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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : दिल्ली के मैदान पर लोकल ब्वॉय कोहली बिखेर सकते हैं अपना जलवा

वॉर्नर भी बेंगलुरु के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ ख़ूब रन बनाते हैं

वॉर्नर बेंगलुरु के अधिकतर गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ 150 से अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं  Associated Press

शनिवार को डबल हेडर मुक़ाबले के दूसरे मैच में दिल्ली कैपिटल्स का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेगलुरु से होगा। दोनों टीमों के बीच हुए इस सीज़न के पहले मुक़ाबले में मेज़बान बेंगलुरु ने 23 रन की जीत हासिल की थी और विराट कोहली ने अर्धशतक लगाया था। अब तक दोनों टीमों के बीच 29 मुक़ाबले हुए हैं, जिसमें बेंगलुरु ने 18 जबकि दिल्ली ने 10 मैचों में जीत हासिल की है। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में भी 6-3 से आंकड़ा बेंगलुरु के ही पक्ष में है, जबकि 2021 से हुए इन दो टीमों के पिछले चार मुक़ाबलों में दिल्ली को एक भी जीत हासिल नहीं हुई है। आइए डालते हैं इस मैच के कुछ प्रमुख आंकड़ों पर नज़र

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दिल्ली को देखने को मिल सकता है लोकल ब्वॉय कोहली का जलवा

यह तो तय है कि भले ही यह दिल्ली का होम मैच हो लेकिन सामने लोकल ब्वॉय कोहली के होते हुए कोहली और आरसीबी समर्थक ही मैदान में अधिक दिखाई देंगे। कोहली भी अपने समर्थकों को निराश करने के मूड में नहीं हैं और दिल्ली के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उनका रिकॉर्ड तो सोने पर सुहागा लगाता है। वह दिल्ली के सबसे सफल खिलाड़ी अक्षर पटेल के ख़िलाफ़ 70 की औसत से रन बनाते हैं, जबकि कुलदीप यादव के ख़िलाफ़ उनका औसत 50 का है। तेज़ गेंदबाज़ी की बात है तो वह मुस्तफ़िज़ुर रहमान के ख़िलाफ़ 83 की औसत तो मिचेल मार्श के ख़िलाफ़ 129 व ख़लील अहमद के ख़िलाफ़ 170 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। सिर्फ़ अनरिख़ नॉर्खिए ही कोहली को कुछ काबू में करते हुए दिखते हैं, क्योंकि उनके ख़िलाफ़ कोहली का औसत सिर्फ़ 17.5 और स्ट्राइक रेट 114 का है और वह दो बार नॉर्खिए का शिकार हो चुके हैं।

बेंगलुरु के विदेशी बल्लेबाज़ों को अपनी फिरकी पर नचा सकते हैं दिल्ली के देशी स्पिनर

बेंगलुरु के पास ना सिर्फ़ कोहली बल्कि कप्तान फ़ाफ़ डुप्लेसी और ग्लेन मैक्सवेल के रूप में दो बेहतरीन विदेशी बल्लेबाज़ हैं, जो टीम के स्तंभ भी हैं। दिल्ली के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ फ़ाफ़ डुप्लेसी का औसत बेहतरीन है। वह अक्षर पटेल के ख़िलाफ़ 30, मुस्तफ़िज़ुर के ख़िलाफ़ 44, ख़लील के ख़िलाफ़ 51 और मार्श के ख़िलाफ़ 33 की औसत और 174 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। हालांकि बाएं हाथ के फ़िंगर स्पिनर अक्षर ही उन्हें परेशान कर सकते हैं, जो उन्हें टी20 मैचों में तीन बार आउट कर चुके हैं। हमवतन नॉर्खिए भी फ़ाफ़ को दो बार आउट कर चुके हैं, जबकि उनके ख़िलाफ़ डुप्लेसी का औसत भी सबसे कम सिर्फ़ 17 का है।

वहीं ग्लेन मैक्सवेल के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर कुलदीप होंगे, जो उन्हें सात पारियों में चार बार आउट कर चुके हैं। हालांकि मैक्सवेल भी उनके ख़िलाफ़ 176 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। कुलदीप के अलावा दिल्ली के वर्तमान गेंदबाज़ी क्रम में सिर्फ़ अक्षर ही ऐसे गेंदबाज़ हैं, जो मैक्सवेल को टी20 मुक़ाबलों में आउट कर पाए हैं। उन्होंने ऐसा सिर्फ़ एक बार किया है, जबकि मैक्सवेल उन पर 50 की औसत से रन बनाते हैं।

दिल्ली का सबसे अहम हथियार नॉर्खिए

यह कहना ग़लत नहीं होगा कि नॉर्खिए दिल्ली के सबसे प्रमुख गेंदबाज़ी हथियार हैं। बेंगलुरु के ख़िलाफ़ भी मैच में वह अहम साबित हो सकते हैं। बेंगलुरु के सभी प्रमुख बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ उनके आंकड़े बेहतरीन हैं। कोहली और डुप्लेसी का नॉर्खिए के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड तो आप ऊपर जान ही चुके हैं, वहीं मैक्सवेल भी नॉर्खिए के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 117 के स्ट्राइक रेट से रन बना पाते हैं। हाल ही में टीम में आए केदार जाधव तो नॉर्खिए का दो मैचों में दो बार शिकार चुके हैं, जबकि उनका औसत नॉर्खिए के ख़िलाफ़ सिर्फ़ एक और स्ट्राइक रेट 33 का है।

वॉर्नर का बल्ला फिर चलेगा?

जी हां, ऐसा हो सकता है। एक तो वह अकेले फ़ॉर्म में रहने वाले दिल्ली के बल्लेबाज़ हैं, दूसरा उनके आंकड़े भी बेंगलुरु के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ बेहतरीन है। वह हर्षल पटेल के ख़िलाफ़ 191, वनिंदु हसरंगा के ख़िलाफ़ 162, जॉश हेज़लवुड के ख़िलाफ़ 192 और मोहम्मद सिराज के ख़िलाफ़ 177 की औसत से रन बनाते हैं। इस दौरान उनका औसत भी मैक्सवेल के ख़िलाफ़ 39, हसरंगा के ख़िलाफ़ 60 और सिराज के ख़िलाफ़ 55 है, जबकि हर्षल और हेज़लवुड उन्हें कभी आउट ही नहीं कर पाए हैं। दिल्ली वालों पांडे जी को मत खिलाना

अरे, मनीष पांडे से हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी तो नहीं है, लेकिन बेंगलुरु के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ वह बगले झांकते नज़र आते हैं। मोहम्मद सिराज के ख़िलाफ़ उनका स्ट्राइक रेट 90, हर्षल पटेल के ख़िलाफ़ 55, ग्लेन मैक्सवेल के ख़िलाफ़ 60, आकाश दीप के ख़िलाफ़ 17, शहबाज़ अहमद के ख़िलाफ़ 120 और कर्ण शर्मा के ख़िलाफ़ 121 है। मैक्सवेल तो उन्हें तीन पारियों में तीन बार आउट कर चुके हैं, जबकि कर्ण भी उन्हें छह पारियों में दो बार पवेलियन भेज चुके हैं। ऐसे में दिल्ली के कप्तान वॉर्नर को सोच-समझकर, आंकड़ों को देखकर अपना एकादश बनाना होगा, क्योंकि आंकड़े झूठ नहीं बोलते!

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