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BCCI ने लाल गेंद मुक़ाबलों के लिए 'सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट सब्स्टीट्यूट' नियम लागू किया

टीमों को अपने सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी टॉस के दौरान ही नामित करने होंगे, हालांकि विकेटकीपर के चोटिल होने पर एक छूट दी गई है

Shashank Kishore
शशांक किशोर
16-Aug-2025 • 4 hrs ago
चोटिल खिलाड़ियों को मैच में आगे जोखिम न उठाना पड़े इसके लिए BCCI एक से अधिक दिन वाले मुक़ाबलों के लिए "सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट सब्स्टीट्यूट" नियम लेकर आई है। मैच के बीच में चोटिल खिलाड़ियों के जोखिम और टीम संतुलन को सुनिश्चित करने को ध्यान में रखते हुए यह नियम लाया गया है। यह नियम 28 अगस्त से शुरू हो रहे दलीप ट्रॉफ़ी के पहले मैच से लागू हो जाएगा।
यह रिप्लेसमेंट, दल से कोई भी नॉन-प्लेइंग खिलाड़ी हो सकता है लेकिन यह लाइक-फ़ोर-लाइक रिप्लेसमेंट होना आवश्यक है और इसके लिए टीमों द्वारा चोट की गंभीरता से जुड़ी रिपोर्ट साझा करने के बाद मैच रेफ़री की मंज़ूरी आवश्यक होगी।
नियम में कहा गया है, "किसी भी परिस्थिति में, गंभीर रूप से चोटिल खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट प्लेयर टॉस के दौरान सब्स्टीट्यूट में नामित होना चाहिए। अगर विकेटकीपर चोटिल हो जाता है और नामित खिलाड़ियों की सूची में विकेटकीपर नहीं होता है तब ऐसी स्थिति में मैच रेफ़री नामित खिलाड़ियों के इतर किसी अन्य खिलाड़ी को रिप्लेसमेंट के तौर पर खेलने की अनुमति दे सकता है।"
चोटिल और रिप्लेस किए गए खिलाड़ी, रिकॉर्ड में दोनों ही खिलाड़ियों द्वारा खेले गए मैच में गिनती की जाएगी।
मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत के चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाज़ी के लिए आने के बाद BCCI के भीतर इस पर चर्चा हुई और तुरंत ही इस नियम को खेल नियमों में शामिल कर लिया गया। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी करते हुए पहली पारी में पंत के बाएं पैर के अंगूठे में फ़्रैक्चर हो गया। इसके चलते ध्रुव जुरेल ने उनकी जगह विकेटकीपिंग की लेकिन जुरेल को बल्लेबाज़ी करने की अनुमति नहीं थी। पंत इसके बाद फ़ैक्चर हुए पैर के साथ बल्लेबाज़ी के लिए मैदान में वापस लौटे थे।
वर्तमान में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में केवल खिलाड़ी के कन्कशन या कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने की स्थिति में ही रिप्लेसमेंट की अनुमति है। भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान, पंत और क्रिस वोक्स को फ़्रैक्चर हो गया, जिससे उनकी टीमें 10 बनाम 11 की बराबरी पर आ गईं। दोनों खिलाड़ी आगे चोटों का सामना करते हुए अपनी टीम की मदद के लिए मैदान पर उतरे, जिससे इस बहस को बल मिला कि क्या गंभीर चोट लगने की स्थिति में प्रतिस्थापन के लिए नियमों में जगह होनी चाहिए। भारतीय कोच गौतम गंभीर इसके पक्ष में थे। हालांकि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इससे सहमत नहीं थे, उनका तर्क था कि इस व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
इस साल की शुरुआत में अपनी खेल परिस्थितियों की समीक्षा करते हुए, ICC अपने सदस्य देशों द्वारा घरेलू क्रिकेट में चोट के कारण रिप्लेसमेंट के परीक्षण के विचार के लिए तैयार था।

शशांक किशोर ESPNcricinfo के वरिष्ठ संवाददाता हैं।