प्रियांश आर्या: IPL ने मुझे पहचान दिलाई लेकिन मेरा सपना लाल गेंद से खेलना है
"IPL में मुझे किसी भी गेंदबाज़ का सामना करना कठिन नहीं लगा, मुझे लगा कि मैं सबको ही खेल लूंगा"

IPL 2025 के सफल युवा चेहरों में से एक प्रियांश आर्या का शेड्यूल IPL समाप्त होने के बाद भी व्यस्त ही रहा। 3 जून की रात अहमदाबाद में IPL फ़ाइनल का हिस्सा बनने के सिर्फ़ एक दिन बाद उन्होंने 5 जून को दिल्ली के एक लोकल टूर्नामेंट का मैच खेला। इसके बाद वह पूरे जून, दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के हॉट वेदर टूर्नामेंट का हिस्सा रहे और फ़ाइनल में 104 रनों की पारी खेल अपनी टीम को ख़िताब जिताया।
अब वह दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) 2025 में साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स की तरफ़ से सात मैचों में 171 की स्ट्राइक रेट से एक शतक और एक अर्धशतक के साथ 267 रन बना चुके हैं। यह वही DPL है, जहां पिछले साल एक ओवर में छह छक्के जड़ने और टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने के बाद उन्हें पंजाब किंग्स (PBKS) ने IPL 2025 के लिए 3.8 करोड़ रूपये में ख़रीदने का फ़ैसला किया था, जिसे उन्होंने 475 रन बनाने के साथ ही सही साबित किया।
एक सफल IPL के बाद क्या अब आर्या की ज़िंदगी बदल चुकी है? जहां पिछले साल DPL में वह एक युवा खिलाड़ी थे, अब वह DPL के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं। DPL या आर्या की टीम का कोई भी इवेंट हो, कई अन्य बड़े और सीनियर नामों के बीच मीडिया सबसे पहले आर्या को ढूंढ़ती है और उनसे जानना चाहती है कि एक सफल IPL के बाद उनकी ज़िंदगी में क्या बदलाव आया है?
हालांकि आर्या के मुताबिक उनके ज़िंदगी में कोई ख़ास बदलाव नहीं आया है। वह अभी भी वही प्रियांश हैं, जिनको अगर अपने खेल के बारे में कुछ पूछना हो तो अपने वरिष्ठ, कोचों और दोस्तों के पास जाते हैं और अगर उनका कोई जूनियर उनके पास आता है, तो अपने अनुभव से उसकी दुविधा दूर करने की कोशिश करते हैं।
ESPNcricinfo से बात करते हुए आर्या ने कहा, "देखिए, बदलाव तो आया है। अब मैं कहीं भी जाता हूं तो लोग मुझे पहचान लेते हैं, मेरे साथ तस्वीरें खिंचाना चाहते हैं। यह मुझे अच्छा भी लगता है। लेकिन मैं बहुत अधिक घूमने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मुझे अपने में रहना पसंद है।
"वहीं अगर क्रिकेट की बात की जाए तो IPL खेलने के बाद मैंने अपनी तकनीक, खेलने की शैली या माइंडसेट में कोई भी बदलाव नहीं किया है। हां, यह ज़रूर है कि अब ख़ुद से मेरी उम्मीदें बहुत बढ़ गई हैं। जैसे अभी मैं DPL खेल रहा हूं पर अभी मेरा प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं हुआ है, जितना मैं सोच रहा था। हालांकि मैं इसे कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। मैं हमेशा सकारात्मक रहता हूं और अपने ऊपर विश्वास रखता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि अपने अंदर कोई नकारात्मक विचार नहीं आने दूं, बस ख़ुद में सुधार करने की कोशिश करता रहता हूं। जैसे- मैं अभी कुछ मैचों में जल्दी आउट हो जा रहा हूं, तो मुझे लगता है कि मैं थोड़ा समय ले सकता हूं।"प्रियांश आर्या, IPL के बाद आए बदलावों पर
