शाकिब अल हसन और मेहदी हसन मिराज़ के हरफ़नमौला खेल ने दिलाई बांग्लादेश को वर्ल्ड कप इतिहास की सबसे बड़ी जीत
बांग्लादेश ने अफ़ग़ानिस्तान को 92 गेंद शेष रहते ही छह विकेटों से हरा दिया
नवनीत झा
07-Oct-2023
अफ़ग़ानिस्तान एक अच्छी शुरुआत को नहीं भुना पाया • Arun Sankar / AFP
धर्मशाला के मैदान पर बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टॉस जीतकर जब पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया तब अपने इस फ़ैसले के पीछे उन्होंने यह दलील दी कि पिच शुरुआत में तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मददगार सिद्ध होगी। हालांकि अफ़ग़ानिस्तान की सलामी जोड़ी ने शाकिब के इस अनुमान को ग़लत साबित कर दिखाया, जिसके बाद खुद शाकिब को कमान संभालनी पड़ी। शाकिब ने इब्राहिम ज़रदान को पवेलियन भेजकर अफ़ग़ानिस्तान को गेम में वापसी ही नहीं करनी दी। गेंदबाज़ी में कप्तान और मेहदी हसन मिराज़ के तीन-तीन विकेट झटकने के कारण अफ़ग़ानिस्तान की पूरी पारी ही 156 रनों के स्कोर पर समाप्त हो गई।
छोटे से लक्ष्य का बचाव करने उतरे अफ़ग़ानिस्तान के गेंदबाज़ों के लिए कुछ भी आसान नहीं रहने वाला था। हालांकि शुरुआत में फ़ील्डरों का साथ मिला और कसी हुई गेंदबाज़ी की बदौलत बांग्लादेश के दो विकेट 27 के स्कोर पर गिर गए। अफ़ग़ानिस्तान के पास मैच में वापसी का मौक़ा था लेकिन कुछ ही अंतराल में दो कैच छोड़े गए। जिसके चलते बांग्लादेश को जीत की ओर अग्रसर होने में कोई कठिनाई महसूस नहीं हुई।
इस पूरे मैच में बांग्लादेश के लिए प्लस पॉइंट शाकिब की कप्तानी और मेहदी का फ़ॉर्म रहा। अफ़ग़ानिस्तान का पहला विकेट गिरने के बाद शाकिब ने उनके बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाए रखा। हालांकि इस दौरान नए बल्लेबाज़ के लिए स्लिप ना होने के चलते दो बार विकेट लेने का मौक़ा भी हाथ से गया। लेकिन शाकिब ने जल्द ही इन ग़लतियों से सबक लिया और एक आक्रामक कप्तानी का परिचय दिया। बांग्लादेश ने इस मैच को 92 गेंद शेष रहते ही जीत लिया जो कि गेंदों के लिहाज़ से वर्ल्ड कप इतिहास में उसकी सबसे बड़ी जीत है।