टी20 विश्व कप के पांच बड़े उलटफेर
नामीबिया की श्रीलंका पर जीत से पहले कई छोटी टीमें बड़ी टीमों को हिला चुकी हैं

2022 टी20 विश्व कप के पहले ही मुक़ाबले में नामीबिया ने श्रीलंका को 55 रनों से हराकर इस टूर्नामेंट का बड़ा उलटफेर कर दिया। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी एसोसिएट या छोटी टीम ने आईसीसी मेंबर की बड़ी टीम को हराया है। इसकी शुरुआत तो 2007 के पहले टी20 विश्व कप में ही हो चुकी थी। चलिए तो उन पुरानी यादों को एक बार याद कर लेते हैं। यह रहे टी20 विश्व कप इतिहास की शीर्ष बडे़ उलटफेर।
जब ब्रैंडन टेलर पड़े पूरी ऑस्ट्रेलिया पर भारी
टी20 विश्व कप की शुरुआत 2007 में हुई थी और ऑस्ट्रेलिया यहां पर वनडे विश्व कप की चैंपियन बनकर उतरी थी। ऑस्ट्रेलिया का पहला मैच ज़िम्बाब्वे से था और उन्होंने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर चौंका दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस प्रारूप से तब सामंजस्य नहीं बैठा पाई थी। ऐंड्रयू साइमंड्स 25 गेंद में 33 रन, माइकल हसी 23 गेंद में 15 रन, ब्रैड हॉज 22 गेंद में 35 रन ही बना पाए। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ पूरी पारी में केवल तीन ही छक्के लगा पाए थे और स्कोर बना नौ विकेट पर 138 रन। ज़िम्बाब्वे के लिए एल्टन चिगंबुरा ने सबसे ज़्यादा तीन विकेट लिए। जवाब में ब्रैंडन टेलर ने 45 गेंद में नाबाद 60 रन बनाकर टीम को अकेले दम पर एक गेंद शेष रहते पांच विकेट से जीत दिला दी।
आफ़ताब अहमद और मोहम्मद अशरफ़ुल ने वेस्टइंडीज़ को चौंकाया
2007 विश्व कप में ही ज़िम्बाब्वे के कारनामे के अगले दिन बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज़ को छह विकेट से हराकर एक और उलटफेर कर दिया। डेवन स्मिथ 52 गेंद में 51 रन ही बना सके। उनके अलावा शिवनारायण चंद्रपॉल ने 31 गेंद में 37 रन बनाए। बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन ने सबसे ज़्यादा चार विकेट लिए थे। इसके बाद भी वेस्टइंडीज़ आठ विकेट पर 164 रनों का बड़ा स्कोर करने में क़ामयाब रहा। जवाब में बांग्लादेश ने 28 रन पर ही दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन फिर आफ़ताब अहमद और कप्तान मोहम्मद अशरफ़ुल ने तीसरे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी कर जीत की इबारत लिखी। अशरफ़ुल ने 27 गेंद में 61 रन और आफ़ताब ने 49 गेंद पर नाबाद 62 रन बनाए।
नीदरलैंड्स पड़ी इंग्लैंड पर भारी
2009 टी20 विश्व कप में नीदरलैंड्स ने इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर टूर्नामेंट का सबसे बड़ा उलटफेर कर दिया था। ल्यूक राइट की 49 गेंद में 71 रनों की पारी की बदौलत इंग्लैंड ने पांच विकेट पर 162 रन बनाए। इंग्लैंड के लिए यह स्कोर काफ़ी साबित नहीं हुआ। नीदरलैंड्स की ओर से मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों टॉम डि ग्रूथ (49), पीटर बॉरेन (30) और रायन तेन डस्काटे (22 नाबाद) ने अहम योगदान देकर अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी।
हॉन्ग कॉन्ग की बांग्लादेश पर रोमांचक जीत
2014 विश्व कप के पहले दौर में हॉन्ग कॉन्ग की टीम ने बांग्लादेश को दो विकेट से रोमांचक मैच में शिकस्त देकर चौंका दिया था। नदीम अहमद के चार विकेट और नज़ाक़त ख़ान के तीन विकेट की बदौलत हॉन्ग कॉन्ग ने बांग्लादेश को 108 रनों पर ढेर कर दिया था। बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन ने ही सबसे ज़्यादा 34 रन बनाए थे। जवाब में हॉन्ग कॉन्ग भी आसानी से इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई। ओपनर इरफ़ान अहमद ने 34 और निचले क्रम पर मुनीर डार ने 36 रन बनाए लेकिन हसीम अमजद ने नाबाद 12 रन बनाकर दो गेंद शेष रहते टीम को दो विकेट से जीत दिला दी।
एक बार फिर नीदरलैंड्स ने इंग्लैंड को चौंकाया
2009 की उलटफेर के पांच साल बाद एक बार फिर से नीदरलैंड्स के सामने इंग्लैंड थी और इन्होंने इस बार भी अपने पड़ोसी देश को 45 रन से हराकर पसीने छुड़ा दिए और यह हार उनके लिए इस बार और भी बुरी थी क्योंकि यह टीम 88 रनों पर ढेर हो गई। स्टीफ़न मायबर्ग (39) और वेस्ली बरेसी (48) की पारियों की बदौलत नीदरलैंड्स पांच विकेट पर 133 रन ही बना पाई थी, लेकिन उनके गेंदबाज़ इस मैच में छा गए। मुद्दस्सर बुख़ारी और लोगन वैन बीक ने तीन-तीन विकेट लेकर इंग्लैंड की हालत बुरी कर दी। इंग्लैंड के केवल तीन ही बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा छू पाए थे और 45 रन से मैच गंवा बैठे। इंग्लैंड इस टूर्नामेंट के नॉकआउट में भी नहीं पहुंच पाई थी।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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