Features

निर्भीक, निडर और शांत श्रेयस कैसे बने PBKS के "सरपंच साहब"

तीन अलग-अलग टीमों से खेलकर अपनी टीम को IPL फ़ाइनल तक ले जाने वाले पहले कप्‍तान बने अय्यर

ऐरन: श्रेयस के ख़िलाफ़ बुमराह और MI से हो गई बड़ी चूक

ऐरन: श्रेयस के ख़िलाफ़ बुमराह और MI से हो गई बड़ी चूक

IPL 2025 के दूसरे क्वालिफ़ायर PBKS vs MI का सटीक विश्लेषण वरुण ऐरन और सैयद हुसैन के साथ

पंजाब किंग्‍स (PBKS) जब दिसंबर में बड़ी नीलामी में उतरी थी तो उनको किसी भी क़ीमत पर श्रेयस अय्यर चाहिए थे। उन्‍हें वह आख़‍िरकार मिले। लेकिन श्रेयस में ऐसा क्‍या है कि वह दो साल लगातार अलग-अलग टीमों को फ़ाइनल तक ले जाने वाले IPL के पहले कप्‍तान बन गए, यहां तक कि तीन अलग-अलग टीमों को वह फ़ाइनल तक का सफ़र तय करा गए। श्रेयस की इस सफलता के पीछे है उनकी निर्भीकता, निडरता और शांत मन, जो उनको IPL का श्रेष्‍ठ कप्‍तानों में से एक और PBKS का सरपंच साहब बना गया है!

Loading ...

श्रेयस जब पहली बार PBKS के लिए कप्‍तानी करने के लिए उतरे थे तो यह यही अहमदाबाद का मैदान था, जहां उन्‍होंने एक बेहतरीन निर्णय लेकर दिखाया था कि वह आने वाले कुछ महीनों में इस टीम को किस शिखर तक ले जाने वाले हैं। एक नई युवा टीम को साथ लेकर उन्‍होंने गुजरात टाइटंस के ख़‍िलाफ़ 42 गेंद में नाबाद 97 रनों की अहम पारी खेली। आखिरी ओवर में वह शतक लगा सकते थे लेकिन उन्‍होंने शशांक सिंह को खुलकर खेलने की बात कही। यह उनकी इस सीज़न की सबसे बेहतरीन पारी मानी गई, लेकिन क़‍िस्‍मत देखिए सोमवार को क्वाल‍ि‍फ़ायर 2 में मुंबई इंडिंयस के ख़‍िलाफ़ खेली गई यह पारी उनके ही नहीं उनकी टीम के लिए भी एक अहम और बड़ी पारी साबित हुई और PBKS को 11 सालों के लंबे अंतराल के बाद फ़ाइनल तक ले गई। इससे पहले श्रेयस 2020 में दिल्‍ली कैपिटल्‍स, 2024 में कोलकाता नाइटराइडर्स को भी फ़ाइनल में बतौर कप्‍तान ले गए थे।

श्रेयस की बात करें तो पूरे सीज़न वह टीम में एक एंकर का रोल निभाते रहे। जॉश इंग्लिस उनके एक ऐसे बल्‍लेबाज़ रहे जो उनकी रणनीति में सटीक बैठे। जब तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत हुई तो उन्‍होंने अपना नंबर तीन स्‍थान इंग्लिस को थमाया। जब ज़रूरत पारी को संवारने की हुई तो वह खुद आकर खड़े रहे।

हां या ना: श्रेयस की पारी IPL प्लेऑफ़ की अब तक की बेस्ट पारी थी

अहमदाबाद में खेले गए IPL 2025 के दूसरे क्वालिफ़ायर में PBKS vs MI से जुड़े अहम सवालों पर वरुण ऐरन का फ़ैसला

उनकी कप्‍तानी का एक बड़ा पहलू यह भी था कि उनके पास युवा सेना थी, जिनके पास भारतीय अनुभव के नाम पर कप्‍तान समेत युज़वेंद्र चहल और अर्शदीप सिंह ही थे, जो भारत के लिए खेले थे। कई ऐसे नाम हैं, जिन्‍होंने अनकैप्‍ड होते हुए भी PBKS के सफ़र को कांटों भरा नहीं होने दिया। प्रियांश आर्य ने शतक लगाया, प्रभसिमरन सिंह को आर या पार वाले खिलाड़ी के तौर पर पिछले साल तक जाना जाता था, लेकिन इस बार प्रभसिमरन ने अच्‍छी गेंदों को सम्‍मान दिया, ख़राब गेंदों को बाउंड्री पार पहुंचाया। बड़ी पारियां खेलना उनकी आदत बन गई थी। स्पिनरों में उनके पास एक अदद चहल थे। लेकिन आख़‍िरी मैचों में जब वह चोटिल हुए तो हरप्रीत बराड़ ने टीम के लिए एक अहम योगदान दिया। यहां तक कि उनके मध्‍य क्रम के विस्‍फोटक बल्‍लेबाज़ ग्‍लेन मैक्‍सवेल भी चोटिल होकर बाहर हो गए, लॉक़ी फ़र्ग्‍युसन चोटिल हो गए, मार्को यानसन प्‍लेऑफ़ के लिए उपलब्‍ध नहीं थे।

