अश्विन और जाडेजा के पलटवार के चलते बेहतर से बदतर स्थिति में पहुंचा बांग्लादेश
अश्विन और जाडेजा 195 रनों की नाबाद साझेदारी कर पवेलियन लौटे हैं
नवनीत झा
19-Sep-2024
भारत 339/6 (अश्विन 102*, जाडेजा 86* और महमूद 58/4) बनाम बांग्लादेश
बांग्लादेश चेन्नई टेस्ट के पहले दिन टॉस से लेकर पहले दो सत्र तक भारत पर हावी था लेकिन अंतिम सत्र में दो भारतीय खिलाड़ियों ने बांग्लादेश को बेहतर से बदतर स्थिति में पहुंचा दिया। रविचंद्रन अश्विन ने अपने टेस्ट करियर का छठा और सबसे तेज़ शतक जड़ दिया। चेन्नई के मैदान पर यह अश्विन का लगातार दूसरा टेस्ट शतक भी है और वह सचिन तेंदुलकर के बाद ऐसा करने वाले सिर्फ़ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
रवींद्र जाडेजा भी पहले दिन के खेल की समाप्ति पर शतक के क़रीब आकर नाबाद ही पवेलियन लौटे हैं। दोनों के बीच अब तक 195 रनों की साझेदारी भी हो चुकी है जो कि इन दोनों के बीच अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी भी है। इससे पहले दोनों ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2021 में 130 रनों की साझेदारी की थी। लेकिन ऐसी स्थिति में पहुंचना भारत के लिए आसान नहीं था क्योंकि भारतीय टीम 144 के स्कोर पर ही अपने छह विकेट गंवा चुकी थी और सेट बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल भी अर्धशतक बना कर पवेलियन लौट चुके थे।
आम तौर पर भारत में टेस्ट की चौथी पारी में बल्लेबाज़ी करना किसी भी टीम को पसंद नहीं होता। लेकिन बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शान्तो ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया। इतना ही नहीं ख़ुद रोहित शर्मा ने भी टॉस हारने के बाद यही कहा कि वह भी पहले गेंदबाज़ी ही करते। रोहित के इस दावे को अतिशयोक्ति के पैमाने पर खरा करना इसलिए भी तर्कसंगत नहीं था क्योंकि भारतीय टीम के एकादश में तीन तेज़ गेंदबाज़ों को शामिल किया गया था।
पहले सत्र के पहले घंटे ने ही यह दर्शा दिया कि दोनों टीमों के कप्तान क्यों पहले गेंदबाज़ी करना चाहते थे। जब तक दूसरा सत्र समाप्त हुआ तब तक भारतीय टीम का एक भी प्रमुख बल्लेबाज़ क्रीज़ पर नहीं बचा था। लेकिन तीसरे सत्र में जो कुछ हुआ उसकी उम्मीद बांग्लादेश ने भी नहीं की होगी। भारतीय पारी को उसकी स्पिन जोड़ी - अश्विन और जाडेजा ने न सिर्फ़ संकट से उबार दिया बल्कि दिन के खेल की समाप्ति पर अब भारतीय टीम बांग्लादेश से बेहतर स्थिति में है।
हसन महमूद के चार झटकों के बाद भारतीय पारी को जायसवाल और केएल राहुल ने दोबारा संभालना शुरु किया ही था कि लगातार दो ओवर के अंतराल में दोनों क्रमशः नाहिद राणा और मेहदी हसन मिराज़ का शिकार हो गए। भारतीय पारी के ऊपर जल्द सिमटने का खतरा मंडरा रहा था। हालांकि चेन्नई की परिस्थितियों से भली भांति अवगत जाडेजा और लोकल ब्वॉय अश्विन ने काउंटर अटैक शुरु कर दिया। जल्द ही टी ब्रेक भी हो गया और अब इन दोनों को तीसरे सत्र में नए सिरे से शुरुआत करनी थी। तीसरे सत्र में आने के बाद भी इन दोनों की शैली में कोई बदलाव नहीं आया और बांग्लादेश के आक्रमण के ऊपर धावा बोल दिया।
स्पिन जोड़ी के बल्ले के साथ तेज़ आक्रमण के आगे बांग्लादेशी आक्रमण के हौसले पस्त पड़ने लगे। पहले दोनों सत्र में भारत ने तीन-तीन विकेट खोकर 88 रन बनाए थे। लेकिन तीसरे सत्र के पहले 19वें ओवर में भारत 95 रन और जोड़ चुका था और दोनों ही बल्लेबाज़ अपना अर्धशतक पूरा कर चुके थे। पहले दो सत्र में 48 ओवरों के खेल में कुल 176 रन आए लेकिन तीसरे सत्र में भारत के स्कोर बोर्ड पर 163 रन जुड़ गए।
जाडेजा जब सिर्फ़ 13 के निजी स्कोर पर थे तब तीसरे सत्र की शुरुआत में ही अंपायर ने महमूद की गेंद पर उन्हें लेग बिफ़ोर विकेट (LBW) करार दे दिया था लेकिन DRS ने जाडेजा को बचा लिया क्योंकि गेंद उनके बल्ले से लगकर पैड पर लगी थी। पहले दिन DRS ने भारत का पारी की शुरुआत में भी साथ दिया। महमूद की ही गेंद रोहित के पैड से टकरा गई थी, हालांकि बांग्लादेश द्वारा DRS लेने पर रोहित अम्पायर्स कॉल के चलते बच गए। लेकिन रोहित ज़्यादा देर तक इसका फ़ायदा नहीं उठा पाए और महमूद की एक गेंद एंगल के साथ अंदर आती हुई प्रतीत होने पर रोहित बल्ला अड़ाने के लिए मजबूर हो गए। हालांकि गेंद पड़ने के बाद सीधी रह गई और स्लिप के पास चली गई।
