जब अहमदाबाद में हार्दिक को फ़ैंस की नाराज़गी झेलनी पड़ी
16 सालों के बाद आपको याद दिलाया गया कि IPL में फ़ैंस की निष्ठा भी कोई चीज़ है

हार्दिक पांड्या जब अपनी नई टीम के कप्तान के तौर पर अपनी ही पुरानी टीम के ख़िलाफ़ उतरे तो दर्शक उनके ख़िलाफ़ नज़र आए। ब्रॉडकास्ट पर बैठे दिग्गज भी परेशान थे कि किसी भारतीय खिलाड़ी को उसके घर में ही चिढ़ाया जा रहा है। केविन पीटरसन से लेकर इयान बिशप तक चिंतित थे कि आख़िर हार्दिक को अब क्या करना होगा कि दर्शक इस तरह उनके पीछे ना पड़ें। ब्रायन लारा ने एक सुझाव दिया कि अब हार्दिक को भारत के लिए खेलना होगा तभी दर्शक उन्हें प्यार दिखाएंगे।
अहमदाबाद के दर्शकों को यह बात नहीं पची कि हार्दिक ने टीम बदल ली और जब भी वह कुछ कर रहे थे तब-तब उन्हें बू किया जा रहा था। गुजरात के नए कप्तान शुभमन गिल को जहां दर्शकों का ख़ूब प्यार और समर्थन मिला तो वहीं हार्दिक को लगातार परेशान किया गया। भले ही मैच की शुरुआत से पहले दर्शकों का दर्द नहीं दिख रहा था, लेकिन मैच के दौरान मौजूद 88,000 दर्शकों ने उस समय खुलकर इसे दिखाया।
IPL 2022 में हार्दिक ने जिस मैदान पर गुजरात के लिए ख़िताब जीता था उसी मैदान पर अब उन्हें अपने करियर की सबसे कठिन रात भी देखनी पड़ी। हार्दिक जब पारी का पहला ओवर लेकर आए और ऋद्धिमान साहा ने चौके से शुरुआत की तभी से दर्शक हार्दिक के पीछे पड़ गए थे। जब-जब हार्दिक फ़ील्ड बदल रहे थे और रोहित शर्मा को ऐसी जगहों पर लगा रहे थे जहां उन्हें पहले नहीं देखा गया था तब-तब दर्शकों ने हार्दिक को निशाने पर लिया।
फ़ाइनल ओवर में जब मुंबई को जीत के लिए 19 रन चाहिए थे और हार्दिक स्ट्राइक पर थे तब भी दर्शक पूरी तरह गुजरात के पक्ष में थे। हालांकि, कुछ सेकेंड में ही हार्दिक ने उन्हें पूरी तरह शांत भी कर दिया था। उमेश यादव के आख़िरी ओवर की पहली दो गेंदों पर हार्दिक ने छक्का और चौका लगाते हुए दर्शकों को एकदम शांत होने पर मजबूर कर दिया था। हार्दिक ऐसा मन बनाकर आए थे कि कोई भी बाउंड्री उनके लिए बड़ी नहीं है। हालांकि, तीसरी गेंद पर जैसे ही वह आउट हुए दर्शकों की आवाज़ दोगुनी तेज़ी से सुनी जाने लगी।
दर्शकों की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि अगर यह मैच वानखेड़े में हुआ होता तो वहां रहने वाले लोगों की एसोसिएशन ने आपत्ति जता दी होती। हार्दिक के आउट होने के बाद दर्शकों को लग गया था कि अब मैच झोली में आ चुका है। हालांकि, उन्होंने अगली गेंद पर पीयूष चाला के आउट होने तक इंतज़ार किया। जैसे ही पीयूष आउट हुए दर्शकों ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया।
इस तरह 16 सालों के बाद आपको याद दिलाया गया कि IPL में फ़ैंस की निष्ठा भी कोई चीज़ है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं
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