आर्या को जब PBKS ने ख़रीदा था तो एक युवा और अनुभवहीन खिलाड़ी होने के नाते यह तय नहीं था कि वह शुरूआती एकादश का हिस्सा बनेंगे। लेकिन सीज़न से पहले हुए प्रैक्टिस कैंप और अभ्यास मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर उन्होंने ना सिर्फ़ अपनी जगह बनाई बल्कि सभी 17 मैचों का हिस्सा बने। आर्या ने बताया कि ऐसा उनके सकारात्मक माइंडसेट के कारण ही संभव हो पाया।
वह कहते हैं, "मैं अपने खेल को बहुत अच्छे से समझता हूं और ख़ुद से ही अपना विश्लेषण करता हूं। जब PBKS का कैंप लगा था तो (रिकी) पॉन्टिंग सर ने मुझसे बहुत ही साफ़ बोला था कि इन अभ्यास मैचों को बहुत गंभीरता से लेना है, क्योंकि कैंप में और भी कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। शुरूआत में उनके सामने बहुत मुश्किलें थी कि किसको खिलाएं और किसको नहीं। लेकिन उन अभ्यास मैचों में रन बनाकर मैंने अपनी जगह लगभग पक्की कर ली। हालांकि तब भी मुझे नहीं बताया गया था कि मैं खेलूंगा ही, लेकिन थोड़ा-बहुत हिंट तो मिल ही जाता है।"
बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ आर्या ने गुजरात टाइटंस (GT) के ख़िलाफ़ अपने पहले ही मैच में मोहम्मद सिराज, कगिसो रबाडा और राशिद ख़ान जैसे शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाज़ों के सामने 23 गेंदों में 47 रन बनाए और दिखा दिया कि DPL की सफलता महज़ एक तुक्का नहीं था। हालांकि इसके बाद वह अगले दो मैचों में दहाई के स्कोर तक नहीं पहुंच पाए, लेकिन जब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के ख़िलाफ़ वह सीज़न के चौथे मैच में उतरे तो धागा खोलते हुए उन्होंने सिर्फ़ 42 गेंदों में 103 रनों की पारी खेली।
इस मैच में उन्होंने श्रीलंकाई तेज़ गेंदबाज़ मतीशा पतिराना पर लगातार तीन छक्के जड़े और पूर्व भारतीय ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन को भी नहीं बख़्शा। आर्या का कहना है कि उनके सामने कोई भी गेंदबाज़ हो, इससे उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता। अगर उन्हें बल्ला चलाना है तो चला ही देते हैं, जो कि उनके आक्रामक और सकारात्मक माइंडसेट को भी दिखाता है।
आर्या ने बताया, "IPL में मुझे किसी भी गेंदबाज़ का सामना करना कठिन नहीं लगा। मुझे लगा कि मैं सबको ही खेल लूंगा। IPL में भी वही गेंदबाज़ खेलते हैं, जो सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में खेलते हैं। अधिकतर खिलाड़ी घरेलू ही होते हैं। कुछ अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाज़ ज़रूर खेलते हैं, लेकिन मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में भी तो भारत के अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाज़ खेलते हैं। तो मुझे ज़्यादा कुछ अलग नहीं लगा। वैसे भी क्रिकेट तो हमेशा एक ही जैसा होता है।"
आर्या अपनी इस शतकीय पारी को IPL की अब तक की अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी मानते हैं। हालांकि मुंबई इंडियंस (MI) के ख़िलाफ़ जसप्रीत बुमराह पर पुल करते हुए डीप फ़ाइन लेग पर लगाया गया छक्का उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ IPL शॉट है।
उस मैच को याद करते हुए आर्या कहते हैं, "टॉप-2 में आने के लिए हमें वह मैच जीतना बहुत ज़रूरी था। MI ने हमें 185 रन का लक्ष्य दिया था। दूसरी पारी में जब मैं बल्लेबाज़ी करने जा रहा था तो श्रेयस (अय्यर) भैया ने मेरे पास आकर बोला कि अगर बड़े मैचों का खिलाड़ी बनना है तो ऐसे मैचों में रन बनाना होगा। MI की गेंदबाज़ी बहुत अच्छी है तो उस पारी से मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला।"
आर्या ने इस मैच में ट्रेंट बोल्ट, बुमराह, दीपक चाहर, हार्दिक पंड्या और मिचेल सैंटनर जैसे गेंदबाज़ों के सामने 35 गेंदों में 62 रन की पारी खेली, जो सीज़न के उनके दो अर्धशतकों में से एक था। हालांकि उनको इस बात की निराशा है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में कुछ अधिक योगदान नहीं दे पाए और उनकी टीम को हार मिली।
उन्होंने कहा, "फ़ाइनल को याद करके अभी भी बुरा लगता है। हमारी टीम 11 सालों बाद फ़ाइनल में पहुंची थी और मेरा तो यह पहला ही IPL था। मैं टीम के लिए थोड़ा और योगदान दे सकता था, पर वह हो नहीं पाया। यह पछतावा तब तक रहेगा जब तक हम अगली बार फ़ाइनल जीत नहीं जाते।"
आर्या ने IPL 2025 में 27.94 की औसत और 179.24 के स्ट्राइक रेट से एक शतक और दो अर्धशतकों के साथ 475 रन बनाए, जो कि किसी भी अनकैप्ड खिलाड़ी का अपने डेब्यू IPL सीज़न में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ी प्रदर्शन है। उनके इस प्रदर्शन की अनिल कुंबले, अंबाती रायुडू, डैरेन गंगा, पीयूष चावला जैसे पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने ख़ूब प्रशंसा की और वसीम जाफ़र ने तो एक क़दम आगे बढ़ते हुए यहां तक कह डाला कि वह जल्द ही भारत के लिए नीली जर्सी में खेल सकते हैं। इसके अलावा PBKS के मुख्य कोच पॉन्टिंग लगभग हर प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उनकी तारीफ़ किए बिना नहीं थकते थे।
आर्या कहते हैं, "इन चीज़ों से बहुत आत्मविश्वास मिलता है। मैं सबके रिएक्शंस सोशल मीडिया या न्यूज़ में देखता रहता था और मुझे बहुत अच्छा भी लगता था। किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए यह बड़ी बात है, जब इतने-इतने बड़े नाम आपकी तारीफ़ करें। ख़ुद के लिए मुझे अच्छा तो लगता है, लेकिन उससे अधिक मेरे घर वाले बहुत ख़ुश होते हैं।"
दिल्ली के एक अध्यापक दंपत्ति की संतान आर्या अंडर-19 क्रिकेट तक एक मध्यक्रम के बल्लेबाज़ थे। लेकिन जब वह अंडर-23 क्रिकेट में आए तो दिल्ली के मध्यक्रम में उनकी जगह नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने सलामी बल्लेबाज़ी करना शुरू किया और पावरप्ले का लाभ उठाने के लिए वह अपने सामान्य शैली से अधिक आक्रामक बल्लेबाज़ी करने लगे। आर्या के मुताबिक़ तभी से उनके माइंडसेट में बदलाव आया और वह अब एक आक्रामक बल्लेबाज़ के रूप में जाने जाते हैं। हालांकि आर्या इस अटैकिंग माइंडसेट के लिए अलग से कुछ नहीं करते हैं और अभ्यास सत्र में चीज़ों को सामान्य रखते हैं।
फ़िलहाल आर्या का वर्तमान लक्ष्य अपनी टीम को DPL में जीत दिलाना और दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफ़ी डेब्यू करना है। वह कहते हैं, "मैं पिछले साल भी रेड बॉल क्रिकेट खेलना चाहता था, लेकिन तब मेरा डेब्यू नहीं हो पाया था। उम्मीद है कि इस साल ऐसा हो। मैं रेड बॉल क्रिकेट खेलना चाहता हूं और ऐसा मैंने पहले भी कहा है। मैं आने वाले घरेलू सीज़न के लिए उत्साहित हूं और कुछ चीज़ों पर काम भी कर रहा हूं, जो मैं आप लोगों को नहीं बता सकता।"
ऐसा कहते हुए कम बोलने वाले आर्या के चेहरे पर एक मंद कुटिल मुस्कान थी और उन्होंने अपनी बातों को यहीं समाप्त कर दिया।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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