रोहित के रूप में पहला झटका लगने के बाद भारत को अगले दो झटके 20 रनों के भीतर ही लग गए। 34 के स्कोर पर भारतीय टीम के तीन विकेट गिर चुके थे। मुंबई की लाल मिट्टी चेन्नई में महमूद के काम आ रही थी और ओवरकास्ट परिस्थितियों ने शान्तो के पहले गेंदबाज़ी करने के निर्णय और रोहित की चाहत पर मुहर लगा दी थी। लंच ब्रेक के दौरान गंभीर और अभिषेक नायर विकेट को देखने भी आए थे कि आगे विकेट आगे कैसा बर्ताव कर सकता है।
बाएं हाथ के बल्लेबाज़ जायसवाल क्रीज़ पर मौजूद थे लेकिन इसके बावजूद ऋषभ पंत को राहुल से ऊपर प्रमोट किया गया। पंत ने अपने चित परिचित अंदाज़ में शुरुआत की और जायसवाल के साथ पारी को संभाल लिया। लंच तक दोनों (पंत 33* और जायसवाल 37*) नाबाद ही पवेलियन लौटे।
दूसरे सत्र में भारतीय पारी अच्छी स्थिति में पहुंचती इससे पहले ही पंत शरीर से दूर जाती गेंद पर शॉट खेलने के चक्कर में कॉट बिहाइंड हो गए। पंत का हाव भाव यह दर्शा रहा था कि वो ख़ुद से कितने निराश हैं। चेहरे पर यह निराशा विराट कोहली की ओर से भी झलकी थी जब वो ख़ुद भी महमूद की ही बाहर जाती गेंद को दूर से कवर ड्राइव करने पर मजबूर हो गए थे। महमूद को मिले पहले चार विकेटों में तीन विकेट ऐसे थे जो बल्लेबाज़ की ग़लती के कारण आए थे। शुभमन गिल ने भी लेग स्टंप के बाहर जाती गेंद को फ्लिक के प्रयास में कीपर के हाथों में कैच दे दिया था।
पंत ख़ुद भी जब 21 पर थे तब तस्कीन के ओवर में पंत ने पुल खेला लेकिन डीप स्क्वायर लेग पर शाकिब अल हसन ने गेंद को जज करने में देर कर दी। पंत ने पुल शॉट खेलते समय उस गेंद को दबाया था जिसके चलते गेंद डिप कर रही थी और इसी वजह से गेंद शाकिब के पहले भी गिर गई। पंत जब 31 पर थे तब तस्कीन के ओवर में ही गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप के बीच में से चली गई। अगर दूसरी स्लिप के फ़ील्डर आगे खड़े रहते तो कैच बन सकता था। रोहित जिस गेंद पर आउट हुए थे उस गेंद पर भी एक लो कैच ही लपका गया था। हालांकि शतकवीर अश्विन जब ख़ुद सिर्फ़ 26 के निजी स्कोर पर थे तब उनके बल्ले से बाहरी किनारा लगा था लेकिन तब तीसरी स्लिप के फ़ील्डर के अपनी जगह से आगे खड़े रहने के चलते कैच का मौक़ा नहीं बन पाया।
बांग्लादेश को पहले दिन उन दो बल्लेबाज़ों ने बेहतर से बदतर स्थिति में पहुंचाया जो प्रमुख रूप से स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर की भूमिका में हैं। लेकिन ख़ुद बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर शाकिब अल हसन कुछ ख़ास नहीं कर पाए। शाकिब पकिस्तान में गेंद से प्रभावित करने के बाद काउंटी में भी बेहतर प्रदर्शन कर भारत आए थे लेकिन उन्हें गेंदबाज़ी करने का मौक़ा ही 53वें ओवर में मिला और जाडेजा अश्विन की जोड़ी ने पहले ही ओवर में चौका और छक्का जड़कर उनके हौसले पस्त कर दिए।
बांग्लादेश के पास दल में तैजुल इस्लाम के रूप में एक प्रमुख स्पिन गेंदबाज़ का विकल्प मौजूद था लेकिन बांग्लादेश ने पाकिस्तान दौरे
के अपने विनिंग कॉम्बिनेशन से छेड़छाड़ करना मुनासिब नहीं समझा। बांग्लादेश ने भारत को कुछ वैसे ही संकट से उबरते देखा जैसा कुछ ही दिन पहले ख़ुद बांग्लादेश ने 26 पर छह विकेट गंवाने के बाद मैच का पासा पलट दिया था। शुरुआत में जब तेज़ गेंदबाज़ों को परिस्थितियां मदद कर रही थीं उस समय भी बांग्लादेश के तेज़ गेंदबाज़ स्विंग का फ़ायदा उठाने के बजाय काफ़ी शॉर्ट गेंदें भी कर रहे थे। पाकिस्तान दौरे पर प्रभावित करने वाले नाहिद राणा अपनी लंबी क़द काठी के अनुरूप तेज़ शॉर्ट गेंदों से बल्लेबाज़ों को छकाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन फ़ुलर गेंद करने के प्रयास में दो बार वह ओवरस्टेप भी कर गए।
नवनीत झा ESPNcricinfo में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।