैयारी कर रहे हैं

यश ढुल के लिए पिछला एक साल रोलर कोस्टर की तरह रहा। जून 2024 में उन्हें पता चला कि उनके दिल में 17 मिलीमीटर का एक छेद है। इसके बाद उनकी सर्जरी हुई और वह कुछ महीनों तक सिर्फ़ बिस्तर पर ही रहे। अगस्त 2024 में उन्होंने दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) से क्रिकेट में वापसी की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं रही। तबियत फिर से ख़राब होने के कारण उन्हें कप्तानी और लीग दोनों छोड़नी पड़ी।
ठीक एक साल बाद, DPL के ज़रिए ढुल घरेलू क्रिकेट और उसके ज़रिए IPL व राष्ट्रीय क्रिकेट की चर्चाओं में फिर से वापस आना चाहते हैं। DPL 2025 में अब तक छह पारियों में तीन बार नाबाद रहते हुए उन्होंने 121.33 की बेहतरीन औसत और 172.51 के स्ट्राइक रेट से दो शतकों और दो अर्धशतकों के साथ 364 रन बनाए हैं और फ़िलहाल रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। इसके अलावा उनका चयन 28 अगस्त से शुरू हो रहे दलीप ट्रॉफ़ी में भी हुआ है, जहां वह नॉर्थ ज़ोन की तरफ़ से खेलते हुए दिखाई देंगे।
पिछले एक साल को याद करते हुए ढुल ESPNcricinfo से बताते हैं, "यह पिछले साल लगभग इसी समय की बात है। जून-जुलाई रहा होगा, मुझे ठीक-ठीक याद नहीं क्योंकि मैं उस समय को भूल जाना चाहता हूं। बहुत कठिन समय था। मैं सर्जरी नहीं करवाना चाहता था, क्योंकि DPL और उसके तुरंत बाद घरेलू सीज़न आ रहा था। लेकिन डॉक्टर ने कहा कि सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सर्जरी होने के एक महीने बाद तक तो मैं बिस्तर पर ही रहा।"
"इसके बाद जब मैंने धीरे-धीरे क्रिकेट के मैदान पर वापसी की कोशिश की, तो शरीर साथ नहीं दे रहा था। थोड़ा सा दौड़ता था, तो ब्लड प्रेशर (बीपी) एकदम से बढ़ जाता था, दिल की धड़कने तेज़ हो जाती थीं और सांस तुरंत से फूलने लगती थी। डॉक्टर ने बताया कि अतिरिक्त प्रयास करने पर बीपी शूट हो सकता है और ऑन द स्पॉट कुछ भी हो सकता है। मेरी दवाईयां भी बहुत ज़्यादा थीं, जिससे नींद बहुत आती थी और पूरा शरीर धीमा हो जाता था। इस वजह से मुझे DPL से पीछे हटना पड़ा और वापस बेड रेस्ट पर जाना पड़ा।"
इसके बाद ढुल के पास डेढ़ महीने का समय था, जहां वह अपनी फ़िटनेस को फिर से प्राप्त करते और घरेलू सीज़न में वापसी करते। इस दौरान ढुल के परिवार, डॉक्टरों और कोचों ने उनका पूरा साथ दिया और शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से उनके पीछे खड़े रहे। इस बार ढुल ने कोई जल्दबाज़ी नहीं की। उन्होंने छोटे-छोटे क़दमों के साथ आगे बढ़ने की ठानी और जब 2024-25 का रणजी ट्रॉफ़ी हुआ तो उन्होंने दिल्ली की तरफ़ से सभी सात मैच खेलते हुए 49.33 की औसत से दो शतकों के साथ 444 रन बनाए, जो दिल्ली के लिए कप्तान आयुष बदोनी के बाद दूसरा सर्वाधिक था।
ढुल बताते हैं, "मैं वापसी करूंगा, इस पर मुझे कभी भी शक़ नहीं था। मुझे अपने आप पर भरोसा था कि मैं सही समय आने पर ना सिर्फ़ क्रिकेट में वापसी करूंगा बल्कि अच्छा प्रदर्शन भी करूंगा। इस दौरान मेरे परिवार, कोच और डॉक्टरों ने मेरा पूरा समर्थन किया। मेरे डॉक्टर युगल मिश्रा सर मुझे हमेशा सकारात्मक रखते थे और उनसे अभी भी मेरी बात होती रहती है। तमिलनाडु के ख़िलाफ़ शतक मेरे करियर की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी क्योंकि तब तक मेरे परिवार को भी थोड़ा डर था कि क्या मेरी इतनी स्टेमिना बन चुकी है कि मैं लंबी पारी खेल सकूं? लेकिन एक दबाव वाले मैच में मैंने ना सिर्फ़ शतक बनाया बल्कि तमिलनाडु की अच्छी टीम के ख़िलाफ़ पूरे दिन बल्लेबाज़ी की। यह मेरे लिए एक संतुष्ट होने वाली पारी थी।"
सफल सर्जरी के बाद ढुल ने अगस्त 2024 में अपने परिवार को शुक्रिया कहने के लिए अपने हाथ पर यह टैटू गुदवाया था
