हमने कभी नहीं सोचा कि हम मैच में पीछे है : डैरिल मिचेल
सलामी बल्लेबाज़ ने साथी जिमी नीशम की तारीफ़ करते हुए कहा कि उन्हें मेरा सलाम है
क्या मिचेल की ये पारी इस टूर्नामेंट की सबसे मैच्यौर पारी है?
न्यूज़ीलैंड ने पहले सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड को 5 विकेट से हराया, क्या थे इस मैच के अहम मोड़ जानिए अजीत आगरकर सेशुरुआती विकेट खोने और रन रेट में पिछड़ने के बावजूद न्यूज़ीलैंड कभी भी मैच में पिछड़ा नहीं था। ऐसा कहना है सेमीफ़ाइनल मैच में प्लेयर ऑफ़ द मैच रहे डैरिल मिचेल का जिन्होंने 47 गेंदों पर नाबाद 72 रन की पारी खेल अपनी टीम को टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में पहली बार जगह दिलाई। न्यूज़ीलैंड का स्कोर जब 16वें ओवर में चार विकेट पर 107 रन था, तब उन्होंने जिमी नीशम के साथ मिलकर 17 गेंदों में महत्वपूर्ण 40 रन जोड़े।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मिचेल ने कहा, "आपको शायद अजीब लगेगा, लेकिन हमें कभी नहीं महसूस हुआ कि मैच हमारे हाथ से निकल गया है। हमें पता था कि एक तरफ़ की बॉउंड्री छोटी है और पारी के अंत में भी हम उसका फ़ायदा उठा सकते हैं। हम भाग्यशाली भी रहें कि कुछ गेंदें बॉउंड्री के बस उस पार गिरी, नहीं तो हम ऑलआउट भी हो सकते थे। हालांकि हम जानते थे कि चीज़ें हमारी हाथों से फिसली नहीं हैं। जिमी नीशम जिस तरह से आए और हमें मोमेंटम दिया, वह निर्णायक था। उन्हें, मेरा सलाम है।"
मिचेल ने अपनी पारी की धीमी शुरुआत की। पावरप्ले की समाप्ति के बाद उनका निजी स्कोर 10 गेंद में 12 रन और 13 ओवर की समाप्ति के बाद 28 गेंद में 28 रन था। वह क्रिस वोक्स की शुरुआती ओवरों में उनकी स्विंग और सीम से परेशान नज़र आए, हालांकि पारी के अंत में उन्होंने इसी गेंदबाज़ पर लगातार दो छक्के और एक चौका जड़ा और एक ओवर शेष रहते ही अपनी टीम को जीत दिला दी।
मिचेल ने कहा, "इस पिच पर नई गेंद पर बल्लेबाज़ी करना चुनौतीपूर्ण था, गेंद को टाइम करने में दिक्कत आ रही थी। सभी बल्लेबाज़ो ने अपना उपयोगी योगदान दिया, जिससे हम पारी के अंत में अपनी रन गति को तेज़ कर सके। इंग्लैंड ने भी अच्छा खेल दिखाया। वह भी जीत से बस कुछ इंच दूर थे, पारी के अंत में अगर हम कुछ इंचों से बॉउंड्री से चूक जाते, तो यह उनके लिए कैच होता।"
न्यूज़ीलैंड ने नब्ज़ पर काबू रखते हुए बल्ला घुमाया और इंग्लैंड को धो डाला
अंतिम 3 ओवर में ताबड़तोड़ 57 रन बनाकर न्यूज़ीलैंड ने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में जगह बनाईमिचेल के माता-पिता इस मैच को देखने के लिए आए थे। उनके पिता जॉन मिचेल न्यूज़ीलैंड के रग्बी खिलाड़ी और कोच रह चुके हैं। वह उन्हें अंतिम बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बाद इंग्लैंड में मिले थे, तब जॉन इंग्लैंड की रग्बी टीम के डिफ़ेंस कोच थे।
मिचेल ने कहा, "पापा को यहां दर्शकों के बीच देखना सुखद था। कोरोना के कारण माहौल थोड़ा सही नहीं है, फिर भी वह इंग्लैंड से मेरे लिए आए। बबल की वज़ह से मैं उनसे जाकर गले नहीं लग सकता, लेकिन मैं फ़ोन पर उनसे बात करूंगा और गप्पे लड़ाए जाएंगे।"
मिचेल ने 2011 से ही घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया था, लेकिन वह बहुत देर से राष्ट्रीय टीम में आए। उनकी जगह भी नियमित रूप से पिछले साल ही बनी जब उन्होंने 2020-21 के घरेलू सीज़न में कैंटरबरी के लिए खेलते हुए रनों का अंबार लगा दिया। इसके बाद इंग्लैंड में टी20 ब्लास्ट में भी खेलते हुए उन्होंने 144.13 की स्ट्राइक रेट से 209 रन बनाए और साथ ही आठ विकेट भी लिए।
मिचेल ने कहा, "मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि घरेलू क्रिकेट में ख़ुद को सात-आठ सालों तक झोंकने के बाद मैं 27 साल की उम्र में डेब्यू कर पाया। इतना घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद अपनी अच्छाइयों और ख़ामियों से परिचित होते हैं और आपको पता होता है कि आपके लिए क्या काम करेगा और क्या नहीं। मैं सबसे उच्च स्तर पर अपने देश न्यूज़ीलैंड का प्रतिनिधित्व करके बहुत ख़ुश हूं।"
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के बाद न्यूज़ीलैंड एक ही साल में दूसरा आईसीसी ट्रॉफ़ी जीतने से बस एक कदम दूर है। हालांकि मिचेल कहते हैं कि वे इसके बारे में अधिक नहीं सोच रहे। उन्होंने कहा कि वे पहले इस जीत का आनंद लेंगे और फिर रविवार को होने वाले फ़ाइनल के बारे में सोचेंगे।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है
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