मैच का टर्निंग प्वाइंट था स्टॉयनिस की पारी : वेड
पारी के दौरान ऑलराउंडर ने अपना धैर्य बनाए रखा, जिससे मुझे भी मदद मिली

ऑस्ट्रेलिया को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल का प्रमुख मुक़ाबला जिताने के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज़ मैथ्यू वेड ने कहा कि उन्हें क्रीज़ पर मार्कस स्टॉयनिस के खड़े रहने से बहुत मदद मिली, जिन्होंने लक्ष्य का पीछा करने के दौरान एक भी बार अपना धैर्य नहीं खोया।
वेड का 12 रन पर हसन अली ने कैच छोड़ा, इसके बाद वेड ने लगातार तीन छक्के जड़कर मैच को ऑस्ट्रेलिया के हाथों में कर दिया। पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने कैच ड्रॉप को ही मैच का टर्निंग प्वाइंट कहा। लेकिन वेड इससे अलग राय रखते हैं।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में वेड ने कहा, "मार्कस स्टॉयनिस की नाबाद पारी इस मैच का टर्निंग प्वाइंट था। वह जब आए तो स्पिनर गेंदबाज़ी कर रहे थे। वह भी स्पिनर्स पर एक या दो छक्के लगाकर आउट हो सकते थे। लेकिन उन्होंने निश्चित कर लिया था कि उन्हें अंत तक टिककर टीम को जीत दिलाना है। जो गेंदें उन्होंने ब्लॉक किए, उन पर आसानी से छक्का भी लग सकता था। लेकिन उन्होंने अपना धैर्य बनाए रखा। जब उन्होंने हारिस रउफ़ की गेंद पर छक्का मारा, तब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि हम मैच जीत सकते हैं।"
वेड ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश टी20 लीग (बीबीएल) में ओपनिंग करते हैं। स्टॉयनिस भी अपनी टीम के लिए यही ज़िम्मेदारी निभाते हैं। गुरूवार को इस जोड़ी ने नीचे आकर खेलते हुए अपना धैर्य और जीवटता दिखाया और छह गेंद शेष रहते ही टीम को जीत दिला दी। यह जोड़ी जब आई, तब ऑस्ट्रेलियाई टीम को 46 गेंदों में 81 रन की ज़रूरत थी। वेड ने कहा कि इसके पीछे कहीं ना कहीं उनका 'आत्मविश्वास' भी ज़िम्मेदार था।
उन्होंने कहा, "स्टॉयनिस के साथ क्रीज़ पर समय बिताना आपको आत्मविश्वास देता है। पहले वह कुछ ओवर क्रीज़ पर टिकने के लिए लेते हैं और फिर आसानी से बाउंड्री प्राप्त करते हैं। वह इसमें एक निपुण खिलाड़ी हैं। हम दोनों ने एक साथ काफ़ी क्रिकेट खेला है, इसलिए हम एक दूसरे को समझते भी हैं।"
शीर्ष क्रम के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण पूरे टूर्नामेंट के दौरान वेड, स्टॉयनिस जैसे मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों को पर्याप्त बैटिंग का अभ्यास नहीं मिला था, इससे उनके फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे और यह भी पूछा जा रहा था कि क्या वह ज़रूरत पड़ने पर 'टच' में होंगे?
वेड ने कहा, "हमें मैच प्रैक्टिस नहीं मिल पा रहा था इसलिए हम वैकल्पिक ट्रेनिंग सेशन में भी जम कर पसीना बहाते और बल्लेबाज़ी का अभ्यास करते। यह करना आज के दिन काम आ गया।"
वेड (33 वर्ष) ने यह भी स्वीकार किया कि अगर उनकी टीम सेमीफ़ाइनल हार गई होती तो संभवतः उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर भी समाप्त हो जाता। वर्तमान समय में ऑस्ट्रेलिया के पास एलेक्स कैरी, जोशुआ फ़िलिपे और जॉश इंग्लस जैसे विकेटकीपर बल्लेबाज़ों के विकल्प हैं, जिन्होंने बिग बैश सहित दुनिया भर के लीग क्रिकेट में अपनी बल्लेबाज़ी का लोहा मनवाया है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन ने वेड के अनुभव पर भरोसा जताया, जो कि दबाव वाले मैच में उनके काम भी आया।
वेड कहते हैं, "मुझे पता है कि मैं अब 23 साल का नहीं हूं। इस मैच में उतरने से पहले मैं थोड़ा सा नर्वस भी था क्योंकि मुझे लग रहा था कि यह ऑस्ट्रेलिया के लिए मेरा अंतिम मैच हो सकता है। इसलिए मैं अच्छा करके टीम के लिए मैच जीतना चाहता था।"
अपने स्कूप शॉट के बारे में उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा तीर है, जो मेरे तरकश में लंबे समय से था। मैं अपने शुरुआती करियर में इस शॉट को बहुत खेला करता थ। अगर आप स्कूप शॉट खेलते हैं तो फ़ाइन लेग को पीछे भेज दिया जाता है और फिर मिड ऑफ़ या थर्ड मैन को ऊपर बुला लिया जाता है। इससे सीधे बल्ले से शॉट खेलने के लिए आपके लिए पूरा मैदान खुल जाता है।"
हालांकि वेड द्वारा शाहीन पर लगाए गए स्कूप शॉट के बाद मैदान खुलने की कोई ज़रूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि तब तक ऑस्ट्रेलिया जीत चुका था।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है
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