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कुलदीप या ऑलराउंडर? भारतीय टीम की चयन में कहां फंस रही है पेंच

कुलदीप भारत के पिछले टेस्ट में प्लेयर ऑफ़ दे मैच थे लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट में उनकी जगह पक्की है

बांगर : भारतीय टीम को कड़ी टक्कर मिलेगी लेकिन SA का सीरीज़ जीतना मुश्किल

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कोलकाता में खेले जाने वाले भारत बनाम साउथ अफ़्रीका पहले टेस्ट का प्रीव्यू संजय बांगर के साथ

टेस्ट क्रिकेट में अब तक कुलदीप यादव तीन दफ़ा प्लेयर ऑफ द मैच रहे हैं। पहली बार वे बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चटगांव में 2022 में प्लेयर ऑफ़ मैच बने थे। इसके बाद वे धर्मशाला में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ और भारत के सबसे हालिया टेस्ट में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ यह ख़िताब जीतने में सफल रहे थे।

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पहले दो प्लेयर ऑफ़ द मैच के ख़िताब के बाद भारत ने कुलदीप को अगले ही टेस्ट में बाहर कर दिया था। मीरपुर (2022) और चेन्नई (2024) टेस्ट के बाद भारत ने टीम में अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ को शामिल करने का फ़ैसला किया था।

अब संभावना है कि यह दुर्भाग्य शुक्रवार को साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी जारी रहे, क्योंकि भारत के कप्तान शुभमन गिल ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट से पहले कहा कि टीम प्रबंधन एक अतिरिक्त ऑलराउंडर और एक अतिरिक्त स्पिनर के बीच चयन पर विचार कर रहा है।

गिल से यह सवाल ईडन गार्डन्स की उन परिस्थितियों को देखते हुए पूछा गया था। इस मैदान पर हाल के वर्षों में तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलती रही है।

गिल ने कहा, "साल के इस समय में हमेशा यह दुविधा होती है कि क्या आपको एक अतिरिक्त ऑलराउंडर चाहिए या एक अतिरिक्त स्पिनर। लेकिन कल सुबह विकेट देखने के बाद हम तय करेंगे कि कौन सा टीम संतुलन हमें इस टेस्ट को जीतने का सबसे अच्छा मौका देगा।"

दिल्ली में खेले गए भारत के पिछले टेस्ट में दो तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज एवं तीन स्पिनर कुलदीप, रवींद्र जाडेजा और वॉशिंगटन सुंदर को टीम में शामिल किया गया था।

भारत के पिछले टेस्ट में कुलदीप यादव प्लेयर ऑफ़ द मैच थे  AFP/Getty Images

गिल के बयान के दो अर्थ निकाले जा सकते हैं।

पहला तो यह कि भारत तीसरे तेज़ गेंदबाज़ को चुनने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो आकाश दीप को टीम में जगह मिल सकती है। इस स्थिति में वॉशिंगटन या कुलदीप में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ेगा।

गिल ने मौसम का ज़िक्र किया, जिससे यह स्थिति काफ़ी हद तक संभावित लगती है। कोलकाता में टेस्ट के दौरान तापमान मध्यम रहेगा और पिच सपाट दिख रही है। ऐसे में पहले दो-तीन दिनों में सूरज के रोशनी की तीव्रता से सतह पर ज़्यादा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। स्विंग की भूमिका को देखते हुए भारत को तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के साथ जाना ज़्यादा व्यावहारिक लग सकता है।

इस स्थिति में पारंपरिक बहस फिर वही होगी। एक आक्रामक रिस्टस्पिनर (कुलदीप) या एक ऑफ़स्पिनिंग ऑलराउंडर (वॉशिंगटन) को टीम में शामिल किया जाए। दिल्ली टेस्ट के प्रदर्शन के आधार पर भारत कुलदीप को तरजीह दे सकता है। कुलदीप ने एक धीमी और कम उछाल वाली पिच पर 55.5 ओवर में आठ विकेट लिए थे, जबकि जाडेजा और वॉशिंगटन ने मिलकर 88 ओवर में पांच विकेट लिए।

