रजत की कप्तानी से काफ़ी ख़ुश है RCB का मैनेजमेंट
चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB और GT के मुक़ाबले से पहले टीम निदेशक बोबाट ने रजत सहित भुवनेश्वर और हेज़लवुड के बारे में काफ़ी कुछ कहा
रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु ने अपने पहले मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स और दूसरे मैच में चेन्नई सुपर किंग्स को मात दी। इस शानदार शुरुआत के बाद RCB के पास सीजन की शुरुआत लगातार तीन जीत के साथ करने की दुर्लभ संभावना दी है, जो उन्होंने इससे पहले केवल 2021 में हासिल की थी। IPL 2025 में अपने पहले घरेलू मुक़ाबले से पहले, टीम के निदेशक मो बोबाट ने किसी भी टूर्नामेंट में "शानदार शुरुआत" करने के महत्व पर ज़ोर दिया।
बोबाट ने बुधवार को GT के ख़िलाफ़ होने वाले मुक़ाबले से पहले कहा, "हमने निश्चित रूप से पहले दो मैचों में प्रभावशाली शुरुआत करने पर ध्यान केंद्रित किया है। दो बड़ी टीमों के ख़िलाफ़ उनके घरेलू मैदान पर खेलना एक बड़ी चुनौती होती है। हमने इस जीत को अपने खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए इस्तेमाल किया। इसी तरह हम चाहते हैं कि चिन्नास्वामी में भी हमारे खिलाड़ी अपने प्रशंसकों के सामने शानदार प्रदर्शन करें।"
RCB का घरेलू रिकॉर्ड औसत दर्जे का रहा है; आईपीएल 2023 से अब तक उनका जीत प्रतिशत 50% है। उनकी प्रमुख चुनौतियों में मज़बूत गेंदबाजी यूनिट तैयार करना शामिल रहा है। लेकिन बोबाट को विश्वास है कि 2025 में कुछ अलग होने वाला है।
उन्होंने कहा, "हमने एक ऐसी टीम बनाई है, जिसे हम बेहद मजबूत मानते हैं। हमारी बल्लेबाज़ी लाइनअप काफ़ी अच्छी है। हम यहां की बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल परिस्थितियों का पूरी तरह से लाभ लेना चाहते हैं। हमें लगता है कि हमारी गेंदबाज़ी भी बेहद अच्छी है, जो यहां (चिन्नास्वामी) की परिस्थितियों से निपट सकती है। अगर हमें आक्रमण करना हो या फिर हमें लक्ष्य का बचाव करना हो, हमारे गेंदबाज़ी सभी तरह की परिस्थितियों के लिए तैयार हैं। "जब हमने अपनी टीम तैयार करनी शुरू की थी, तब यही हमारी प्राथमिकता थी। पहले दो मुक़ाबलों में हमने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे हमारे बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों विभागों में अच्छा आत्मविश्वास बन रहा है।"
इस सीजन RCB को एक ख़ास शेड्यूलिंग चुनौती मिली है: लीग चरण खत्म होने तक वे लगातार दो घरेलू मुक़ाबले नहीं खेलेंगे। हालांकि बोबाट को नहीं लगता कि इससे कोई समस्या होगी, लेकिन उन्होंने 22 दिनों में 7 मैच खेलने के लिए खिलाड़ियों को तरोताज़ा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। भुवनेश्वर कुमार और जोश हेजलवुड उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन पर टीमों की नज़र रहेगी। भुवनेश्वर ने मामूली चोट के कारण पहला मुक़ाबला मिस किया था, जबकि हेजलवुड कूल्हे की चोट से उबर रहे हैं। इससे पहले वह साइड स्ट्रेन और पिंडली की समस्या के कारण ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट सीरीज़ से बाहर हो गए थे। बोबट ने कहा, "भुवी की तैयारी थोड़ी धीमी थी क्योंकि उन्हें हल्की सी चोट लगी थी, और हम उन्हें जोखिम में नहीं डालना चाहते थे। अगर ज़रूरत होती, तो वह पहला मैच खेल सकते थे, लेकिन हमने उन्हें आराम देना सही समझा।
"जोश चोट के बाद लौटे थे। वहां उनकी रिकवरी को काफ़ी सावधानीपूर्वक मैनेज किया गया था, और फिर हमें सौंपा गया। हमने उनकी रिहैब पूरी की। अब दोनों अच्छी स्थिति में हैं। लेकिन हम बहुत आगे की नहीं सोच रहे हैं।
"यह स्पष्ट है कि हमें बीच के चरण में खिलाड़ियों को तरोताज़ा रखना होगा। लेकिन फ़िलहाल हर मुकाबला अहम है, इसलिए हम एक बार में एक ही मैच पर ध्यान दे रहे हैं। हमारे टीम के मेडिकल स्टाफ़ बेहतरीन काम कर रहे हैं और उनकी पिछले कुछ वर्षों में शानदार रिकॉर्ड रही है। अगर हमारी तुलना अन्य टीमों से करें, तो हमारे पास अधिक मांसपेशी संबंधी चोटें नहीं हुई हैं। हम हर दिन और हर मुक़ाबले को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं। हमें पता है कि हमारे खिलाड़ी कितने अच्छे हैं। अगर किसी को आराम देने की जरूरत पड़ी, तो हमें कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि हमारे पास एक मज़बूत टीम है।"
बोबाट ने राजत पाटीदार की कप्तानी की भी सराहना की। बोबट ने कहा, "किसी भी कप्तान से आप यही उम्मीद करते हैं कि वह अपनी स्वाभाविक शैली को बनाए रखे, और उन्होंने यह बहुत अच्छी तरह किया है।
"हम नहीं चाहते कि वह कप्तान बनकर किसी और की तरह व्यवहार करें। हमें चाहिए कि वह खु़द अपने तरीक़े से कप्तानी करें। वह अंदर और बाहर से बेहद शांत रहते हैं। वह कभी भी पीछे हटते नहीं दिखते।"
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