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ब्रावो : पिच से नहीं, प्रदर्शन से तय होगी जीत

ईडेन की पिच पर रहाणे, पंडित और क्यूरेटर के बाद अब ब्रावो ने KKR और SRH के मैच से पहले अपनी राय रखी है

 NurPhoto via Getty Images

कोलकाता नाइट राइडर्स और ईडेन गार्डन्स की पिच को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। यह बहस नई नहीं है, बल्कि पिछले कई सालों से चल रही है। हाल ही में यह विवाद तब और बढ़ गया जब KKR के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु के ख़िलाफ़ मैच के बाद पिच को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि पिच स्पिनरों को मदद करे, लेकिन कोई शिकायत नहीं है।"

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इसके बाद कोलकाता के पिच क्यूरेटर सुजान मुखर्जी और KKR के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित की प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिससे यह बहस और तेज हो गई।

हालांकि, सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स के मैच से पहले टीम के मेंटॉर ड्वेन ब्रावो ने इस विवाद पर एक अलग ही नज़रिया पेश किया। उन्होंने कहा कि पिच की स्थिति से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि खिलाड़ी परिस्थितियों के अनुसार अपने खेल में बदलाव करें। उनका मानना था कि वही टीम जीतती है जो बेहतर ढंग से खु़द को ढालती है।

उन्होंने कहा, "पिचों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है। मेरे लिए बस इतना मायने रखता है कि आप मैदान पर उतरें, खेलें और जो टीम उस दिन बेहतर खेलती है, वह जीतती है। चाहे पिच धीमी हो, टर्न ले रही हो या नहीं, मेरे लिए हमेशा खिलाड़ियों को यही संदेश रहेगा कि हालात को समझें, ज़रूरी समायोजन करें और परिस्थितियों के अनुसार खेलें। हमारे लिए घरेलू मैदान का जो सबसे बड़ा फायदा है, वह हमारे फैंस हैं। मुझे लगता है कि यह इस बात से ज़्यादा अहम है कि पिच कैसी खेल रही है।"

ईडेन गार्डन्स की पिच को लेकर विवाद IPL में पहले भी हो चुका है। 2023 में KKR के कप्तान नितीश राणा ने कहा था कि "सिर्फ कोलकाता को छोड़कर हर टीम को होम-अवे एडवांटेज मिलती है।"

इसी तरह, IPL 2025 के दौरान KKR और RCB के बीच हुए मैच के बाद जब रहाणे का बयान सामने आया, तो पिच क्यूरेटर सुजान मुखर्जी के एक इंटरव्यू ने इस बहस को और बढ़ा दिया।

मुखर्जी ने रेवस्पोर्ट्ज़ से बातचीत में कहा, "BCCI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सभी IPL नियमित सत्र मैचों के लिए पिच और मैदान की तैयारी BCCI द्वारा नियुक्त स्थल क्यूरेटर के मार्गदर्शन में मेज़बान संघ के मुख्य क्यूरेटर की ज़‍िम्मेदारी है, और अभ्यास और मैच पिचों के नामांकन के बारे में वे एकमात्र निर्णयकर्ता होंगे, जैसा कि भारत में प्रथम श्रेणी मैचों के मामले में होता है। यह भी निर्देश दिया गया है कि विकेट की तैयारी में फ्रैंचाइज़ी और खिलाड़ियों की कोई भूमिका नहीं होगी। BCCI के मुख्य क्यूरेटर किसी भी आवश्यक सलाह देने के लिए उपलब्ध हैं, और यदि कोई समस्या पैदा होती है तो वे हस्तक्षेप भी कर सकेंगे।"

जब विवाद और बढ़ने लगा तो सुजान मुखर्जी ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में सफाई दी। उन्होंने कहा, "पहले मैच के लिए किसी भी अधिकारी या खिलाड़ी ने मुझसे पिच की मांग नहीं की थी। अभ्यास के दौरान एक कोच ने मुझसे पिच के व्यवहार के बारे में पूछा था। मैंने कहा था, 'घुमेगा भी और अच्छा चलेगा'।"

इसके बाद चंद्रकांत पंडित का भी बयान आया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर परिस्थितियां घरेलू टीमों के अनुकूल होती हैं, तो हर कोई खुश होता है। इससे यह संकेत मिला कि वे घरेलू टीमों के लिए अनुकूल पिच की वकालत कर रहे थे।

अब देखने वाली बात यह होगी कि SRH और KKR के बीच होने वाले मुकाबले में पिच का व्यवहार कैसा रहेगा। पहली नज़र में यह पिच पिछले मैच की तुलना में कम घास वाली दिख रही है, जिससे स्पिनरों को मदद मिलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अगर पिच सख्त रहती है और गेंदबाज़ों को अच्छा बाउंस मिलता है, तो बल्लेबाज़ों के लिए खेलना आसान हो सकता है।

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राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं