आंकड़े झूठ नहीं बोलते : क्या ओपनिंग की समस्या से पार पाएंगी पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स?
धवन और कुलदीप के बीच किसका पलड़ा भारी है?

शनिवार को डबल हेडर का दूसरा मुक़ाबला दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच होगा। दिल्ली को अगर प्लेऑफ़ में पहुंचने की थोड़ी बहुत उम्मीद को भी ज़िंदा रखना है तो उन्हें यह मैच हर हाल में जीतना होगा, तो वहीं अपने पिछले दो मैच हार कर आ रही पंजाब हर हाल में इस हार के सिलसिले से छुटकारा पाना चाहेगी। किसे मिलेगी हार और प्लेऑफ़ की दौड़ से किस टीम का होगा निपटारा? यह तो नतीजे बताएंगे लेकिन हम कुछ ऐसे आंकड़ों का रुख़ करते हैं, जिसके रास्ते कई बार नतीजे होकर गुज़रते हैं।
क्या धवन को रबाडा के साथ जाना चाहिए?
पंजाब किंग्स के तेज़ गेंदबाज़ कागिसो रबाडा पिछले दो मैच से प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने इस सीज़न अंतिम बार चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ खेला था। हालांकि मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ भी उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा था लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली। अब जबकि पंजाब के लिए करो या मरो की स्थिति आ गई है तो कप्तान शिखर धवन रबाडा की ओर जाने का विचार कर सकते हैं।
रबाडा ने टी20 में डेविड वॉर्नर को पांच बार अपना शिकार बनाया है। हालांकि वॉर्नर ने उनकी 83 गेंदों पर 149 के स्ट्राइक रेट से 124 रन भी बनाए हैं। हालांकि कहानी सिर्फ़ वॉर्नर तक ही सीमित नहीं है। रबाडा ने मनीष पांडे को दो जबकि राइली रुसो को एक बार अपना शिकार बनाया है और रबाडा के ख़िलाफ़ इन दोनों ही बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट संतोषजनक भी नहीं है। मनीष पांडे ने जहां 88 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं तो वहीं रुसो ने 106 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
धवन और कुलदीप में किसका पलड़ा भारी है?
टी20 में धवन और पीयूष चावला के बीच रोचक टक्कर के बारे में तो हम सभी जानते हैं और यह मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ पंजाब के पिछले मुक़ाबले में देखने की भी मिला। हालांकि कुलदीप यादव के सामने धवन का रिकॉर्ड निराशाजनक है। आईपीएल में कुलदीप ने दो बार धवन को अपना शिकार बनाया है जबकि कुलदीप के ख़िलाफ़ धवन ने महज़ 92 के स्ट्राइक रेट से 34 रन ही बनाए हैं। आईपीएल में किसी गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ धवन का यह न्यूनतम स्ट्राइक रेट है।
अगर रबाडा नहीं खेलते हैं तब वॉर्नर को कौन रोकेगा?
वॉर्नर अपनी टीम के कप्तान होने के साथ साथ बल्लेबाज़ी क्रम का भी अहम हिस्सा हैं। एक कप्तान के तौर पर भले ही वॉर्नर के लिए यह सीज़न अच्छा न गया हो लेकिन एक बल्लेबाज़ के तौर पर अपने प्रदर्शन से वॉर्नर संतोष की प्राप्ति कर सकते हैं।
हालांकि पंजाब किंग्स के सैम करन के ख़िलाफ़ उनका ट्रैक रिकॉर्ड बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है। सैम करन की 37 गेंदों पर वॉर्नर ने महज़ 76 के स्ट्राइक रेट से 28 रन बनाए हैं। जबकि एक बार करन ने उन्हें अपना शिकार भी बनाया है। लेकिन जितना निराशनक वॉर्नर का रिकॉर्ड करन के ख़िलाफ़ है उतना ही उम्दा उनका रिकॉर्ड राहुल चाहर के विरुद्ध है। वॉर्नर ने चाहर की 34 गेंदों पर 179 के स्ट्राइक रेट से 61 रन बनाए हैं। एक तरफ़ धवन हैं जिनका कुलदीप के ख़िलाफ़ स्ट्राइक रेट आईपीएल में किसी गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ चौथा न्यूनतम स्ट्राइक रेट है जबकि चाहर के ख़िलाफ़ आईपीएल में वॉर्नर का स्ट्राइक रेट किसी गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ चौथा सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट है।
ओपनिंग है दोनों टीमों के लिए समस्या का विषय
दिल्ली और पंजाब किंग्स के साथ एक समस्या कॉमन है और वह है ओपनिंग की समस्या। यह दोनों ही टीमें ओपनिंग के लिहाज़ से इस सीज़न की दो फिसड्डी टीमें हैं। 11 पारियों में दिल्ली के सलामी बल्लेबाज़ 18.5 की औसत से सिर्फ़ 203 रन बना पाए हैं। जबकि पंजाब के सलामी बल्लेबाज़ इतनी ही पारियों में 20.2 की औसत से 222 रन ही बना पाए हैं। ऐसे में अगर यह दोनों टीमें प्लेऑफ़ की तरफ़ थोड़ी बहुत उम्मीद से देख रही हैं तो शनिवार को इनके सलामी बल्लेबाज़ों को उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
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