रेटिंग्स : शार्दुल और सैमसन रहे अव्वल
गिल, धवन और हुड्डा ने भी किया प्रभावित

पिछले मैच में ज़िम्बाब्वे को 10 विकेट से हराने वाली भारतीय टीम शनिवार को दूसरा मुक़ाबला पांच विकेट से जीतने में क़ामयाब रही। यह कप्तान के तौर पर केएल राहुल की पहली सीरीज़ जीत है। दीपक चाहर की ग़ैरमौजूदगी के बावजूद गेंदबाज़ों ने इस मैच में भी कमाल का प्रदर्शन किया। आइए देखते हैं कि इस मैच में भारतीय एकादश के खिलाड़ियों को कितने अंक मिलते हैं।
क्या सही और क्या ग़लत?
भारतीय टीम के दृष्टिकोण से गेंदबाज़ी में सभी चीज़ें सही रही। दीपक को आराम दिया गया और उनकी जगह शार्दुल ठाकुर खेले। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा के साथ मिलकर उन्होंने ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाज़ों को चैन की सांस नहीं लेने दी। जिसका नतीज़ा यह रहा कि भारतीय टीम ने विरोधी टीम को 161 रनों पर ढेर कर दिया, जहां ठाकुर ने सबसे ज़्यादा तीन विकेट लिए।
इस मैच में भारतीय बल्लेबाज़ी टीम के पक्ष में नहीं गई। पहले मैच में भारत 10 विकेट से जीता तो ओपनरों की वजह से लेकिन इस मैच में गिल की जगह राहुल ने ओपन करने का निर्णय लिया और जल्द आउट हो गए। एक समय भारतीय टीम ने 97 रनों पर चार विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद दीपक हुड्डा और संजू सैमसन ने अर्धशतकीय साझेदारी करके टीम को जीत दिलाने में योगदान दिया।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
शिखर धवन, 7 : पिछले मैच में धवन सबसे ज़्यादा अंक जुटाने में क़ामयाब रहे थे। इस मैच में भी उन्होंने भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। राहुल के आउट होने के बाद भी उन्होंने टीम पर दबाव नहीं आने दिया और कुछ आकर्षक शॉट लगाए। वह कब 30 के पार पहुंच गए पता ही नहीं चला। लेकिन एक अच्छी बाउंसर पर वह मिस टाइम करके अपना विकेट गंवा बैठे।
केएल राहुल, 6 : राहुल ने क्रीज़ पर समय बिताने का फ़ैसला किया और ओपनिंग करने उतरे, लेकिन अंदर आती गेंद पर उनकी कमी एक बार दोबारा सामने आई और वह गेंद की लाइन में पैर ले आए और फ़्लिक करने से चूककर एलबीडब्ल्यू हो गए। भारत को यह बड़ा झटका लगा और कुछ देर बाद भारत मुश्किलों में फंस गया था। जहां तक कप्तानी की बात है तो इस बार उनकी कप्तानी में वह पैनापन नज़र आया। जब ज़िम्बाब्वे के दो महत्वपूर्ण बल्लेबाज़ क्रीज़ पर थे तो उन्होंने अपने प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ों को गेंदबाज़ी पर लगाया और जब पुछल्ले बल्लेबाज़ आए तो वह जानते थे कि वे स्पिन खेलने में सक्षम नहीं हैं। तब उन्होंने अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को लगाया।
शुभमन गिल, 8 : जहां पहले मैच में दोनों ओपनरों ने सामान स्कोर बनाए थे तो इस मैच में भी दोनों ने 33-33 रन बनाए। भले ही गिल इस बार ओपन करने नहीं आए। गिल सफे़द गेंद प्रारूप में लगातार निखरते जा रहे हैं। उनके कट, पुल आकर्षक होते हैं। धवन के आउट होने के बाद गिल ने अपने शॉटों को खेलना जारी रखा लेकिन एक शरीर से दूर की गेंद पर कट करने के चक्कर में वह थर्ड मैन पर अपना विकेट खो बैठे। इससे पहले दूसरी स्लिप में गिल ने एक बेहतरीन कैच लपका जिसकी वजह से उन्हें धवन से एक अंंक अधिक मिला है।
