अक्षर : हम टीम के रूप में एक साथ क्लिक नहीं कर पा रहे हैं
दिल्ली कैपिटल्स के उपकप्तान अक्षर ने कहा कि चार हार के बावजूद हमें सकारात्मक रहने की ज़रूरत है

लगातार चार मैचों में चार हार मिलने के बाद दिल्ली कैपिटल्स के उपकप्तान अक्षर पटेल जब प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आए तो पत्रकारों से उन्होंने मज़ाक़ में कहा कि यहां भी कठिन सवाल नहीं पूछना, इसके बाद वह ज़ोर से हंसने लगे। पूरी प्रेस कॉन्फ़्रेस के दौरान उनका रवैया ऐसा ही था कि जो बीत चुका है, उसे भूल जाएं और आगे के मैचों में सकारात्मकता के साथ उतरें।
उन्होंने कहा, "चार हार के बाद आपके पास दो रास्ते होते हैं। पहला रास्ता होता है कि आप अपने दिमाग़ में ये लेकर उतरे कि हम बुरा खेल रहे हैं, रन रेट भी अच्छा नहीं चल रहा है, लेकिन इससे चीज़ें और भी ख़राब होंगी। अगर आप मैच जीतते हैं तो उससे ज़रूर आपके आत्मविश्वास पर फ़र्क पड़ता है, लेकिन अगर आप सोचोगे कि आगे क्या होगा, क्या नहीं तो आपका आत्मविश्वास नीचे जाएगा और जो प्रदर्शन आपका आने वाला है, वो आप अपने खेल में नहीं ला पाओगे। इसलिए मुझे लगता है कि आपका सकारात्मक रहना बहुत ज़रूरी है। यह बस एक बात है कि हमारे सभी खिलाड़ी एक साथ क्लिक नहीं हो पा रहे हैं और हमारा टीम कॉम्बिनेशन भी हर मैच में बदल रहा है।"
मंगलवार को दिल्ली को अपने घरेलू मैच में मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ आख़िरी गेंद पर छह विकेट की हार मिली। इस मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी दिल्ली की टीम ने अपने पांच विकेट सौ रन के भीतर ही गंवा दिए थे और 150 रन भी बोर्ड पर टांगना मुश्किल लग रहा था, लेकिन सात नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए अक्षर ने अपने कप्तान डेविड वॉर्नर का बख़ूबी साथ दिया और सिर्फ़ 25 गेंदों में चार चौकों और पांच छक्कों की मदद से 54 रन बनाकर अपनी टीम को 172 के पार पहुंचाया। इस दौरान अक्षर ने मैदान के चारों तरफ़ शॉट खेले और ऐसा लग रहा था कि दिल्ली के दूसरे बल्लेबाज़ किसी दूसरे पिच पर बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, वहीं अक्षर के लिए कोई दूसरा विकेट बना हुआ है।
पिछले कुछ महीनों से अक्षर का बल्ला जमकर बोल रहा है। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में तीन अर्धशतक लगाने से पहले उन्होंने श्रीलंका और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ भी सीमित ओवर सीरीज़ में नीचे से आते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था और वनडे व टी20आई दोनों में अर्धशतक जड़े थे। आईपीएल में भी गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ 36 रन की पारी खेलने के बाद उन्होंने मुंबई के ख़िलाफ़ अपने आईपीएल करियर का पहला अर्धशतक जड़ा। हालांकि अक्षर अपनी इस पारी से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्हें लगता है कि उन्हें पारी को अंत तक ले जाना चाहिए था। ग़ौरतलब है कि अक्षर के आउट होने के बाद दिल्ली की पूरी टीम अगले नौ गेंदों में चार विकेट खोकर सिर्फ़ सात रन जोड़ पाई और पूरी टीम दो गेंद पहले ही ऑलआउट हो गई।
अक्षर ने कहा, "एक या दो रन की हार बहुत चुभती है। काफ़ी सारी चीज़ें तब दिमाग़ में आती हैं कि मैं एक ओवर और रूक गया होता तो शायद 8-10 रन और बन जाते और हम मैच में बने रहते। यह एक अलग मैच होता, अगर हमारे पास बोर्ड पर 180 रन होते। मैंने यह हार्दिक (पंड्या) से सीखा है। उन्होंने मुझसे कहा था कि एक ऑलराउंडर के रूप में आपको 30-40 रन पर संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि पारी को फ़िनिश करने के बारे में सोचना चाहिए। इस पर मैं काम कर रहा हूं।"
अपनी बल्लेबाज़ी में आई तब्दीली के बारे में उन्होंने बात करते हुए कहा, "मैंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ रन किया। उसके पहले श्रीलंका के ख़िलाफ़ टी20 और वनडे सीरीज़ में भी रन बनाए थे। जब आप लगातार भारत के लिए तीनों प्रारूप खेलते हैं और रन बनाते हैं, तो आपको आत्मविश्वास मिलता ही है और फिर वही आत्मविश्वास कैरी फ़ॉरवर्ड होता है। भारतीय टीम में रोहित (शर्मा) भाई, विराट (कोहली) भाई से लगातार काफ़ी कुछ सीखने को मिलता है।"
अक्षर मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में नंबर सात पर बल्लेबाज़ी करने आए। अच्छा बल्लेबाज़ी फ़ॉर्म होने के बावजूद वह दिल्ली के अब तक चार में से सिर्फ़ एक मैच में ही नंबर छह पर बल्लेबाज़ी करने आए हैं। इस बारे में अक्षर ने अपने मज़ाक़िया अंदाज़ में हंसते हुए कहा, "अगर मैं चार या पांच या छह पर आता तब भी 10-12 ओवर बल्लेबाज़ी करता, जबकि अभी भी इतना ही ओवर बल्लेबाज़ी कर रहा हूं। टी20 क्रिकेट में मेरे लिए इतने ओवर आ चुके हैं। हां, टीम मीटिंग में इसके लिए बात हुई है कि मैं ऊपर आऊं, लेकिन दूसरी सोच यह भी है कि अगर मैं भी जल्दी आउट हो गया तो तेज़ी से रन कौन बनाएगा, पारी को फ़िनिश कौन करेगा? कप्तान-कोच ये भी सोचते हैं कि अगर ये भी जल्दी आउट हो जाए तो जो फ़िनिश अच्छा कर रहा है, वो भी हमें नहीं मिलेगा।"
दिल्ली के कप्तान डेविड वॉर्नर ने इस आईपीएल की चार पारियों में तीन अर्धशतक और एक 37 रन की पारी खेली है। हालांकि इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ़ 114.83 का रहा है। मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में भी उन्होंने 47 गेंद खेलते हुए सिर्फ़ 51 रन बनाए, जिसमें एक भी छक्का शामिल नहीं था।
अक्षर से जब वॉर्नर के स्ट्राइक रेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन मैचों की बात करें तो वॉर्नर मारने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन गेंद उनके बल्ले पर सही से आ नहीं रही है। एक बल्लेबाज़ के रूप में वह क्या सोच रहे हैं, मुझे नहीं पता, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उनसे साफ़ बात की है। जब पृथ्वी खेलता है, तो उन्हें एंकर रोल करना होता है। लेकिन दूसरी तरफ़ अगर सामने से विकेट गिरते रहे तो वह भी ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। इस पर भी हमें ध्यान देना चाहिए। हालांकि (रिकी) पोटिंग, (शेन) वॉटसन और दादा (सौरव गांगुली) सभी ने उनसे बात की है, सभी ने उनके वीडियो देखकर बताए हैं कि क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। वॉर्नर उस पर काम भी कर रहे हैं।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं. @dayasagar95
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