तमिलनाडु के ख़िलाफ़ शतक लगाने के बाद ढुल ने बहुत ही आक्रामक ढंग से हेल्मेट उतारकर, अपने दोनों बाहों को फैलाकर और चिल्लाते हुए अपने शतक का जश्न मनाया था। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू भी थे। वैसा ही सेलिब्रेशन फिर से तब देखने को मिला, जब उन्होंने DPL 2025 का अपना पहला शतक लगाया। जश्न के इस तरीके पर बात करते हुए ढुल कहते हैं, "सर्जरी के कारण अपने करियर में मैं एकदम से पीछे आ गया था। कभी-कभी तो लगता था कि मैं दोबारा फिर से कभी क्रिकेट खेल नहीं पाऊंगा। इसलिए जब भी मैं शतक लगाता हूं तो मेरे इमोशन थोड़े बाहर आ जाते हैं। यह अंदर से अपने आप ही निकलता है।"
फ़रवरी 2022 में भारत के लिए अंडर-19 विश्व कप जीतने के बाद सीनियर क्रिकेट में ढुल का उभार बहुत तेज़ी से हुआ था। अंडर-19 ख़िताब जीतने के दो सप्ताह बाद ही ढुल दिल्ली की रणजी टीम में थे, जहां दोनों पारियों में शतक के साथ उन्होंने सीनियर क्रिकेट में क़दम रखा। इसके बाद उसी साल वह दलीप ट्रॉफ़ी और ईरानी ट्रॉफ़ी के लिए भी चुने गए और फिर उन्होंने घरेलू सीमित ओवर क्रिकेट में भी डेब्यू किया। दलीप ट्रॉफ़ी में अपने डेब्यू पर भी ढुल ने नॉर्थ ज़ोन से खेलते हुए ईस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ शतकीय पारी (193) खेली थी। दिसंबर 2022 में बांग्लादेश दौरे के लिए वह भारत ए की टीम में पहली बार चुने गए और उसी महीने उन्हें दिल्ली रणजी टीम की कप्तानी भी मिल गई। इस दौरान 2022 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) की तरफ़ से उन्हें IPL कॉन्ट्रैक्ट मिला और 2023 में जब भारत की इमर्जिंग एशिया कप टीम की चयन हुआ तो वह टीम के कप्तान थे।
ढुल ने कई मौक़ों पर बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन निरंतरता की कमी उनमें साफ़ दिखी। धीरे-धीरे वह चयनकर्ताओं के रडार में नीचे जाने लगे और IPL 2025 के लिए जब बड़ी नीलामी हुई, तो उन्हें किसी भी टीम ने नहीं ख़रीदा। ढुल कहते हैं कि तीन साल के करियर और इस उतार-चढ़ाव ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है और वह इससे सबक लेकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
दार्शनिक अंदाज़ में वह कहते हैं, "आप कोई भी स्पोर्ट्सपर्सन हो, आपके करियर में उतार-चढ़ाव आएंगे ही और आपको उससे सीख के ही ऊपर जाना है। अगर ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव नहीं आएंगे तो आप सीखेंगे कैसे? ज़िंदगी की हमारी यात्रा में सफलता का हिस्सा बहुत कम होता है, जबकि संघर्ष आते रहते हैं। पहले मैं अपने अतीत में रहता था और आगे के बारे में बहुत अधिक सोचता था। इससे जो वर्तमान में जो मौक़े मिलते थे, मैं उसे ठीक से भुना नहीं पाता था। अब मैं वर्तमान में रहने की कोशिश कर रहा हूं और जो मौक़े मेरे पास आ रहे हैं, उनको महत्व दे रहा हूं।
"अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मेरा फ़िलहाल का क्या लक्ष्य है तो मैं अभी DPL खेल रहा हूं और मेरा अगला लक्ष्य मेरा आने वाला अगला DPL मैच है। इसके बाद मुझे दलीप ट्रॉफ़ी खेलना है, तो वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा। अपनी इस नई पारी में अब मैं स्टेप बाय स्टेप चल रहा हूं और ज्यादा आगे का नहीं सोच रहा। मैं अब वर्तमान में रहता हूं और उस मोमेंट को एन्जॉय करता हूं। अगर मैं परफ़ॉर्म करता रहूंगा, तो चीज़ें अपने आप आती रहेंगी। मुझे बस अपना काम करते हुए सही समय का इंतज़ार करना है।"
फ़िलहाल ढुल अपनी इस 'नई पारी' के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं।
इस स्टोरी को अंग्रेज़ी में यहां पढ़ें।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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