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दो दिसंबरों की कहानी: इशान किशन का भारतीय टीम में वापसी का लंबा सफ़र

कॉन्ट्रैक्ट गंवाने से लेकर T20 विश्व कप दल में जगह बनाने तक, इशान किशन की यह वापसी रन, जज़्बे और नई मिली साफ़ सोच पर टिकी रही

इशान किशन लगभग उतनी ही अप्रत्याशित तरीके से भारत की T20I टीम में दोबारा नज़र आए हैं, जितने अचानक से वह दो साल पहले इससे ग़ायब हो गए थे।
दिसंबर 2023 में किशन ने "निजी कारणों" का हवाला देते हुए बीसीसीआई चयनकर्ताओं से ब्रेक मांगा था। इसके दो महीने बाद ही उनसे केंद्रीय अनुबंध छीन लिया गया और बोर्ड ने शीर्ष खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट न छोड़ने की चेतावनी दी थी। यह चौंकाने वाली बात थी, क्योंकि ठीक एक साल पहले ही किशन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ वनडे क्रिकेट का सबसे तेज़ दोहरा शतक जड़ा था और ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद वह सफ़ेद गेंद फ़ॉर्मेट्स में भारत के पसंदीदा विकेटकीपर-बल्लेबाज़ थे।
दो साल तक किशन मानो गुमनामी में चले गए थे और ऐसा लगने लगा था कि राष्ट्रीय चयनकर्ता उनसे आगे बढ़ चुके हैं। दिसंबर 2025 में चीज़ें बदली। शानदार सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) के दम पर किशन की भारत की टीम में वापसी हुई और यह कमबैक उतना ही असंभव सा लगा जितना उनका बाहर होना। यह किशन के लिए चार हफ़्तों के सपनीले दौर का समापन भी था, जिसमें उन्होंने झारखंड को उसका पहला SMAT ख़िताब दिलाया। 197.32 के स्ट्राइक रेट से टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने और 2026 T20 विश्व कप के लिए भारत की टीम में चुने गए।
दो साल के उतार-चढ़ाव के बाद किशन भारत की टीम में कैसे लौटे? झारखंड के पूर्व बल्लेबाज़ इशांक जग्गी जो 16 साल की उम्र में किशन के फ़र्स्ट-क्लास डेब्यू के समय टीम का हिस्सा थे, मानते हैं कि किशन अब एक खिलाड़ी के तौर पर परिपक्व हो चुके हैं और अपने खेल को बेहतर समझते हैं।
जग्गी ने ESPNcricinfo से कहा, "औसतन 27-28 साल की उम्र में किसी भी खिलाड़ी, किसी भी बल्लेबाज़ में परिपक्वता आ जाती है। इशान अब अपने खेल को बेहतर समझते हैं, ज़िंदगी को बेहतर समझते हैं, और ख़ुद को कैसे पेश करना है, यह भी जानते हैं। पहले उनमें थोड़ा बचकानापन था। वह हमेशा अपने खेल को लेकर गंभीर थे, लेकिन शायद लोग उन्हें ग़लत समझ लेते थे। अब वह परिपक्व हो चुके हैं और जानते हैं कि उनके लिए क्या सही है।"
"उनकी मानसिक मज़बूती बिल्कुल अलग स्तर की है। मैंने उन्हें कभी भागते हुए, घबराते हुए या नाकामियों से डरते हुए नहीं देखा। लोग कहते हैं कि IPL खेलने और इतना पैसा कमाने के बाद खिलाड़ी संतुष्ट हो जाते हैं, लेकिन वह संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे खिलाड़ी तब अपना सर्वश्रेष्ठ निकालते हैं जब उनकी पीठ दीवार से लगी हो। इशान ने भी इसे एक चुनौती की तरह लिया कि 'ठीक है, अब सब मुझे ख़ारिज कर रहे हैं, अब मैं दिखाऊंगा कि मैं कौन हूं।'"
जग्गी 2014 में घरेलू डेब्यू से ही किशन को क़रीब से देखते आए हैं और उनके ऑलराउंड खेल से अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं। करियर के शुरुआती दिनों में दोनों रूममेट भी रहे। संघर्ष के दौर में स्वाभाविक था कि किशन ने कुछ परिचित चेहरों में जग्गी का सहारा लिया।
जग्गी ने कहा, "मानसिक तौर पर इशान एक एलीट खिलाड़ी हैं। अतीत में उनके साथ कुछ चीज़ें हुई हैं। आप इसे बदक़िस्मती कह सकते हैं, दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं कह सकते हैं, या बचकानापन कह सकते हैं। लेकिन आख़िरकार, इन सब पर क़ाबू पाकर प्रदर्शन करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। जिस तरह उन्होंने उन घटनाओं के बाद ख़ुद को संभाला, उसका पूरा श्रेय उन्हीं को जाता है।"
