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DC के सह मालिक जिंदल : पंत जब रिटेन नहीं हुए तभी समझ गए थे कि अब वह नहीं लौटेंगे

पार्थ जिंदल ने कहा कि DC राहुल, पंत और अय्यर में से किसी एक को ख़रीदने की योजना के साथ उतरी थी

IPL 2025 नीलामी: किस टीम ने किया सर्वश्रेष्ठ और किससे हुई चूक?

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जब ऋषभ पंत ने नीलामी में जाने का फ़ैसला किया था, दिल्ली कैपिटल्स (DC) को उसी समय अंदाज़ा लग गया था कि पंत का DC के साथ सफ़र अब समाप्त हो गया है। पंत अब DC के साथ नहीं हैं और IPL नीलामी में वह टूर्नामेंट के अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी (27 करोड़) बनकर लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खेमे में हैं। अपने साक्षात्कार में DC के सह मालिक पार्थ जिंदल ने पंत के रिटेन ना होने और DC के आगे की योजना के बारे में चर्चा की है।

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केएल राहुल DC का नेतृत्व करने के प्रबल दावेदार हैं?

अभी कप्तानी के बारे में बात करना जल्दबाज़ी होगी। अक्षर पटेल काफ़ी समय से टीम के साथ जुड़े हुए हैं और पिछले साइकिल में वह उपकप्तान भी थे, इसलिए हमें अभी नहीं पता कि अक्षर टीम की कप्तानी करेंगे या फिर कोई और खिलाड़ी टीम का नेतृत्व करेगा। अभी काफ़ी कुछ होना है। मैंने केएल राहुल से बात की है लेकिन मैं उनसे मिला नहीं हूं। मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर काफ़ी अच्छे तरीके से जानता हूं। मैं उनसे समझने की कोशिश करूंगा कि वो कैसी सोच रखते हैं और इसके बाद यह इस पर निर्भर करेगा कि कोचिंग ग्रुप और अंततः किरण (ग्रांधी, सह मालिक) और मैं क्या चाहते हैं। अभी इसके लिए काफ़ी समय है।

राहुल ने क्या कहा?

वह काफ़ी प्रसन्न हैं, दिल्ली का हिस्सा बनने के लिए काफ़ी उत्साहित हैं। वह काफ़ी समय से मुझे जानते हैं। वह बैंगलोर से आते हैं और मैं बेंगलुरु FC (इंडियन सुपर लीग) का मालिक हूं, उन्होंने मेरे साथ कुछ मैच भी देखे हैं। मैं उनकी पत्नी (अथिया शेट्टी) को भी काफ़ी अच्छे से जानता हूं। मुंबई में बड़ी होने के दौरान उनका और हमारा परिवार एक दूसरे के काफ़ी क़रीब थे। उन्होंने (राहुल) ऐसा ही कहा, "मैं सिर्फ़ क्रिकेट खेलना चाहता हूं, मैं फ़्रैंचाइज़ी से समर्थन और प्यार चाहता हूं। मुझे सम्मान चाहिए और पार्थ, मुझे लगता है कि यह मुझे आपसे मिलेगा। और मैं अपने एक मित्र के लिए खेलने के लिए काफ़ी उत्साहित हूं और साथ मिलकर दिल्ली को जिताते हैं। मैंने और DC ने आज तक IPL नहीं जीता है, चलिए मिलकर दिल्ली को जिताते हैं।"

DC ने श्रेयस अय्यर को भी ख़रीदने की कोशिश की थी - क्या आप इस बारे में बात कर सकते हैं?

नीलामी में जाने से पहले हमने ज़ाहिर तौर पर एक मार्की भारतीय बल्लेबाज़ को ख़रीदने के बारे में सोचा था। श्रेयस और ऋषभ पहले सेट में थे और केएल दूसरे सेट में आ रहे थे। हम स्पष्ट थे कि इन तीनों में से किसी एक को हमें ख़रीदना है। इसलिए हमने श्रेयस के लिए पूरी ताकत झोंक दी। ईमानदारी से कहूं तो श्रेयस के लिए कीमत कुछ ज़्यादा ही ऊपर चली गई और मुझे लगता है कि ऑक्शन टेबल पर मेरी प्रतिक्रिया से भी यह साफ़ झलक रहा था। यह हमारे बजट से काफ़ी ज़्यादा था। बिड के अंत में रणनीति पर हमारी भावनाएं हावी हो गई थीं। अगर हम भावनाओं में बह जाते तो इससे हमारे आगे की योजना प्रभावित हो जाती और हम अपना दल अच्छे ढंग से नहीं बना पाते। हम उन गेंदबाज़ों को नहीं ख़रीद पाते, जिन्हें बाद में ख़रीदने में हम सक्षम हो पाए।

