मोमिनुल हक़ की यह पारी जश्न मनाने लायक
बांग्लादेश के बल्लेबाज़ ने आख़िरकार ढाका में खेली 157 गेंद में 84 रन की पारी

मोमिनुल हक़ ने जब 11 महीनों में पहला अर्धशतक लगाया तो उनको आपने मुश्किल से जश्न मनाते देखा। आप कह ही नहीं सकते कि उन्हें राहत मिली है, लेकिन 10 पारियां बिना दहाई का आंकड़ा छूने के बाद वह अच्छा महसूस कर सकते हैं। शेर ए बांग्ला स्टेडियम के दर्शक इस उपलब्धि का जश्न मना रहे थे लेकिन मोमिनुल कभी भी अपने भाव दिखाने वाले इंसान नहीं रहे हैं। वह बस अपना काम करते हैं और शांति के साथ बैकग्राउंड में खो जाते हैं, लेकिन यह भी कम से कम एक साल से नहीं हो रहा था।
लोग उनके बारे में बुरा महसूस करने लगे थे। वह अपने करियर में केवल दूसरी बार टीम से बाहर हुए। उन्हें टेस्ट की कप्तानी छोड़नी पड़ी। वह मैदान से बाहर कप्तानी के जाल में फंसते नहीं दिखाई दिए।
गुरुवार को बल्लेबाज़ी पर जाने से पहले उनके नाम इस साल 13.83 के औसत से केवल 166 रन थे, जो उनका साल का सबसे कम औसत था, जिसका मतलब है कि मोमिनुल को 157 गेंद में 84 रन की पारी की बेहद ही ज़रूरत थी।
वह बांग्लादेश के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज़ रहे हैं लेकिन लंबे समय से वह फ़ॉर्म से बाहर दिखे। वह लगभग शतक लगा गए होते क्योंकि उनकी निरंतरता ऐसी है कि वह लंबे समय तक जाती है। इस स्तर पर अपने पहले दो सालों में मोमिनुल के नाम 11 लगातार अर्धशतक हैं, जो बांग्लादेश के बल्लेबाज़ों के नए दौर की गाथा बताता है।
गुरुवार को ढाका में पुराने मोमिनुल देखने को मिले। उनकी शुरुआत ढीली रही। गेंद ने बल्ले का बाहरी किनारा लिया, कुछ स्टंप के क़रीब से निकली और कुछ फ़ील्डर से पहले जाकर गिरी। लेकिन समय के साथ जब उन्हें विकेट पर अधिक खेलने का मौक़ा मिला तो वह ख़रे उतरते गए। दूसरे सत्र में वह लगातार सिंगल ले रहे थे और आराम से बाउंड्री भी निकाल रहे थे।
मोमिनुल ने दो या तीन फ़ील्डिंग जोन में हो सकता है आक्रमण किया हो। उन्होंने थर्ड मैन पर आसानी से गेंद को दिशा दिखाई, उन्होंने अपने 12 चौकों में से आधे इस ओर लगाए। उन्होंने मिडविकेट पर चार चौके लगाए, लेकिन बल्ले का मुंह खोलकर बाउंड्री निकालने का प्लान उनके काम आया।
उन्होंने आर अश्विन पर मिडविकेट के ऊपर से छक्का लगाया, लेकिन यह कवर के ऊपर का शॉट था जो रील की हाइलाइट था। मोमिनुल ने ऑफ़ स्पिनर पर इन साइड आउट शॉट लगाया और गेंद वन बाउंस चौके के लिए गई।
बांग्लादेश के बल्लेबाज़ी कोच जेमी सिडंस ने कुछ महीनों से मोमिनुल के साथ लगातार काम किया है। उन्होंने बताया कि यह 84 रन की पारी और 2022 की अन्य पारियों के बीच मानसिकता का फ़र्क था।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उनकी सकारात्मक सोच थी जिसने उन्हें ख़राब गेंद का फ़ायदा उठाने का मौक़ा दिया। वह सोच रहे थे कि आज मैं रन बनाने जा रहा हूं। जब आप ऐसा करते हो तो आपके पास सफलता का अधिक मौक़ा रहता है। हाल के दिनों में वह इस बारे में सोच रहे थे कि उसे अच्छी गेंद कब मिलेगी बजाय इसके कि मुझे अगला रन कब मिलने वाला है।"
"यह मानसिकता में बदलाव है। हमने पूरे सप्ताह उनके साथ काम किया। हमने उन्हें उनकी बल्लेबाज़ी का लुत्फ़ लेने दिया। यह एक तरह से टी20 खेल था। मुझे नहीं पता कि यह उनकी मदद करेगा या नहीं लेकिन उन्होंने कुछ शॉट खेले और उन्हें सफलता मिली। बुरा लगा कि वह शतक नहीं लगा सके।"
सिडंस ने कहा कि मोमिनुल को चटगांव में इसीलिए मौक़ा नहीं दिया गया क्योंकि बांग्लादेश उन्हें कुछ समय देना चाहता था।
उन्होंने कहा, "यह चयनकर्ताओं का फ़ैसला था, लेकिन मोमिनुल बांग्लादेश ए के लिए चार पारियों में 10 ही रन बना पाए थे। हमने उन्हें आराम दिया। हमने चटगांव में उनकी बल्लेबाज़ी पर भी कुछ काम किया।"
"हमने उन्हें पूरा मौक़ा दिया और पुरानी असफलताओं को भूलने का समय दिया। उन्हें खेलने के लिए तैयार किया। हमारा नंबर तीन स्थान सुलझा नहीं था, तो हमने उन्हें वहां भेजा। इस बार यह काम कर गया। वह बेहतरीन खेले।"
मोमिनुल दो बल्लेबाज़ों में अकेले हैं जिनके नाम यहां पर तीन शतक है, तो वह जानते थे कि वह ढाका की पिच को संभाल सकते हैं। यह मोमिनुल की पारी नहीं थी क्योंकि उनके अधिकतर रन तेज़ गेंदबाज़ों की गति का इस्तेमाल करते हुए थर्ड मैन पर आए थे।
मोमिनुल का इस साल का 1-9 तक का रन का आंकड़ा अब ख़त्म हो गया है, लेकिन टीम के लिए नहीं। नंबर टीम के अलावा बाक़ी विकेट गुच्छे में आए। यही कारण था कि उनका यह अर्धशतक कितना अहम था।
मोहम्मद इसम ESPNcricinfo में बांग्लादेश के संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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