"कई बार ऐसा होता है कि एक पहलू सुधारते हुए हम अपनी कुछ ताक़तों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। तो पिछले साल रणजी ट्रॉफ़ी के दौरान, मैचों के बीच एक ब्रेक में वह मेरे पास आए और बोले, 'भैया, मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर काम करना चाहता हूं।' मैं उन्हें 16 साल से जानता हूं और उनकी ताक़तों-कमज़ोरियों को बहुत क़रीब से देखा है। मुझे पता है कि वह कैसे खेलते हैं और किसमें अच्छे हैं।"
"वह बिल्कुल स्पष्ट थे कि किन क्षेत्रों में सुधार करना चाहते हैं और किन फ़ॉर्मेट्स को लक्ष्य बना रहे हैं। जब किसी खिलाड़ी में यह स्पष्टता होती है, तो उसे गाइड करना आसान हो जाता है।"
इसके बाद किशन फिर से लय में लौट आए। घरेलू क्रिकेट खेले और रन बनाए। एक साल से ज़्यादा समय बाद फ़र्स्ट-क्लास क्रिकेट में वापसी पर उन्होंने पिछले घरेलू सीज़न में दलीप ट्रॉफ़ी में इंडिया C के लिए 111 रन ठोक दिए। इसके बाद झारखंड के लिए सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी, रणजी ट्रॉफ़ी और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में उनका प्रदर्शन मज़बूत रहा और IPL 2025 में सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए भी वह ठीक-ठाक रहे।
जग्गी ने किशन के साथ किए गए काम पर कहा, "मैंने कुछ भी आउट ऑफ़ द बॉक्स नहीं किया। उनका माइंडसेट हमेशा एलीट लेवल एथलीट वाला रहा है। बस बहुत छोटे-छोटे बदलावों की ज़रूरत थी। कोई बड़े बदलाव नहीं थे।"
SMAT में उनकी बल्लेबाज़ी के अलावा उनकी कप्तानी भी ख़ास रही। वह फ़ील्डिंग में सक्रिय बदलाव करते थे। ओपनर उत्कर्ष सिंह को ड्रॉप कर विराट सिंह को ओपनिंग में प्रमोट करने जैसे कड़े फ़ैसले लेने से नहीं हिचके और अपने गेंदबाज़ों पर भरोसा जताया। इसका असर टीम पर भी पड़ा।
विराट ने कहा, "झारखंड के खिलाड़ियों की सोच बदलने में किशन की बड़ी भूमिका रही है। वह आम तौर पर अधिक स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करते हैं और जब टीम का लीडर ऐसा करता है, तो बाकी बल्लेबाज़ भी उसी राह पर चलते हैं। वह बेख़ौफ़ क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने साफ़ कहा, 'कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, हमें हर हाल में दबदबा बनाना है। 100, 120, 130 पर आउट हो जाएं, कोई बात नहीं। हम जाकर गेंदबाज़ों पर हावी होंगे।'"
झारखंड के तेज़ गेंदबाज़ सुशांत मिश्रा, जो सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में 11 मैचों में 22 विकेट लेकर संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले रहे, ने भी विराट की बातों की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, "कप्तान के तौर पर इशान भईया वाक़ई बहुत अच्छे हैं। सबसे अहम बात यह है कि वह हर खिलाड़ी का पूरा साथ देते हैं और उसे मैदान पर और मैदान के बाहर पूरी आज़ादी देते हैं। अगर मैं रन खा रहा हूं, तब भी वह मेरी योजनाओं पर भरोसा रखते हैं। फिर अगर मैं विकेट नहीं ले पाता हूं तो वह आकर साफ़-साफ़ बात करते हैं। वह अपने गेंदबाज़ों पर भरोसा करते हैं, जो बहुत ज़रूरी है। यह सिर्फ़ गेंदबाज़ों के लिए नहीं, बल्लेबाज़ों के लिए भी है। वह खिलाड़ियों को प्रेरित करते हैं।"
नेतृत्व किशन के लिए नया नहीं है। उन्होंने 2016 अंडर-19 विश्व कप में भारत की कप्तानी की थी और जग्गी को पूरा भरोसा है कि IPL में वह भविष्य के लीडर बन सकते हैं।
जग्गी ने कहा, "उनकी लीडरशिप स्किल्स काफ़ी आगे बढ़ चुकी हैं। SMAT में जिस तरह की फ़ील्ड सेटिंग वह कर रहे थे, वह क़ाबिले-तारीफ़ थी। मैंने तीन साल पहले ही उनसे कहा था कि 'भाई, तुम्हारे पास एक बेहतरीन कप्तान बनने के सारे स्किल्स हैं। बस अपने खेल को उस स्तर तक अपग्रेड करते रहो।' वक़्त सब कुछ ठीक कर देता है। और वह लगातार अपने खेल और अपने हुनर को बेहतर बनाने में लगे हैं।"
एक दिसंबर में किशन ने भारतीय टीम में अपनी जगह गंवाई थी और एक दिसंबर में ही उन्होंने उसे वापस पाया है। बीच के दो साल संघर्ष और वापसी से भरे रहे। लेकिन इस रोलर-कोस्टर सफ़र के बाद, वह उम्मीद करेंगे कि कम-से-कम भारत की T20I टीम में उनकी जगह अब स्थायी हो।

राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं