बेयरस्टो, असलंका पर मूडी का भरोसा, जाफ़र को तिलक से उम्मीद
वसीम जाफ़र हालांकि चाहते हैं कि MI के भारतीय बल्लेबाज़ स्कोर करें, क्योंकि उनको लगता है बेयरस्टो हाल में लाल गेंद से अधिक खेलने की वजह से संघर्ष कर सकते हैं

पंजाब किंग्स (PBKS) के ख़िलाफ़ मुंबई इंडियंस (MI) के बल्लेबाज़ी प्रदर्शन को देखकर लगा कि उनकी बल्लेबाज़ी ने अपनी क्षमता का पूरी तरह से फ़ायदा नहीं उठाया। रोहित शर्मा और रयान रिकल्टन ने 41 गेंद में 51 रन जोड़े, लेकिन तिलक वर्मा ने अगली चार गेंद में एक ही रन जोड़ा।
वहीं सूर्यकुमार यादव की 39 गेंद में 57 रन की पारी उनको ऑरेंज कैप की तालिका में तीसरे नंबर पर ले आई और उन्होंने टीम के स्कोर में अहम योगदान दिया लेकिन PBKS ने आसानी से 187 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया।
अब प्लेऑफ़ में MI एलिमिनेटर में या तो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु या गुजरात टाइटंस (GT) का सामना करेगी, लेकिन उनके पास रिकल्टन और विल जैक्स नहीं होंगे जो इस सीज़न उनके अहम विदेशी खिलाड़ी रहे हैं, दोनों ही खिलाड़ी इंग्लैंड की वनडे टीम में लौट रहे हैं। हालांकि लेकिन टॉम मूडी को लगता है कि इससे उन पर ख़ासा असर नहीं पड़ेगा। उनको लगता है कि जॉनी बेयरस्टो और चरित असलंका के आने से उनकी बल्लेबाज़ी को ताज़ा एनर्जी मिलेगी।
ESPNcricinfo के टाइमआउट शो पर मूडी ने कहा, "मुझे इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि उनके पास कुछ नए खिलाड़ी आ रहे हैं, क्योंकि शायद उन्हें इसी की जरूरत है। एक मज़ेदार तरीके़ से, यह PBKS के खिलाफ़ जो कुछ हुआ उसे भूलकर तेज़ी से आगे बढ़ने का एक तरीक़ा है। और उनके पास दो बहुत अच्छे प्रतिस्थापन खिलाड़ी हैं।"
"ऐसा नहीं लगता है कि MI इस सोच में है कि उन्हें खिलाएं या नहीं। बेयरस्टो यहां पर हैं। उन्होंने IPL में खु़द को साबित किया है। वह यहां पर यॉर्कशायर के लिए अच्छी लय में बल्लेबाज़ी करके आ रहे हैं। असलंका श्रीलंका के एक अच्छे खिलाड़ी बन गए हैं। वह मध्य क्रम में बेहद फ़ायदेमंद रहेंगे, वह स्पिन अच्छा खेलते हैं और स्पिन से एक या दो ओवर निकाल सकते हैं।"
"इसलिए मुझे नहीं लगता कि मुंबई के लिए यह उनकी गतिशीलता को बहुत ज़्यादा बदल देगा। मुझे लगता है कि अगर कुछ है तो वह यह कि वे पहले जैसे ही अच्छे दिखते हैं।"
वहीं वसीम जाफ़र को लगता है कि लाल गेंद क्रिकेट से सीधा IPL में आने पर बेयरस्टो को सामंजस्य बैठाने में थोड़ी कठिनाई आ सकती है और इससे MI के भारतीय बल्लेबाज़ों पर पावरप्ले में रन बनाने का भार होगा।