इशान किशन, 4 : टीम में लगातार प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। ऐसे में जिस भी बल्लेबाज़ को मौक़ा मिले उसे उसका फ़ायदा उठाना चाहिए। पहले मैच में तो किशन को कोई मौक़ा नहीं मिला, लेकिन इस बार जब मिला तो वह बुझे से नज़र आए। वह एक आक्रामक बल्लेबाज़ हैं लेकिन इस पारी में ऐसा कुछ नज़र नहीं आया। एक दूर की गेंद पर ड्राइव करने का प्रयास उनका विकेट ले बैठा, जब गेंद बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्टंप्स पर लग गई।
संजू सैमसन, 9 : विकेट के पीछे तीन कैच और एक रन आउट में सहयोग। संजू सैमसन बल्लेबाज़ी पर भी नहीं आए, उससे पहले ही वह आधे अंक तो निकाल ही गए थे। जिस समय चौथा विकेट गिरा उस समय स्कोर केवल 97 रन था। ऐसे में सैमसन ने हुड्डा के साथ संभलकर बल्लेबाज़ी की। अंत में जब रन कम रह गए तो वह अपने पुराने रंग में लौट आए। इस मैच में अगर सैमसन ने कोई ग़लती की तो वह रायन बर्ल की स्टंपिंग का मौक़ा गंवा देना था।
दीपक हुड्डा, 8 : दीपक हुड्डा को जब भी गेंद थमाई जाती है तो वह निराश नहीं करते हैं। इस मैच में भी उन्होंने ज़िम्बाब्वे के अहम बल्लेबाज़ शॉन विलियम्स का विकेट निकाला। वह जब बल्लेबाज़ी करने आए थे उस वक़्त टीम मुश्किल में थी, लेकिन वह संभलकर खेले और विरोधी टीम के गेंदबाज़ों को कोई मौक़ा नहीं दिया। हालांकि जब टीम जीत के क़रीब थी तो वह सिकंदर रज़ा की एक सटीक यॉर्कर पर बोल्ड हो गए।
अक्षर पटेल, 7 : अक्षर पटेल ने जिस तरह की गेंदबाज़ी की उस मुताबिक़ उनको इतने विकेट नहीं मिले। सात ओवर में एक मेडन करते हुए 20 रन देकर केवल एक विकेट। ज़िम्बाब्वे के मध्य क्रम को उन्होंने फंसाकर रखा। पटेल की गेंद पर बल्लेबाज़ों ने दो रिव्यू लिए और बच गए। बर्ल भी स्टंप हो गए होते लेकिन संजू ने मौक़ा गंवा दिया।
शार्दुल ठाकुर, 9 : शार्दुल ठाकुर को मौक़ा मिला और उन्होंने खु़द को एक बार फिर साबित किया। वह अपने सेट में बल्लेबाज़ों को फंसाते दिखे। कभी लगातार बाउंसर और कभी तुरंत अचानक से आगे की आउट स्विंग गेंद। बल्लेबाज़ों के पास उनकी गेंदों का कोई जवाब नहीं था। यही वजह थी कि उन्हें एक ओवर में दो विकेट लिए। कुल मिलाकर उन्हें तीन विकेट मिले और नौ अंक मिलने के वह क़ाबिल हैं।
कुलदीप यादव, 7 : कुलदीप इस मैच में महंगे साबित हुए। उन्होंने आठ ओवर में 49 रन दिए और केवल एक विकेट लिया, लेकिन उनके नाम सिकंदर रज़ा का एक अहम विकेट रहा। वह अपनी गेंदों पर बल्लेबाज़ों को लगातार परेशान करते दिखे। उनके नाम एक और विकेट हो सकता था लेकिन वह अपनी ही गेंद पर ब्रैड एवंस का कैच टपका दिए।
मोहम्मद सिराज, 8 : मोहम्मद सिराज ने अपनी गेंदबाज़ी में बहुत सुधार किया है। उनके पास आउट स्विंग पहले से थी। इसके बाद वह वॉबल सीम करने लगे और अब वह अपनी इन स्विंग पर भी काम कर रहे हैं। ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाज़ उनके पहले स्पेल को खेल ही नहीं पा रहे थे। जब वह पुरानी गेंद पर वापस आए तो वॉबल सीम और इन स्विंग के साथ बाउंसर से उन्होंने बल्लेबाज़ों की परीक्षा ली। भले ही उनके खाते में एक विकेट आया, लेकिन आठ ओवर में दो मेडन करते हुए 16 रन उनकी क़ाबिलियत को दर्शाते हैं।
प्रसिद्ध कृष्णा, 7 : सिराज की ही तरह कृष्णा ने भी अपने पहले स्पेल में ओपनरों की कड़ी परीक्षा ली। दोनों ओर से होते अच्छे आक्रमण की वजह से ओपनर खुलकर रन नहीं बना पा रहे थे, जिसकी वजह से उन पर दबाव बना और ज़ल्द विकेट गिरते गए। टेस्ट मैच की लेंथ उनकी कमाल की रहती है। मधेवीरे को उन्होंने एक सटीक गेंद पर आउट किया।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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