इसके बाद ऋषभ आए। हमने 20.25 करोड़ पर उनके लिए राइट टू मैच (RTM) का उपयोग किया, लेकिन एक बार फिर वह भी हमारे बजट से काफ़ी ऊपर चले गए। और इसके बाद हमें केएल उम्मीद से कम कीमत पर मिल गए जो कि हमारे लिए अच्छा था। हम पंत और अय्यर दोनों के लिए 22-23 करोड़ तक जा सकते थे। जब पंत को हमने रिटेन नहीं किया, उसी पल हम समझ चुके थे कि उनका हमारे साथ सफ़र समाप्त हो गया है।

"पंत का रिटेन ना हो पाना हमारे लिए काफ़ी निराशाजनक था"  Associated Press

यह काफ़ी निराशाजनक रहा होगा?

ज़ाहिर तौर पर। मैं उन्हें अपने भाई जितना ही प्यार करता हूं। अंत में निर्णय उनके ऊपर ही था। हमने पूरी कोशिश की। उन्होंने निर्णय लिया और हम उनके निर्णय का सम्मान करते हैं।

ज़ाहिर तौर पर पंत के रिटेन ना हो पाने की वजह पैसा तो नहीं ही रहा होगा?

हमारे (पंत और टीम के मालिकों) बीच टीम को चलाने को लेकर मत भिन्नता थी और यही उनके रिटेन ना हो पाने की वजह बनी। इसमें पैसे का कोई लेना देना नहीं है। ऋषभ के लिए पैसा कभी भी मायने नहीं रखता है और हमारे साथ भी यही स्थिति है। मुझे लगता है कि हम तीनों (ग्रांधी, जिंदल और पंत) अलग सोच रहे थे। उन्होंने अंत में निर्णय लिया, हमने पूरी कोशिश की लेकिन उन्होंने आगे बढ़ने का फ़ैसला किया।

केएल को आप क्यों लेना चाहते थे?

सबसे पहले तो उनके पास स्थिरता है। वह बेहतरीन खिलाड़ी हैं, तकनीकी तौर पर काफ़ी मज़बूत हैं। कोटला में वह बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे, मैदान भी छोटा है। उनसे टीम में लचीलापन भी आता है। वह शीर्ष चार में कहीं भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं और यह एक ऐसी काबिलियत है जो बेहद कम खिलाड़ियों में पाई जाती है। ड्रेसिंग रूम में भी उनके जैसे सीनियर खिलाड़ी का होना लाभदायक है और उनकी गेम की समझ भी बेहद अच्छी है। वह एक ब्रांड एंबेसडर हैं, बेहद विनम्र और अच्छे हैं। वह ज़रूरत पड़ने पर आक्रामक होना भी जानते हैं। और प्रति सीज़न वह आपको निश्चित तौर पर कम से कम 450 रन बनाकर देते हैं, जैसा कि उन्होंने अपने पूरे IPL करियर में किया है। तो इस तरह की निरंतरता ढूंढना काफ़ी कठिन है।(2018 से 2024 के बीच सिर्फ़ एक ही सीज़न ऐसा था जब राहुल ने 500 रन नहीं बनाए थे, वो भी तब जब 2023 में वह चोट के चलते सिर्फ़ नौ मैच ही खेल पाए थे।) जहां तक टीम की ज़िम्मेदारी की बात है तो यह राहुल और अक्षर के इर्द गिर्द ही रहेगा।

अंतिम निर्णय लिए जाने से पहले किरण (ग्रांधी) का क्या कहना था?

ऋषभ के साथ उनके रिश्ते मेरी तुलना में अलग हैं। वह ऋषभ को मेरे से भी पहले से जानते हैं। किरण भी स्पष्ट थे कि हमें कैसे भी ऋषभ को रिटेन करना है और जहां तक संभव हो हम समझौता करने के लिए तैयार हैं लेकिन एक तय सीमा तक ही। उन्हें भी यह समझना होगा कि हम किस स्थिति में हैं और अगर आपसी समझ नहीं बन पा रही है तब हमें कोई निर्णय लेना होगा।

क्या कप्तानी चर्चा का विषय थी?