जाफ़र ने कहा, "मुझे लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों को सेटप करने की ज़रूरत है। आप जानते हैं कि आप बेयरस्टो से अधिक उम्मीद नहीं कर सकते हैं। IPL में उनके पिछले कुछ सीज़न शानदार नहीं गए हैं ओर वह अप्रैल-मई में यॉर्कशायर के लिए सीम और स्विंग परिस्थिति में लाल गेंद से खेलकर आ रहे हैं। तो आप जानते हैं कि उन्होंने हाल में अधिक सफ़ेद गेंद क्रिकेट नहीं खेला है। तो यह दोनों तरफ़ का मामला है। यह दो धारी तलवार है। लेकिन मुझे लगता है कि रोहित, सूर्यकुमार के साथ, तिलक और नमन को आने वाले मैचों में सेटअप करने की ज़रूरत है।"
'तिलक के पास आज़ादी के साथ खेलने का मौक़ा'
तिलक के लिए यह मुश्किल सीज़न रहा है जहां पर प्रबंधन ने उनको एक बार रिटायर्ड आउट भी कराया था। उन्होंने दो लगातार अर्धशतक लगाए लेकिन पिछली पांच पारियों में उनकी औसत 10.75 की है। यहां तक कि वह पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ नंबर चार पर आए जहां पर सूर्यकुमार अक्सर आते हैं।
जैक्स के जाने से बल्लेबाज़ी क्रम में शीर्ष क्रम पर जगह बन गई है और जाफ़र को लगता है कि तिलक में इस स्थान को भरकर प्रदर्शन करने की क्षमता है।
जाफ़र ने कहा, "मुझे लगता है कि MI के लिए विल जैक्स को ओपनिंग नहीं तो नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करनी ही थी। इससे तिलक वर्मा की एंट्री प्रभावित हुई क्योंकि आप नहीं जानते कि सूर्यकुमार यादव को कब भेज दिया जा। इससे तिलक के नंबर भी प्रभावित हुए। लेकिन एक बार जब जैक्स जाते हैं तो आप अपने आप ही तिलक को नंबर तीन पर, सूर्यकुमार को नंबर चार और हो सकता है असलंका को नंबर पांच पर देखते हैं। तो मुझे लगता है कि इससे मदद मिलेगी।"
"लेकिन मुझे जो पसंद आया वह यह कि जब उन्हें रिटायर होने के बाद बुलाया गया, उसके बाद उन्होंने जो दो पारियां खेलीं, उससे उनकी मानसिकता का पता चलता है क्योंकि यह दूसरी तरफ़ भी जा सकता था। लेकिन वह टिके रहे और दो मैच जिताने वाली पारियां खेलीं। और यह तिलक वर्मा के बारे में बहुत कुछ कहता है।"
"मुझे लगता है कि स्पिन के ख़िलाफ़ उन्हें थोड़ा ज़्यादा आक्रामक होने की ज़रूरत है। वह ऐसा कर सकते हैं। हमने साउथ अफ़्रीका में देखा है कि उन्होंने लगातार दो शतक बनाए हैं। लेकिन वह खु़द को पीछे रखते हैं। वह नंबर 3 पर जितना खुलकर खेलते हैं, उतना उन्होंने कभी नहीं खेला है। लेकिन एक बार जब प्लेऑफ़ आता है और उन्हें अपना नंबर 3 [स्पॉट] मिल जाता है और वह पावरप्ले में बल्लेबाज़ी करने के लिए आते हैं, तो आप एक अलग तिलक वर्मा देख सकते हैं।"
मूडी ने भी जाफ़र की बात से हामी भरी और कहा, "उनके लिए स्पष्ट बदलाव यह है कि वह शायद तब बल्लेबाज़ी करने आते हैं जब स्पिन चालू होती है। हां, इसलिए सीधे आगे बढ़ना चुनौती है, जहां पिछले सीज़न में उन्होंने शायद तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ एक दर्जन या उससे अधिक गेंदों का सामना किया है। और स्पिनरों के आने से पहले उनके गेम में एक तरह की लय आ सकती है और वह तुरंत ही आक्रामक हो सकते हैं।"
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