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क्या ओवल टेस्ट के लिए भारत और इंग्लैंड में चार-चार बदलाव एक रिकॉर्ड है?

क्या भारत की छह रनों से जीत टेस्ट में उनकी सबसे कम अंतर से हासिल की हुई जीत है?

भारत टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 13 रनों के अंतर से हरा चुका है  Getty Images

क्या ओवल टेस्ट में भारत की जीत टेस्ट में उनकी सबसे कम अंतर से जीत है? जसवंत मोहन सहित कई अन्य लोगों ने भी पूछा

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ओवल में भारत की छह रनों से जीत रनों के लिहाज़ से निश्चित तौर पर भारत की सबसे कम अंतर से जीत थी। इससे पहले रनों के लिहाज़ से भारत ने सबसे कम अंतर से ऑस्ट्रेलिया को 2004 में, वानखेड़े में 13 रनों से हराया था। ऑस्ट्रेलिया को 107 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन ऑस्ट्रेलिया की पारी 93 रनों पर सिमट गई थी।

रनों के लिहाज़ से सिर्फ़ सात जीत ही इससे कम अंतर से टेस्ट मैचों जीत दर्ज की थी। इसमें दो जीत एक रन से भी शामिल है, 1993 में एडिलेड में वेस्टइंडीज़ ने ऑस्ट्रेलिया और 2023 में वेलिंग्टन में न्यूज़ीलैंड ने इंग्लैंड को एक रन से हराया था।

टेस्ट में कुल 15 मैच एक विकेट से भी जीते गए हैं। जिसमें 2010 में, मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के ऊपर भारत की एक विकेट से जीत भी शामिल है। उस मैच में वी वी एस लक्ष्मण ने 79 गेंदों पर 73 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी।

रवींद्र जाडेजा ने हाल ही में इंग्लैंड में 1 हज़ार रनों का आंकड़ा पार किया और उनके नाम इंग्लैंड में 30 से अधिक विकेट भी हैं। जाडेजा के अलावा और कितने खिलाड़ियों ने यह कारनामा किया है? अफ़ज़ल बरमन ने भारत से पूछा

ओल्ड ट्रैफ़र्ड में शतक के बाद इंग्लैंड में रवींद्र जाडेजा के नाम 16 टेस्ट में 1096 रन थे और टेस्ट समाप्त होने के बाद उनके खाते में 34 विकेट भी शामिल थे। सीरीज़ की समाप्ति तक जाडेजा रनों के आंकड़े को 1158 रनों तक ले गए, हालांकि उनके खाते में अभी भी 34 विकेट ही हैं। जाडेजा के अलावा सिर्फ़ दो मेहमान खिलाड़ी ही इंग्लैंड में 1 हज़ार टेस्ट रन और 25 विकेट ले पाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के चार्ली मैकार्टनी ने 1909 से 1926 के बीच इंग्लैंड में 21 टेस्ट खेलते हुए 1118 रन बनाए और 26 विकेट हासिल किए। वहीं वेस्टइंडीज़ के गैरी सोबर्स ने 1957 से 1973 के बीच 53.52 की औसत से इंग्लैंड में 1820 रन बनाए और 31.58 की औसत से उन्होंने 62 विकेट हासिल किए। सोबर्स ने इस दौरान 28 कैच भी लपके थे।

Ravindra Jadeja ने इंग्लैंड में 1158 टेस्ट रन और 34 विकेट हासिल किए हैं  Getty Images

नौ अन्य मेहमान खिलाड़ियों ने भी इंग्लैंड में कम से कम 500 रन बनाए और 25 विकेट हासिल किए हैं। शेन वॉर्न ने 22 मैचों में 129 विकेट (563 रन) लिए। वहीं रिचर्ड हेडली (70) और मिचेल स्टार्क (50) दोनों ने 50 से अधिक विकेट लिए।

वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ हालिया टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने सभी 60 विकेट गंवाए लेकिन इसके बावजूद सीरीज़ 3-0 से जीत ली। क्या ऐसा पहले भी हुआ है? रॉल अगार्ड ने कनाडा से पूछा

हालिया फ़्रैंक वॉरेल ट्रॉफ़ी एक लो स्कोरिंग सीरीज़ थी जिसमें एक भी शतक नहीं लगा। क़रीब से देखने पर पता चलता है कि यह सिर्फ़ दूसरी ऐसी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ थी जिसमें सभी 120 विकेट गिरे। इससे पहले 2017-18 में हुई साउथ अफ़्रीका बनाम भारत टेस्ट सीरीज़ थी जिसे मेज़बान टीम ने 2-1 से अपने नाम किया था।

2004 में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ 3-0 से जीत दर्ज की थी लेकिन उसमें ऑस्ट्रेलिया ने 60 में से 58 विकेट गंवाए थे। हालांकि श्रीलंका के सभी 60 विकेट गिरे थे। दो अन्य तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ ऐसी रही हैं जिसमें 118 विकेट गिरे हैं और उनका परिणाम 2-1 रहा है।

पांचवें टेस्ट के लिए भारत और इंग्लैंड दोनों ने अपनी टीमों में चार-चार बदलाव किए। यह सीरीज़ के बीच में किए गए बदलावों की संख्या के लिहाज़ से कितना अजीब है? ऐलेक्स बेकर ने स्कॉटलैंड से पूछा

ओवल टेस्ट में इंग्लैंड और भारत दोनों ने चार-चार बदलाव किए। किसी टेस्ट सीरीज़ के बीच में यह सिर्फ़ छठी बार था जब दोनों टीमों ने चार-चार बदलाव किए हों। ऑस्ट्रेलिया और भारत ने नवंबर 1956, इंग्लैंड और पाकिस्तान ने जुलाई 1962, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ ने जुलाई 1976, पाकिस्तान और श्रीलंका ने मार्च 1982 और जुलाई 2015 में ऐसा किया था।

1994-95 की सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने चार और पाकिस्तान ने पांच बदलाव किए थे। इंग्लैंड में जुलाई 1959 में दूसरे से तीसरे टेस्ट के बीच इंग्लैंड ने अपनी टीम में छह और भारत ने कुल पांच बदलाव किए थे। हालांकि रिकॉर्ड जुलाई 2002 में बना जब दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में श्रीलंका ने सात और बांग्लादेश ने पांच बदलाव किए।

सीरीज़ के बीच में एक मैच के लिए सबसे ज़्यादा बदलाव का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है। उन्होंने 1884-85 में मेलबर्न में वेतन भुगतान संबंधी विवाद पर दूसरे ऐशेज़ टेस्ट के लिए पूरी एक नई टीम ही मैदान में उतार दी थी। जबकि इंग्लैंड की टीम उस मैच में बिना बदलाव के उतरी थी।

ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में तीसरे टेस्ट के लिए सात और बदलाव किए: "नई" टीम के चार खिलाड़ी बचे रहे, पहले टेस्ट से भुगतान प्राप्त करने वाले तीन विद्रोही खिलाड़ी वापस आ गए, और चार नए खिलाड़ियों को बुलाया गया - इस प्रकार ऑस्ट्रेलिया ने उस सीरीज़ के पहले तीन टेस्ट मैचों में 26 अलग-अलग खिलाड़ियों का उपयोग किया।

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स्टीवन लिंच Wisden on the Ashes के अपडेटेड संस्करण के एडिटर हैं।