इसके बावजूद 2014 के बाद श्रेयस ने PBKS को प्‍लेऑफ़ में पहुंचा दिया। अब मामला शीर्ष दो का था। वैसे तो शशांक इससे कुछ महीनों पहले ही एक पोडकास्‍ट में कह चुके थे कि वो शीर्ष दो में समाप्‍त करेंगे। मुंबई इंडियंस को जयपुर में हराने के बाद ऐसा हुआ भी और टीम ने शीर्ष दो में समाप्‍त किया। अब जब शशांक मैच के बाद पत्रकार वार्ता में आए थे तो उन्‍होंने कहा था, "हम 3 जून को आपसे कहेंगे कि हां हम इस समय दुनिया के शीर्ष पर हैं।"

न्यू चंडीगढ़ में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) से क्‍वाल‍िफ़ायर 1 हारने के बाद यह टीम तुरंत आगे बढ़ गई थी। श्रेयस ने तुरंत मैच के बाद कहा था, "हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध नहीं।" RCB, PBKS काे चारों खाने चित करते हुए फ़ाइनल में पहुंची। पीछे-पीछे MI भी गुजरात टाइटंस को हराकर अहमदाबाद पहुंच गई। मामला गंभीर था तो गंभीरता से श्रेयस ने इसको सुल्‍टा भी। पहले उन्‍होंने एंकर की भूमिका निभाई और जब हाथ खोलने का मौक़ा था तो कुछ भी कमी नहीं छोड़ी। जसप्रीत बुमराह पर यॉर्कर पर लगाया गया स्‍लाइस ऐसा था जैसे वह गली क्रिकेट खेल रहे हों। अंत में लगाए गए उनके हर स्‍लॉग शॉट ने दिखाया कि वह अब कितने बदल चुके हैं।

दरअसल, इस टीम में आत्‍मविश्‍वास कूट-कूट कर भरा है। यहां रिकी पोंटिंग और श्रेयस की बनाई एक संस्‍कृति है, जिसमें कोई छोटा बड़ा नहीं है। हर कोई किसी भी समय टीम के लिए आगे आकर खड़ा हो जाता है। इसमें एक दो नायक नहीं है, बल्कि इस टीम में हर कोई हीरो है। श्रेयस ने इस सीज़न जिस पिच पर अपनी कप्‍तानी की शुरुआत की, अब फ़ाइनल में उसी पिच पर उनके पास एक नई गाथा लिखने का मौक़ा है। इसी आत्‍मविश्‍वास की झलक श्रेयस ने मैच जीतने के बाद पुरस्‍कार वितरण समारोह में भी दी।

उन्‍होंने कहा, "मुझे बड़े मौक़ों पर खेलना अच्छा लगता है, मैं हमेशा अपने साथियों से कहता हूं जब आप बड़े मौक़ों पर जितना शांत रहते हैं आपके अच्छा प्रदर्शन करने की संभावनी अधिक होती है। मैच के लिए सभी को यही संदेश था कि हमें पहली गेंद से आक्रमण के लिए जाना है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ हार के बाद हमने ज़्यादा इस बार बात नहीं की कि हमने कहां ग़लती की। हमें पता है कि हमने इस सीज़न कैसी क्रिकेट खेली है। भले ही कुछ खिलाड़ियों को बड़े मौक़ों पर खेलने का अनुभव नहीं है लेकिन वे साहसी हैं। मैं टीम मैनेजमेंट के साथ आरामदेह हूं और टीम के भीतर वातावरण काफ़ी सकारात्मक है। मैं इस समय सिर्फ़ वर्तमान में रहना चाहता हूं, हम इस समय फ़ाइनल के बारे में अधिक नहीं सोचना चाहते।"

आखिरकार अब तय हो गया है कि 3 जून को IPL को एक ऐसा चैंपियन मिलने जा रहा है जो किसी भी तरह इस ख़ि‍ताब को पाकर 18 साल का सूखा ख़त्‍म करना चाहता है। एक और विराट कोहली हैं, जिनमें आग ही आग है, तो दूसरी ओर श्रेयस जहां पानी की बहती एक सरल धारा है। एक आक्रामक है, दूसरा शांत है। अब पानी आग बूझाता है या फ‍िर आग अपनी तपिश से पानी को भाप बनाकर उड़ाती है। तीन जून को यह तय हो जाएगा।

Shreyas IyerPunjab KingsMI vs PBKSIndian Premier League

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26