निडरता, संयम और सटीक आक्रमण - कप्तान श्रेयस ने किया कमाल
मुंबई के ख़िलाफ़ मिली जीत के बाद श्रेयस ने बताया कि वह RCB के ख़िलाफ़ मिली हार से कैसे उबरे
हां या ना: श्रेयस की पारी IPL प्लेऑफ़ की अब तक की बेस्ट पारी थी
अहमदाबाद में खेले गए IPL 2025 के दूसरे क्वालिफ़ायर में PBKS vs MI से जुड़े अहम सवालों पर वरुण ऐरन का फ़ैसलाजब दबाव आसमान छू रहा हो और सामने 200 से ज़्यादा का लक्ष्य हो, तो बहुत कम खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो खु़द को संयमित रखते हुए टीम को जीत दिला सकें। लेकिन रविवार की रात, श्रेयस अय्यर ने साबित कर दिया कि वह उन्हीं चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं। मुंबई इंडियंस (MI) के ख़िलाफ़ क्वालिफ़ायर 2 में उनकी 41 गेंदों में 87 रनों की विस्फोटक पारी ने पंजाब किंग्स (PBKS) को दूसरी बार IPL फ़ाइनल में पहुंचा दिया। यह सिर्फ़ एक मैच नहीं था, बल्कि कप्तान अय्यर की सोच, संयम और प्रेरक नेतृत्व की शानदार झलक थी।
मैच के बाद जब अय्यर से पूछा गया कि वो ऐसे दबाव वाले मौक़ों पर इतने शांत कैसे रहते हैं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता। लेकिन मैं ऐसे बड़े मौक़ों को बहुत पसंद करता हूं। मैंने हमेशा टीम में यही कहा है कि जितना बड़ा मौक़ा होगा, उतना शांत रहना चाहिए। तब जाकर बड़े नतीजे मिलते हैं।"
MI ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 203 रन बनाए थे, लेकिन PBKS के बल्लेबाज़ शुरुआत से ही इरादे के साथ उतरे। अय्यर ने कहा, "हर खिलाड़ी को पहले ही गेंद से आक्रामक और स्पष्ट रहना होता है। शुरुआत में मुझे भी समय लेना पड़ा, लेकिन दूसरे छोर से बल्लेबाज़ अच्छे शॉट्स खेल रहे थे। मुझे पता था कि जितना ज़्यादा समय मैं मैदान पर बिताऊंगा, मेराी मानसिकता और रणनीति उतनी ही स्पष्ट होगी।"
PBKS ने प्लेऑफ़ से पहले RCB के ख़िलाफ़ एक कड़ा मुक़ाबला गंवाया था, लेकिन अय्यर ने उस हार को पीछे छोड़ने का सही तरीका अपनाया। उन्होंने कहा, "हमने उस हार को पीछे छोड़ दिया, अपनी कल्पनाओं में भी उसे नहीं आने दिया। हमने पूरे सीज़न शानदार खेल दिखाया है। एक मैच से पूरी टीम की पहचान तय नहीं होती। हमारा इरादा और सकारात्मकता पहले मैच से ही साफ़ था।"
अय्यर ने अपनी कप्तानी में युवा और अनकैप्ड खिलाड़ियों को भरपूर आज़ादी दी है। शायद यह उनकी अच्छी नेतृत्व क्षमता ही है, जिसके कारण उन्होंने तीन-तीन टीमों को फ़ाइनल में पहुंचाया है। उन्होंने कहा, "मैं उन्हें ज़्यादा निर्देश नहीं देता, बस उन्हें उनके अंदाज़ में खेलने देता हूं। उनमें जो निडरता है, वही मुझे पसंद है। भले ही अनुभव कम हो, लेकिन उनके पास विचार होते हैं और वो उन्हें साझा भी करते हैं।"
मैच के बाद अय्यर ने यह भी कहा, "मैं अभी इसी पल में हूं, इस जीत का लुत्फ़ उठा रहा हूं। लेकिन काम अभी आधा ही हुआ है।"
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