वॉर्नर की कप्तानी पर लगा बैन पलटने के क़रीब
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने प्रतिबंधों की अपील की अनुमति देने के लिए अपनी आचार संहिता में बदलाव का प्रस्ताव दिया है

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अपनी आचार संहिता में बदलाव करने का प्रस्ताव किया है जिसके चलते डेविड वार्नर को उनके आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध के ख़िलाफ़ अपील करने की अनुमति दी जाएगी।
2018 के सैंड-पेपर गेट प्रकरण के चलते मिले आजीवन प्रतिबंध के कारण वॉर्नर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में नेतृत्व के किसी भी पद को संभालने में असमर्थ हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट काफ़ी हद तक इस गाथा से आगे बढ़ गया है और 35 वर्षीय वॉर्नर ने लंबे समय से इस प्रतिबंध को हटाने की इच्छा दिखाई है। लेकिन यह स्पष्ट हो गया था कि अपील करना उतना आसान नहीं होगा। मौजूदा नियमों के तहत, खिलाड़ियों को स्वीकार किए जा चुके दंड के विरुद्ध अपील करने का अधिकार नहीं है। हालांकि शुक्रवार को सीए के अधिकारी किसी तरह बदलाव के दरवाज़ें खोल रहे थे। बोर्ड ने अपने अखंडता प्रमुख जैकी पार्ट्रिज से अनुरोध किया है कि वह नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखे।
इस तरह के क़दम से खिलाड़ियों या अधिकारियों को "उचित समय अवधि" के बाद दंड के विरुद्ध अपील करने का अधिकार मिल जाएगा।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक बयान में कहा, "यह साबित करने की ज़िम्मेदारी आवेदक की होगी कि जिस अपराध के लिए उन्हें दंड दिया गया था, उससे संबंधित वास्तविक सुधार किया गया है।"
बोर्ड ने आगे कहा, "यह सहमति हुई कि यदि दीर्घकालिक प्रतिबंधों के संबंध में एक संशोधन को अपनाया जाता है, तो दंड की किसी भी अपील को एक स्वतंत्र आचार संहिता आयोग द्वारा सुना जाएगा।"
ऐरन फ़िंच के संन्यास के बाद ऑस्ट्रेलिया को वनडे टीम का नया पूर्णकालिक कप्तान नियुक्त करना है। इससे पहले ही इस तरह का कोई बड़ा बदलाव किए जाने की संभावना है।
अध्यक्ष लैक्लन हेंडरसन ने गुरुवार को संगठन की वार्षिक आम बैठक के बाद संकेत दिया कि वह वॉर्नर के मामले की दोबारा जांच करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, "क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के भीतर यह विचार है कि डेविड मैदान पर विशेष रूप से अच्छा कर रहे हैं और मैदान के बाहर अच्छा योगदान दे रहे हैं। हमें सावधान रहने की ज़रूरत है कि हम अतीत में लगाए गए प्रतिबंधों के संबंध में प्रतिक्रियाशील ना बने। लेकिन हमें यह भी पता होना चाहिए कि खिलाड़ी और जो प्रतिबंध के अधीन हैं वे बदल सकते हैं, भविष्य में बहुत अच्छा कर सकते हैं और हम यह सोचना चाहेंगे कि डेविड की स्थिति को विशेष रूप से देखते हुए हमें निष्पक्षता के सिद्धांत को अपनाने की ज़रूरत है।"
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