आंकड़े झूठ नहीं बोलते : ऋतुराज चले तो चेन्नई की होगी चांदी
हालांकि अर्शदीप के पास है उन्हें आउट करने की चाबी

चेन्नई सुपर किंग्स पहली बार आईपीएल इतिहास में अपने पहले दोनों मैच हारने के बाद पंजाब किंग्स के विरुद्ध अपना खाता खोलने के लिए बेताब होंगे। आइए इस मैच का अनुमान आंकड़ों के हिसाब से कैसा दिखता है उस पर नज़र डालते हैं।
ऋतुराज को बरसना होगा
पहले दो मुक़ाबलों में ऋतुराज गायकवाड़ का जल्दी आउट होना (उनके स्कोर हैं 0 और 1) चेन्नई के लिए एक बड़ी क़ीमत रही है। पिछले साल के ऑरेंज कैप विजेता ऋतुराज का अनोखा रिकॉर्ड है कि जब उन्होंने बतौर ओपनर 30 या उससे अधिक का स्कोर बनाया है तो उनकी टीम 13 में से 12 मैच जीती है। ऐसे में चेन्नई की जीत का प्रतिशत 92.3 होता है। यही आंकड़ा उनके 30 से कम रन बनाने पर 22.2 प्रतिशत तक गिर जाता है। उनको अक्सर तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ शुरुआत में ध्यान से खेलना पड़ता है और इस मुक़ाबले में अतिरिक्त सावधानी का कारण हैं अर्शदीप सिंह। अर्शदीप के विरुद्ध ऋतुराज तीन पारियों में दो बार आउट हो चुके हैं और ऐसे में उनकी औसत है 10.5 और सिर्फ़ 111 का स्ट्राइक रेट।
पंजाब को होगी रबाडा की ज़रूरत
वैसे आंकड़ों के मामले में कगिसो रबाडा पिछले कुछ सीज़न से आईपीएल के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ रहे हैं। 2019 के बाद से उनके लिए गए 71 विकेट आईपीएल में किसी भी गेंदबाज़ से ज़्यादा हैं। ऊपर से आईपीएल में 50 या उससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में रबाडा का स्ट्राइक रेट (15 के स्ट्राइक रेट से 51 पारियों में 77 विकेट) सबसे अच्छा है। हालांकि उनका रिकॉर्ड चेन्नई के ख़िलाफ़ काफ़ी साधारण रहा है। पांच पारियों में केवल पांच विकेट लेते हुए 22.4 का उनका स्ट्राइक रेट किसी भी विपक्षी टीम से ज़्यादा है। पिछले सीज़न चेन्नई के ख़िलाफ़ दो मैचों में मिलाकर उन्होंने बिना कोई विकेट लिए सात ओवर डाले थे और वह उम्मीद करेंगे कि इस रिकॉर्ड को बेहतर बना सकें।
ब्रावो से बचके रहना रे बाबा
चेन्नई के लिए पहली दो मैचों में बहुत कुछ सुखदासपद भले ही नहीं हुआ है लेकिन ड्वेन ब्रावो की गेंदबाज़ी ने उन्हें 3/20 और 1/35 के विश्लेषण दिए हैं। साथ ही पिछले मुक़ाबले में उन्होंने 171वें आईपीएल विकेट के साथ सर्वाधिक विकेट लेने वालों की सूची में लसिथ मलिंगा को पछाड़कर पहला स्थान ग्रहण कर लिया। 2019 और 2020 के सीज़न के दौरान फ़ॉर्म और फ़िटनेस से परेशान ब्रावो ने 30 की औसत और 21.9 के स्ट्राइक रेट से 18 पारियों में सिर्फ़ 17 विकेट लिए थे। उसके बाद से उन्होंने केवल 13 पारियों में एक ज़्यादा विकेट लिया है और औसत और स्ट्राइक रेट भी घटकर 17.7 और 13.9 हो गए हैं। एक शक्तिशाली और आक्रामक बल्लेबाज़ी क्रम के विरुद्ध उनका अनुभव और आख़िर के ओवर में लंबाई पर नियंत्रण अनमोल होगा।
जॉनी उनका नाम
जी हां दोस्तों और दुश्मनों को सलाम करते हुए जॉनी बेयरस्टो वेस्टइंडीज़ में हुई टेस्ट सीरीज़ के बाद टीम के साथ जुड़ेंगे। आईपीएल में अप्रैल 1 के बाद तक कुल 78 बल्लेबाज़ों ने 1000 से अधिक रन बनाए हैं और उनमें सिर्फ़ पांच बल्लेबाज़ों की औसत 40 के ऊपर की है। बेयरस्टो के 41.5 की औसत से बनाए 1038 रन उन्हें उस विशेष श्रेणी में डालते हैं। हालांकि बेयरस्टो को अधिकांश सफलता बतौर ओपनर मिली है। उन्होंने नंबर चार पर दो ही पारियां खेली हैं लेकिन उसमें उनकी औसत और स्ट्राइक रेट 42.2 और 143 से गिरकर 33.5 और 126 के बन जाते हैं। पंजाब के पास मयंक अग्रवाल और शिखर धवन के रूप में एक स्थायी सलामी जोड़ी है तो शायद बेयरस्टो को चार पर खिलाना बेहतर होगा। एक और चुनौती होगी उनको जगह देने के लिए भानुका राजापक्षा, लियम लिविंगस्टन, ओडीन स्मिथ और रबाडा में से एक विदेशी खिलाड़ी को बाहर बिठाना।
देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख है।
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