तिलक के अर्धशतक से भारत ने नौवीं बार जीता एशिया कप
146 के लक्ष्य का बचाव करते हुए पाकिस्तान ने अंतिम ओवर तक खींचा मैच
नीरज पाण्डेय
28-Sep-2025 • 1 hr ago
Tilak Varma ने खेली अदभुत पारी • Getty Images
भारत 150/5 (तिलक 69*, दुबे 33, अशरफ़ 3-33) ने पाकिस्तान 146 (फ़रहान 57, फ़ख़र 46, कुलदीप 4-30) को पांच विकेट से हराया
भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया एशिया कप 2025 का फ़ाइनल काफ़ी रोमांचक रहा जिसमें भारत ने दो गेंद शेष रहते हुए पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया और नौवीं बार इस टूर्नामेंट का ख़िताब अपने नाम किया। पहले गेंदबाज़ी करते हुए पाकिस्तान को केवल 146 के स्कोर पर समेटने के बाद शायद ही भारत ने सोचा होगा कि उन्हें जीत हासिल करने के लिए इतना ज़ोर लगाना पड़ेगा। तिलक वर्मा के नाबाद 69 रनों की पारी की बदौलत काफ़ी ख़राब शुरुआत के बावजूद भारत यह मैच जीतने में सफल रहा।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पाकिस्तान की सोच पहली गेंद से आक्रमण करने की थी। साहिबज़ादा फ़रहान ने पहली 12 में से 11 गेंदों का सामना किया और लगभग हर गेंद पर बल्ला चलाया। शिवम दुबे और जसप्रीत बुमराह के दो-दो तथा वरूण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल के एक ओवर ने पाकिस्तानी ओपनर्स को बांधा, लेकिन पहले छह ओवर में पाकिस्तान ने बिना विकेट गंवाए 45 रन बना लिए। इसके बाद अगले तीन ओवरों में उन्होंने 33 रन जोड़े जिसमें कुलदीप यादव के दो ओवर में 23 रन आए थे।
फ़रहान ने 35 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ दूसरी बार 50 रनों का आंकड़ा छूने के लिए पांच चौके और दो छक्के लगाए। अर्धशतक पूरा करने के बाद फ़रहान ने वरुण चक्रवर्ती को लांग ऑन के ऊपर से एक बड़ा छक्का लगाया और उसके बाद अगली ही गेंद पर डीप विकेट को कैच दे बैठे। अधिक आक्रामकता दिखाना उन्हें भारी पड़ गया और 10वें ओवर की चौथी गेंद पर चक्रवर्ती ने भारत को पहली सफलता दिलाई।
113 के स्कोर पर सईम अयूब के रूप में पाकिस्तान को दूसरा झटका लगा और इसके बाद भारतीय स्पिनर्स के जाल में एक के बाद एक पाकिस्तानी बल्लेबाज फंसते चले गए। फ़ख़र ने 35 गेंदों में 46 रन बनाए। इसके बाद पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गई। पहले दो ओवर में काफ़ी महंगे रहे कुलदीप ने अपने अंतिम ओवर में केवल एक रन देते हुए तीन विकेट चटका दिए। केवल 28 रन के भीतर ही पाकिस्तान के आठ बल्लेबाज़ पवेलियन लौट गए।
बुमराह ने आख़िरी दो विकेट निकालते हुए पाकिस्तान की पारी का अंत 146 के स्कोर पर किया और वे पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल सके। पाकिस्तान ने 33 रनों के भीतर नौ विकेट गंवाए थे जो ये दिखाता है कि उनकी पारी किस तरह पटरी से नीचे उतर गई। पहले तीन बल्लेबाज़ों के अलावा पाकिस्तान का कोई अन्य बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाया।
भारत के लिए ये लक्ष्य काफ़ी आसान लग रहा था क्योंकि उनके पास अभिषेक शर्मा थे। हालांकि, पूरे एशिया कप में एक के बाद एक लगातार धमाकेदार प्रदर्शन करने के बाद आखिरकार लॉ ऑफ़ एवरेज ने फाइनल में अभिषेक पर अपना प्रभाव दिखाया और पहली बार इस टूर्नामेंट में अभिषेक दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव का ख़राब फ़ॉर्म फ़ाइनल में भी देखने को मिला। पिछली चार पारियों में भारत के T20I कप्तान के स्कोर 0, 5, 12 और 1 रहे हैं।
दो विकेट जल्दी गिरने के बाद शुभमन गिल से काफ़ी उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने भी अपना विकेट फेंक दिया। जब गिल आउट हुए तो कमेंट्री कर रहे दिग्गज़ सुनील गावस्कर ने कम से कम तीन बार "भारत ये मैच फेंक रहा है" को दोहराया था। पावरप्ले में ही 20 के स्कोर पर तीन विकेट गिर जाने के बाद भारत को एक साझेदारी की आवश्यकता थी। तिलक और संजू सैमसन ने वो साझेदारी बनाई। पहली 60 गेंदों में भारत ने 58 रन बनाए अंतिम 60 गेंदों में उनको 89 रनों की जरूरत थी। इस बीच सैमसन को एक जीवनदान भी मिला था, लेकिन वह इसका लाभ नहीं ले सके।
21 गेंदों में 24 रन बनाकर वह अबरार अहमद का शिकार बने और तिलक के साथ अर्धशतकीय साझेदारी का अंत हुआ। अगले दो ओवर में भारत केवल सात रन बना सका और आवश्यक रन-रेट 11 के क़रीब पहुंच गया। 15वें में हारिस रऊफ़ को 17 और 16वें में अबरार को 11 रन मारते हुए तिलक और दुबे ने भारत की वापसी कराई। इसी बीच तिलक ने 43 गेंदों में अपना पचासा पूरा किया। अंतिम 18 गेंदों में भारत को जीत के लिए 30 रन चाहिए था। रऊफ़ के ओवर से 13 रन निकालते हुए भारत ने मैच को क़रीबी बनाया।
इसके बाद फहीम अशरफ़ ने 19वें ओवर में केवल सात रन देते हुए दुबे का विकेट भी निकाल लिया। हालांकि, अंतिम ओवर में रऊफ़ की पहली तीन गेंदों में ही तिलक ने नौ रन बनाकर मैच फ़िनिश कर दिया।