हालांकि गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारत ने बल्लेबाज़ी गहराई को अहमियत दी है। कुलदीप निचले क्रम में बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।। उन्होंने भारत ए के लिए साउथ अफ़्रीका ए के ख़िलाफ़ हालिया अनऑफिशियल टेस्ट में कुछ ऐसा ही किया था। लेकिन वॉशिंगटन अच्छे बल्लेबाज़ हैं। उनका टेस्ट औसत 44.76 है और उनके नाम एक शतक और पांच अर्धशतक हैं।

वॉशिंगटन सुंदर ने इस साल इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था  AFP/Getty Images

अगर यह मुकाबला कुलदीप और वॉशिंगटन के बीच है तो फै़सला आसान नहीं होगा।

दूसरा अर्थ यह हो सकता है कि भारत दो तेज़ गेंदबाज़ और तीन स्पिनर के साथ जाएगा और अक्षर पटेल व कुलदीप एक स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।

जब गिल से प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पूछा गया कि क्या चयन की पेंच कुलदीप और अक्षर के बीच है, तो उन्होंने मुस्कराकर कहा, "इसका जवाब आप कल टॉस के टाइम देख लीजिएगा।"

तीन स्पिन बॉलिंग ऑलराउंडर के साथ जाना आमतौर पर रक्षात्मक कदम माना जाएगा। लेकिन संकेत हैं कि टीम प्रबंधन कुलदीप की हालिया फॉर्म को लेकर थोड़ा सतर्क है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में वापस भेजा गया ताकि वे रेड बॉल के क्रिकेट में लय हासिल कर सकें, लेकिन बेंगलुरु में साउथ अफ़्रीका ए के ख़िलाफ़ अनऑफिशियल टेस्ट में वे संघर्ष करते नज़र आए।

अक्षर पटेल ने आख़िरी टेस्ट फ़रवरी 2024 में खेला था  BCCI

सिराज और आकाश दीप भी उस मैच में महंगे साबित हुए थे, लेकिन कुलदीप की स्थिति अलग है। अपने करियर में वे हमेशा जाडेजा, अश्विन, अक्षर या वॉशिंगटन जैसे ऑलराउंडर्स से प्रतिस्पर्धा करते रहे हैं। उनकी फॉर्म में ज़रा भी गिरावट होती है तो कोई दूसरा स्पिनर तुरंत मौक़ा पाने की दौड़ में आ जाता है।

अक्षर भी भारत में एक सिद्ध गेंदबाज़ हैं। पिछले साल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ के बाद वे थोड़े फीके लग रहे थे, लेकिन हाल में उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में अधिक विविधता जोड़ी है।

गिल ने कहा, "मैं ख़ुद को भाग्यशाली मानता हूं कि हमारे पास इतने अच्छे ऑलराउंडर्स हैं। चाहे अक्षर पटेल हों, वॉशिंगटन हों या जड्डू भाई, उनकी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों बेहतरीन हैं। कप्तान के तौर पर यह तय करना मुश्किल होता है कि किसे खिलाएं और किसे बाहर रखें। लेकिन यह बेहतर स्थिति यह है कि हमारे पास बहुत विकल्प हों, न कि बहुत कम।"

एक बार फिर भारत अपनी 'विकल्पों की बहुतायत' की समस्या से जूझ रहा है। दो स्पिनर हों या तीन, दो ऑलराउंडर हों या तीन लेकिन कोई न कोई ऐसा खिलाड़ी ज़रूर होगा जो ज़्यादातर टीमों में सीधे मौक़ा हासिल करते हुए खेलता, लेकिन भारत में उसे ड्रेसिंग रूम से देखना पड़ेगा।

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