आंकड़े : निर्णायक मुक़ाबले में किंग बन जाते हैं कोहली
ऑस्ट्रेलिया के बिग शो मैक्सवेल आजकल फ़्लॉप हो रहे हैं

नागपुर में गीले मैदान के कारण छोटे किए गए मैच में जीत दर्ज कर भारत इस टी20 अतंर्राष्ट्रीय सीरीज़ में जीवित है। अब दोनों टीमें निर्णायक मुक़ाबले के लिए हैदराबाद आएंगी जहां सीरीज़ का अंतिम मैच रविवार को खेला जाएगा। बतौर कप्तान रोहित शर्मा के पास लगातार नौवीं सीरीज़ जीतने का मौक़ा होगा जबकि ऑस्ट्रेलिया भारत को घर पर दूसरी बार सीरीज़ हराने वाली पहली टीम बनने के कगार पर है। दोनों टीमों के पास कुछ कर दिखाने का बढ़िया मौक़ा है पर इसके लिए हैदराबाद के मौसम को उनपर मेहरबान रहना होगा। आइए हम नज़र डालते हैं इस करो या मरो वाले मैच से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़ों पर।
मुख्य स्पिनर बनने की राह पर निकल पड़े अक्षर
रवींद्र जाडेजा के चोटिल होने के बाद एकादश में शामिल किए गए अक्षर पटेल अपनी उपयोगिता साबित कर धीरे-धीरे भारतीय टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम के प्रमुख स्पिनर बनते जा रहे हैं। मुख्य रूप में पावरप्ले में शिकार करते हुए उन्होंने इस सीरीज़ में किफ़ायती गेंदबाज़ी की हैं। उनकी विशेषता यह है कि वह पारी में कभी भी गेंदबाज़ी कर सकते हैं और उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की इकॉनमी केवल 7.1 की है। अपने राउंड द विकेट कोण के साथ वह दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को बहुत परेशान करते हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध अपने भारतीय करियर में अक्षर ने 21 विकेट लेते हुए 6.2 की इकॉनमी से रन ख़र्च किए हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम में मैथ्यू वेड के अलावा और कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज़ नहीं हैं और ऐसे में बापू के पास अपने विकेटों में बढ़ोतरी करने का अच्छा अवसर है। स्टंप टू स्टंप गेंदबाज़ी करते हुए अक्षर ने इस सीरीज़ में पांच में से चार विकेट बोल्ड के रूप में झटके हैं।
बिग शो बने फ़्लॉप शो?
टी20 क्रिकेट के सुपरस्टार ग्लेन मैक्सवेल विश्व भर की लीगों में अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। हालांकि टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनका प्रदर्शन 2020 से नीचे गिरता चला गया है। पिछले दो वर्षों में बल्ले के साथ जहां उनकी औसत 20 से नीचे की थी, इस साल वह 21.8 की औसत से रन बना रहे हैं। इतना ही नहीं, उनका स्ट्राइक रेट 129 का रहा है जो 2013 के बाद से किसी एक साल में उनका न्यूनतम स्ट्राइक रेट है। साल 2020 से मैक्सवेल ने 27 पारियों में बल्लेबाज़ी की है और केवल आठ बार 20 रनों का आंकड़ा पार कर पाए हैं। चिंताजनक बात यह है कि 14 मौक़ों पर वह दोहरे अंकों तक भी नहीं पहुंच पाए हैं। स्पिन हिटर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले मैक्सवेल स्पिन के विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं और पिछले तीन वर्षों में 13 बार स्पिन के ख़िलाफ़ आउट हो चुके हैं। ऐसा ही चलता रहा तो ऑस्ट्रेलिया को टी20 विश्व कप का बचाव करने में कठिनाई होगी।
निर्णायक मैच में किंग बनते हैं कोहली
इस सीरीज़ के दो मुक़ाबलों में कम स्कोर बनाने के बावजूद यह साल विराट कोहली के लिए अच्छा रहा है। इस साल टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कोहली ने तीन अर्धशतक और एक शतक की मदद से 141 के स्ट्राइक रेट से 370 रन बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 20 पारियों में सर्वाधिक 731 रन बनाने वाले कोहली को सीरीज़ के तीसरे और निर्णायक मुक़ाबले में रन बनाना बहुत पसंद है। सीरीज़ के छह निर्णायक मुक़ाबलों में कोहली 89.7 की औसत और 167 के स्ट्राइक रेट से 289 रन बना चुके हैं। इतना ही नहीं, पिछले तीन निर्णायक मैचों में उनके बल्ले से नाबाद अर्धशतक निकला है और वह इस सिलसिले को हैदराबाद में बरक़रार रखना चाहेंगे।
अफ़्ज़ल जिवानी(@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं | @jiwani_afzal
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