नहीं, हमने उनकी कप्तानी के बारे में उन्हें अपने विचार बताए थे। हमने उन्हें बताया था कि वह किन पहलुओं पर सुधार ला सकते हैं, लेकिन हमें उनकी आकांक्षाओं के बारे में पता था और हमें पता था कि वह क्या चाहते हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वो भारत की कप्तानी करना चाहते हैं और इसे सुनिश्चित करने के लिए IPL टीम की कप्तानी करना एक अहम कड़ी है। बिना और तह तक जाए मैं बस यही कहूंगा कि हम आपसी सहमति नहीं बना पाए।

आपने अक्षर का ज़िक्र किया, एक लीडर के तौर पर अक्षर आपको क्या दे सकते हैं?

देखिए, अक्षर काफ़ी समय से हमारे साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है। T20 में वह सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर में से एक हैं। ज़ाहिर तौर पर वह इस प्रारूप में जड्डू (रवींद्र जाडेजा) के उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने टीम के उपकप्तान के रूप में अच्छी भूमिका अदा की है। जब भी ऋषभ अनुपलब्ध या चोटिल थे तब अक्षर ने कप्तानी की भूमिका अदा की। हमें एक निर्णय लेना होगा लेकिन मैंने इस बारे में अभी अक्षर से भी बात नहीं की है। मैंने किसी से बात नहीं की है लेकिन हम उसे ही कप्तान नियुक्त करेंगे जिसके पास गेम की बहुत अच्छी समझ हो। वह ड्रेसिंग रूम को एक रखते हैं और जो कि एक अच्छे कप्तान की खूबी भी होती है।

आपके कोचिंग दल में वेणुगोपाल राव (टीम के निदेशक) और हेमंग बदानी (मुख्य कोच) हैं। क्या सौरव गांगुली (2024 तक फ़्रैंचाइज़ी के क्रिकेट निदेशक) उनकी सहायता करेंगे या वे स्वतंत्र रूप से काम करेंगे?

यह उनके ऊपर है। हम हमेशा उपलब्ध हैं। दादा (गांगुली) हमेशा उपलब्ध हैं। उनको जिस किसी भी चीज़ की ज़रूरत होगी उसके लिए मैं ख़ुद हमेशा उपलब्ध हूं। यह हमारी टीम है। नीलामी की तैयारियों के दौरान जितना मैंने उन्हें देखा है उसके हिसाब से तो उन्हें अपनी क्षमताओं पर पूरा विश्वास है। और मैं भी काफ़ी आत्मविश्वास से भरा हुआ हूं कि वे फ़्रैंचाइज़ी के लिए अच्छा काम करेंगे।

बड़ी नीलामी के बाद आप बदलाव को कैसे देख रहे हैं?

यह भावुक पल है क्योंकि आपको कई ऐसे खिलाड़ियों को जाने देना होता है जो आपके साथ काफ़ी वर्षों से जुड़े होते हैं लेकिन आपके पास नए खिलाड़ियों से जुड़ने और उनके विकास में मदद करने का मौक़ा मिलता है।

जब आप किसी साइकिल में अच्छा नहीं कर पाते हैं तब आप बड़ी नीलामी की ओर और भी उम्मीद से देखते हैं। जैसा कि पिछला साइकिल हमारे लिए अच्छा नहीं था, हम 2022 से 2024 तक पांचवें, नौवें और पांचवें स्थान पर आए। जबकि उससे पहले (2018-21) में हम तीसरे स्थान पर आए, फ़ाइनल में हारे और दो बार एलिमिनेटर में हारे। चीज़ें बदलती रहती हैं लेकिन यही IPL को इतना ख़ास बनाता है। मैं उम्मीद करता हूं आगे भी बड़ी नीलामी का आयोजन होता रहेगा क्योंकि यही वो चीज़ है जो IPL को अलग बनाती है।

यह साक्षात्कार पहले ESPNcricinfo के अंग्रेज़ी संस्करण पर प्रकाशित हुआ था, आप अंग्रेज़ी में पूरा साक्षात्कार वहां भी पढ़ सकते हैं

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नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसल्टेंट सब एडिटर ने किया है।