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अहमदाबाद में दिख सकती है हरी पिच

हालांकि इसके कारण भारत को अपनी स्पिन हैवी रणनीति को बदलना पड़ सकता है

शुभमन गिल अहमदाबाद की पिच को देखते हुए  Associated Press

भारत, वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला टेस्ट हाल के कुछ सीज़न की सबसे हरी पिचों में से एक पर खेल सकता है। अहमदाबाद में पहले टेस्ट से दो दिन पहले तक पिच पर घनी और बराबर घास की परत है। हालांकि मैच शुरू होने तक इसका कुछ हिस्सा काटा जा सकता है, लेकिन ESPNcricinfo को पता चला है कि फिर भी 4-5 मिमी तक घास बच सकती है।

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इस घास का मुख्य कारण मिट्टी की बनावट है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम के स्क्वेयर में लाल और काली मिट्टी की पिचें हैं। इस टेस्ट के लिए चुनी गई पिच लाल मिट्टी की है। लाल मिट्टी की पिचें घास से जुड़ी होने पर शानदार उछाल और कैरी देती हैं। लेकिन घास की यह बाइंडिंग न होने पर जल्दी टूटकर धूल भरी पिच बन जाती हैं। मुंबई में पिछले साल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेले गए टेस्ट मैच में ऐसा ही हुआ था, जहां गिरे 38 में से 34 विकेट स्पिनरों ने लिए थे।

मंगलवार को पिच के इतनी हरी दिखने का एक और कारण पिछले कुछ दिनों का अहमदाबाद का बरसाती मौसम भी है, जिसमें रविवार और सोमवार को पिच ज़्यादातर समय कवर के नीचे रही। हालांकि मंगलवार को मौसम साफ़ था, जिससे वेस्टइंडीज़ और भारत दोनों बिना रुकावट के अभ्यास कर पाए। टेस्ट के पहले दिन बारिश का अनुमान है, लेकिन उसके बाद मौसम साफ़ रहने की उम्मीद है।

हाल के वर्षों में भारत ने अपने घरेलू टेस्ट ज़्यादातर टर्निंग पिचों पर खेले हैं ताकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के अंक हासिल किए जा सकें, जहां जीत (12 अंक) के अंक ड्रॉ (चार अंक) से तीन गुना ज़्यादा होते हैं। लेकिन तेज़ टर्न लेने वाली इन पिचों पर भारत का फ़ायदा कम हो सकता है क्योंकि भारत की स्पिन आक्रमण और विपक्षी टीम के बीच का फ़र्क कम हो जाता है। यही वजह थी कि न्यूजीलैंड ने पिछले साल भारत को 3-0 से हराकर हैरान कर दिया था।

भारत इस बार ऐसी ग़लती दोहराना नहीं चाहेगा, ख़ासकर उस वेस्टइंडीज़ टीम के ख़िलाफ़ जिसने जनवरी में मुल्तान में पाकिस्तान को टर्निंग पिच पर हराया था।

हालांकि कोई भी फ़ैसला बिना समझौते के नहीं आता। तेज़ गेंदबाज़ी की मददगार पिचें दोनों टीमों के तेज़ गेंदबाज़ों को ताक़त देती हैं। पिछले साल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ की शुरुआत बेंगलुरु में तेज़ गेंदबाज़ों के मददगार पिच से हुई थी, जहां भारत पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 46 रन पर ऑलआउट हो गया था। उस वक्त कप्तान रोहित शर्मा ने बाद में माना कि शायद उनसे परिस्थितियों को समझने में ग़लती हुई।

अगर वेस्टइंडीज़ के पास अपनी पूरी टीम होती तो वे जेडेन सील्स, शमार जोसेफ़ और अल्जारी जोसेफ़ की ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ी तिकड़ी उतार सकते थे। लेकिन पहले टेस्ट से ठीक पहले वे दोनों जोसेफ़ को चोट की वजह से खो चुके हैं। अब उनके पास सील्स और ऑलराउंडर जस्टिन ग्रीव्स के साथ एंडरसन फ़िलिप का सीमित विकल्प है। इसके अलावा अनकैप्ड तेज़ गेंदबाज़ों की जोड़ी योहान लेन और जेडियाह ब्लेड्स हैं।

पिछले साल बेंगलुरु में भारत, न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पहली पारी में 46 पर ऑलआउट हो गया था  BCCI

वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ों में अनुभव की कमी शायद पिच पर ज़्यादा घास छोड़े जाने का कारण भी हो सकती है। भारत भी मेहमानों की बल्लेबाज़ी पर दबाव डालना चाहेगा। वेस्टइंडीज़ अपने पिछले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के चार तेज़ गेंदबाज़ों के सामने जमैका में सिर्फ़ 27 रनों पर ऑलआउट हो गया था।

बेंगलुरु के अलावा भारत ने आख़िरी बार घरेलू टेस्ट में तेज़ गेंदबाज़ी की मददग़ार पिच पर 2017 में कोलकाता में खेला था, जब बारिश से प्रभावित रोमांचक ड्रॉ में तेज़ गेंदबाज़ों ने 35 में से 32 विकेट लिए थे।

मोटेरा का टेस्ट इतिहास तेज़ गेंदबाज़ी से भरे मुकाबलों से जुड़ा है। यहां खेले गए पहले टेस्ट (1983) में तेज़ गेंदबाज़ों ने 38 में से 34 विकेट लिए थे, जिसमें तीसरी पारी में कपिल देव के नौ विकेट शामिल थे। इस मैच में वेस्टइंडीज़ ने भारत को 138 रन से हराया था। तब विज़्डन ने हालात का वर्णन करते हुए लिखा था, "जल्दी-जल्दी तैयार की गई पिच पर सतह को बांधने की उम्मीद में घास छोड़ दी गई थी।" लेकिन यह उम्मीद बेकार रही और पिच जल्दी टूटकर ख़तरनाक असमान उछाल देने लगी।

1996 में जवागल श्रीनाथ ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ चौथी पारी में छह विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई थी। वह पिच सूखी और अधूरी थी, जो स्पिन के लिए भी मददग़ार रही।

साउथ अफ़्रीका फिर 2008 में आया और इस बार हालात उनके पक्ष में रहे। तब विज़्डन ने लिखा था, "अहमदाबाद की गर्मियों की वजह से पिच पर घास छोड़नी पड़ी ताकि सतह बंधी रहे। क्यूरेटर धीरज पारसाना ने कहा कि घास हटाने से ऊपरी सतह ख़राब हो जाएगी। भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी।"

डेल स्टेन, मखाया एन्टिनी और मोर्नी मॉर्केल ने भारत को 20 ओवर में सिर्फ 76 रन पर ढेर कर दिया। साउथ अफ़्रीका इस मैच को पारी से जीता था।

तो क्या एक बार फिर मोटेरा में हरी पिच देखने को मिलेगी?

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कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में अस्टिटेंट एडिटर और नागराज गोलापुड़ी न्यूज़ ए़डिटर हैं