तेजनारायण, 83 के हीरोज़ और 'शहज़ादा' सलीम दुरानी : वे क्रिकेटर जिन्होंने बड़े परदे पर भी बिखेरा जादू
मौजूदा वेस्टइंडीज़ के सलामी बल्लेबाज़ ने दो साल पहले '83' फ़िल्म में महत्वपूर्ण क़िरदार निभाया था

भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच डॉमिनिका में खेले गए एकतरफ़ा टेस्ट के दौरान वेस्टइंडीज़ के सलामी बल्लेबाज़ तेजनारायण चंद्रपॉल ने उम्मीद और आदत के अनुसार बहुत ज़्यादा समय क्रीज़ पर नहीं बिताया। आर अश्विन और रवींद्र जाडेजा के स्पिन अटैक का शिकार बनते हुए उन्होंने केवल 72 गेंदें खेलीं।
वैसे तो उनके खेलने के अंदाज़ और सरनेम से ही आपको पता चल गया होगा वह किसके पुत्र हैं। वैसे सिर्फ़ उनका नाम और स्टांस ही परिचित नहीं, अगर आपने ध्यान से उनको देखा होगा तो शायद उनका चेहरा भी जाना-पहचाना से लगा होगा। 2021 में रिलीज़ हुई कबीर ख़ान की फिल्म '83' में तेजनारायण ने 1983 विश्व कप में वेस्टइंडीज़ टीम के सदस्य लैरी गोम्स का क़िरदार निभाया था।
यह पहली बार नहीं है जब किसी क्रिकेटर को फ़िल्म में रोल मिला था। कुछ ऐसे प्रमुख खिलाड़ियों के फ़िल्म अनुभव पर नज़र डालते हैं।
विनोद कांबली
भारत के लिए 50 से अधिक के औसत से टेस्ट रन बनाने वाले खब्बू बल्लेबाज़ कांबली 2002 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से लगभग दो साल से बाहर रह चुके थे। ऐसे में सुनील शेट्टी और संजय दत्त की फ़िल्म 'अनर्थ' में उन्हें बाण्ड्या नामक एक मेकैनिक का रोल मिला था। रोल काफ़ी छोटा था लेकिन इस एक्शन फ़िल्म में उनके कुछ फ़ाइट सीन भी लिखे गए थे।
मोहसिन ख़ान
पूर्व पाकिस्तानी ओपनर मोहसिन लॉर्ड्स में दोहरा शतक लगाने वाले पहले पाकिस्तानी खिलाड़ी थे। उनका भारतीय फ़िल्म जगत से एक बड़ा नाता था कि उन्होंने 1980 के दशक की टॉप अदाकारा रीना रॉय से शादी की। उनके नाम जे पी दत्ता की 1989 की फ़िल्म बटवारा और 1991 में रिलीज़ हुई महेश भट्ट की फ़िल्म 'साथी' हैं।
संदीप पाटिल और...सैयद किरमानी
1980 के दशक में एक ऐसा समय था जब 1983 विश्व कप विजेता पाटिल चोटिल थे। सांगली के शाही परिवार से संबंध रखने वाले विजय सिंह पटवर्धन, जिनकी सुपुत्री भाग्यश्री को शायद आपने 'मैंने प्यार किया' में लीड रोल में देखा है, एक फ़िल्म बना रहे थे और उन्होंने पाटिल को इसमें लीड रोल दिया। 1985 में रिलीज़ हुई 'कभी अजनबी थे' की कहानी दरअसल पाटिल के जीवन पर ही आधारित थी और उन्होंने अपना ही रोल निभाया। इस फ़िल्म में उनके साथ पूनम ढिल्लन और देबाश्री रॉय ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं। यह फ़िल्म यूट्यूब पर मौजूद है और पटवर्धन द्वारा बनाए गाने सुनने लायक हैं।
पाटिल बताते हैं कि किरमानी साहब एक बार उनके साथ शूटिंग देखने गए थे। जब वह ख़ुद अपने मेक-अप के लिए गए और लौटे तब किरमानी और उनके बीच एक फ़ाइट सीन लिख दिया गया था। इस तरह 1983 के एक और विजेता ने भी बड़े परदे पर अपना पदार्पण कर लिया।
सुनील गावस्कर
वैसे 1983 की टीम के एक और सदस्य गावस्कर भी 1980 में ही फ़िल्म जगत का हिस्सा बन चुके थे। 'सावली प्रेमाची' नामक मराठी फ़िल्म में उन्होंने विक्रम गोखले, श्रीराम लागू और सुलोचना जैसे फ़नकारों के साथ काम किया और रोमैंटिक लीड की सारी ज़िम्मेदारियां निभाई।
1988 में उन्होंने 'मालामाल' फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह और सतीश शाह के साथ काम किया। हाल ही में एक वार्तालाप में उन्होंने बताया था कि कैसे इस फ़िल्म में उनके रोल की शूटिंग ठीक 1987 विश्व कप से कुछ दिन पहले कैंप से पहले हुई थी। वानखेड़े स्टेडियम के ऊपर लिए गए एक शॉट के लिए उन्हें एक खुले हेलीकॉप्टर में बैठना पड़ा था और उन्होंने बिना किसी इंजरी के इस शॉट को अंजाम देकर ही राहत की सांस ली।
सलीम दुरानी
'शहज़ादा' सलीम के नाम से विख्यात ऑलराउंडर शायद पहले भारतीय उपमहाद्वीप के क्रिकेटर बने जिन्होंने किसी फ़िल्म में लीड रोल निभाई। 1973 में रिलीज़ हुई 'चरित्र' में उनके सामने हिरोइन बनीं परवीन बाबी। यह फ़िल्म एक और बड़ी हस्ती के लिए काफ़ी यादगार रहा। बतौर संगीत निदेशक, यह बप्पी लाहिरी नामक एक युवक का पहला साल था और केवल दूसरी रिलीज़ की गई फ़िल्म।
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