कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को RCB भगदड़ रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दिया
सरकार इस रिपोर्ट को गोपनीय रखना चाहती थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि ऐसी गोपनीयता के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है

कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह चार जून को हुई भगदड़ की घटना पर अपनी स्थिति रिपोर्ट सार्वजनिक करे, जिसने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई IPL जीत की जश्न को गहरा धक्का पहुंचाया था। इस त्रासदी में 11 लोगों की मौत हुई थी और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से इस रिपोर्ट को गोपनीय रखने का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने सोमवार, 14 जुलाई को स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की गोपनीयता के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है, और ये केवल "सरकार की दृष्टि में तथ्यों की प्रस्तुति" हैं।
कोर्ट ने सरकार को यह रिपोर्ट मामले के अन्य पक्षों - RCB, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स, जो फ्रेंचाइज़ी के इवेंट पार्टनर हैं - को सौंपने का भी निर्देश दिया है।
इस बीच फ्रेंचाइज़ी एक विस्तृत सीआईडी जांच और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की दो सदस्यीय पीठ की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। यह पीठ सरकारी और सार्वजनिक सेवकों से जुड़े मामलों की जांच करने वाला अर्ध-न्यायिक निकाय है। RCB और DNA के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले एक महीने में अपने बयान जमा कराए हैं। फै़सले की कोई तय तारीख़ अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
एक जुलाई को CAT की दो सदस्यीय पीठ ने एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ को लेकर एक अहम टिप्पणी की। ट्राइब्यूनल ने पाया कि RCB ने तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ को स्टेडियम के बाहर आकर्षित किया, जब फ्रेंचाइज़ी ने अपनी पहली IPL ख़िताबी जीत के तुरंत बाद, तीन जून को, सोशल मीडिया पर विजय जुलूस की घोषणा की।
इस मामले की जांच का काम CAT को तब सौंपा गया जब बेंगलुरु (पश्चिम) के पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विकास कुमार ने एक याचिका दायर की। यह याचिका मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा उन्हें भगदड़ की घटना के बाद पद से हटाए जाने के ख़िलाफ़ दाखिल की गई थी।
विकास और चार अन्य अधिकारियों को "कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही" और "निर्देश न लेने" के आरोप में बर्खास्त किया गया था, जिससे हालात "काबू से बाहर" हो गए थे। ट्राइब्यूनल ने कहा कि RCB ने बिना जरूरी अनुमति लिए IPL जीत का जश्न मनाकर "अव्यवस्था पैदा की।" ये टिप्पणियाँ CAT के 29-पन्नों के आदेश का हिस्सा थीं।
RCB, के चीफ़ मार्केटिंग ऑफ़िसर निखिल सोसले को पिछले महीने गिरफ्तार कर ज़मानत पर रिहा किया गया था। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा बढ़ाने और घायलों की मदद की घोषणा के बाद से अब तक कोई नया बयान जारी नहीं किया है। फ्रेंचाइज़ी ने "RCB केयर्स" नाम से एक फंड बनाने का वादा किया है, जिससे त्रासदी से प्रभावित सभी परिवारों की मदद की जा सके। 4 जून की घटना के बाद से उनके किसी भी सोशल मीडिया चैनल पर कोई नई अपडेट नहीं आई है।
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