कुलदीप और चहल लौटे पुराने रंग में, प्रसिद्ध ने दी उम्मीदें
मध्य क्रम के बल्लेबाज़ो ने भी किया बढ़िया प्रदर्शन

रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज़ को 3-0 से हरा दिया। यह श्रृंखला एकतरफ़ा साबित हुई, जिसमें मेहमान टीम एक बार भी 50 ओवर तक बल्लेबाज़ी करने में विफल रही। भारत ने कुछ विकल्पों को आज़माने के लिए इस श्रृंखला का पूरी तरह से उपयोग किया और 2023 विश्व कप की तैयारी के लिए टीम ने अच्छी तरह से अपने सभी विकल्पों पर काम किया।
कोहली की मौजूदगी
बल्ले के साथ जिस तरीक़े से विराट कोहली ने इस सीरीज़ में प्रदर्शन किया, वह उन्हें काफ़ी निराश कर रहा होगा। कुल मिला कर यह उनके लिए एक भूलने योग्य श्रृंखला थी। उन्होंने इस सीरीज़ में 8, 18 और 0 का स्कोर बनाया। तीन में से दो बार कोहली विकेट के पीछे लपके गए और एक बार वह पुल करते हुए आउट हुए। कुल मिला कर हमें उनके 71वें शतक के लिए इंतज़ार करना होगा। वह अब बिना शतक के 68 पारियां खेल चुके हैं। उनका पिछला शतक बांग्लादेश के ख़िलाफ़ नवंबर 2019 में कोलकाता में आया था, जहां भारत अपना पहले डे-नाइट टेस्ट खेल रहा था।
हालांकि मैदान पर उनका शारीरिक हाव-भाव काफ़ी सकारात्मक था। हो सकता है कि स्टंप माइक से कोहली की आवाज़ उस तरीक़े से आक्रामक नहीं थी, जैसा पहले हुआ करता था। वह मैदान पर एक काफ़ी बढ़िया मूड में दिख रहे थे। विकेटों के गिरने पर जम कर ख़ुशी मना रहे थे। पहले वनडे के दौरान एक मौक़ा ऐसा था जब कायरन पोलार्ड बल्लेबाज़ी करने के लिए मैदान पर आ रहे थे और कोहली रोहित के पास गए और फ़ील्ड सेट अप को लेकर कुछ बात कर के वह लेग स्लिप पर लग गए। उसके बाद पोलार्ड पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए और कोहली इस बात से बहुत प्रसन्न थे।
चहल और कुलदीप चमके
पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स के डग आउट में जब कैमरे कुलदीप यादव की तरफ़ मुड़े रहे थे तो ज़्यादातर बार वह काफ़ी निराश दिख रहे थे। 2020 में उन्होंने नाइट राइडर्स के लिए पांच मैच खेले। 2021 में उन्होंने पहले चरण में एक भी मैच नहीं खेला और दूसरे चरण में वह चोटिल हो गए। टीम प्रबंधन ने वरुण चक्रवर्ती की मिस्ट्री स्पिन को प्राथमिकता दी। कुलदीप, जो कभी भारत टीम के एक स्थाई सदस्य हुआ करते थे, उनका आत्मविश्वास काफ़ी कम लग रहा था और उनका फ़ॉर्म भी कुछ ख़ास नहीं था।
कंधे की सर्जरी के बाद उन्होंने तीन महीने का पुनर्वास किया। उन्होंने टीम में वापसी की और उन्हें बस एक ही मैच में खेलने का मौक़ा मिला। और इस दौरान उन्होंने बढ़िया गेंदबाज़ी की। पहले उन्होंने तेज़ गति के साथ लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी की लेकिन बाद में वह गेंद को हवा दे रहे थे और बल्लेबाज़ों को परेशान करने में क़ामयाब हो रहे थे। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के कप्तान निकोलस पूरन सहित दो विकेट चटकाए।
कुलदीप के आने से पहले युजवेंद्र चहल ने पहले वनडे में चार विकेट लिए और उसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया था। दूसरे मैच में उन्होंने एक ही विकेट लिया लेकिन काफ़ी साफ़-सुथरी गेंदबाज़ी की।
श्रेयस, सूर्यकुमार ने मौके का फ़ायदा उठाया
माइकल बेवन के साथ तुलना किए जाने के बाद सूर्यकुमार यादव ने ठीक वही किया जो बेवन ऑस्ट्रेलिया के लिए किया करते थे: एक मज़बूत पारी के साथ टीम को मुश्किल परिस्थिति से निकालना। दूसरे वनडे में उन्होंने सर्वाधिक 64 रन बनाए। अंतिम वनडे में श्रेयस अय्यर, जो पिछले साल इंग्लैंड के ख़िलाफ चोटिल हो गए थे, ने शीर्ष क्रम के पतन के बाद ऋषभ पंत के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की।
श्रृंखला के अपने दो मैचों में, दीपक हुड्डा ने दिखाया कि वह टीम के लिए किस तरह का योगदान दे सकते हैं। उन्होंने दो पारियों में 26 और 29 रन बनाए। पहले मैच में वह एक दबावपूर्ण स्थिति में एक छोटे लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और दूसरी पारी में वह नीचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ खेल रहे थे। इस बीच गेंद के साथ भी उन्होंने बढ़िया प्रदर्शन किया और एक विकेट भी लिया।
प्रसिद्ध कृष्णा की विशाल प्रगति
मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह को इस सीरीज़ में आराम दिया गया था। प्रसिद्ध कृष्णा ने गेंद को दोनों तरफ लहराते हुए, शानदार अंदाज़ से पटकी हुई गेंदबाज़ी की। उन्होंने बल्लेबाज़ों को अपनी लेंथ के साथ काफ़ी परेशान किया क्योंकि उन्हें अतिरिक्त उछाल मिल रहा था। दूसरे वनडे में उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
तीसरे वनडे में जब दीपक चाहर को मौक़ा दिया गया तो उन्होंने अपनी प्रतिभा को पूरी तरह से सिद्ध कर के दिखाया। केपटाउन में साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ अंतिम वनडे मैच में बल्ले के साथ उन्होंने काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन करते हुए भारत को लगभग विजयी बना दिया था। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ तीसरे वनडे में भी अंतिम ओवरों में काफ़ी रन बटोरे। गेंद के साथ, उन्होंने सटीकता के साथ गेंदबाज़ी की और गेंद को दोनों तरफ़ लहराया। इसके परिणाम में उन्हें दो विकेट मिले।
विशाल दीक्षित ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।
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