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इसाम : पावरप्ले में बांग्लादेश का संघर्ष जारी

पाकिस्तान ने याद दिलाया कि टी20 क्रिकेट में बांग्लादेश की बल्लेबाज़ी में बदलाव की ज़रूरत है

Shahnawaz Dahani is ecstatic after picking up his maiden T20I wicket, Bangladesh vs Pakistan, 3rd T20I, Dhaka, November 22, 2021

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बांग्लादेश ने 130 का आंकड़ा भी पार नहीं किया  •  AFP/Getty Images

शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में बल्लेबाज़ी के लिए मददगार पिचों पर तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले खेलने के बावजूद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पावरप्ले में बांग्लादेश की ख़राब बल्लेबाज़ी जारी रही। इसकी शुरुआत टी20 विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घर पर मिली सीरीज़ जीत के दौरान हुई थी। इस बड़े टूर्नामेंट से पहले आत्मविश्वास पाने के लिए टीम ने ऐसी पिचों का इस्तेमाल किया जहां बड़े शॉट लगाना लगभग असंभव हो गया था। हो सकता है कि इसकी वजह से बांग्लादेशी बल्लेबाज़ पावरप्ले में अधिक आक्रमण करने के प्रयास में विकेट गंवा रहे हैं।
पाकिस्तान सीरीज़ में बांग्लादेश ने पहले छह ओवर में औसतन 30 रन बनाए जो इस साल उनका सबसे न्यूनतम है। इसके चलते वह 127, 108 और 124 के छोटे लक्ष्य खड़े कर पाए जिसे विपक्षी टीम ने आसानी से हासिल कर लिया। साल की शुरुआत तो उन्होंने न्यूज़ीलैंड में 51 की पावरप्ले औसत के साथ की थी लेकिन अगस्त में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ संघर्ष का यह सिलसिला शुरू हुआ।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 4-1 और न्यूज़ीलैंड को 3-2 से मात दी थी। इस दौरान स्पिनरों ने 40 जबकि तेज़ गेंदबाज़ों ने 33 विकेट झटके। यह दर्शाता है कि बल्लेबाज़ी कितनी मुश्किल थी। हालांकि टीम के कप्तान महमुदउल्लाह और कोच रसल डॉमिंगो ने कई बार दावा किया कि इन दो सीरीज़ जीत से मिला समग्र आत्मविश्वास उनके बल्लेबाज़ों के अंदाज़ से ज़्यादा महत्वपूर्ण था।
सिंतबर में ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से एक बातचीत के दौरान डॉमिंगो ने कहा था कि वह टी20 विश्व कप के लिए अपने बल्लेबाज़ों के फ़ॉर्म से चिंतित नहीं थे। लेकिन बांग्लादेश एक ऐसी टीम है जो अच्छी लय में विश्वास रखती है। विश्व कप के अंत में कप्तान महमुदउल्लाह ने कहा था कि टीम को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अच्छी शुरुआत की ज़रूरत है। बल्ले और गेंद से अच्छी शुरुआत किसी भी प्रारूप में अधिकांश टीमों के नींव रखती है और बांग्लादेश ने कई बार दिखाया है कि उन्हें ख़राब शुरुआत से बाहर निकलने में काफ़ी समय लगता है।
न्यूज़ीलैंड और ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ इस साल की पहली दो टी20 सीरीज़ में पावरप्ले के दौरान बांग्लादेश की औसत 50 के क़रीब थी, लेकिन इसके बाद मामला बिगड़ता चला गया। जनवरी से मई के बीच उन्हें लगातार 10 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
बांग्लादेश खेमे में यह विश्वास था कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घर में जीतना न केवल विश्व कप के लिए अच्छा निर्माण होगा, बल्कि क्रिकेट टीम और क्रिकेट बोर्ड की गरिमा बनाए रखेगा। यह चाल रंग लाई। जीत के सिलसिले ने बोर्ड के अध्यक्ष नाज़मुल हसल को ख़ुश किया और उन्होंने डॉमिंगो का कार्यकाल बढ़ाया। साथ ही उन्होंने टेस्ट मैच के बीच में संन्यास की घोषणा करने वाले महमुदउल्लाह को माफ़ भी कर दिया।
हालांकि प्रशंसकों और मीडिया का एक बड़ा वर्ग आश्वस्त नहीं था। जबकि ऑस्ट्रेलिया अपने विश्व कप टीम का लगभग आधा हिस्सा बांग्लादेश ले आया, न्यूज़ीलैंड ने दूसरे दर्जे की टीम भेजी। वह सभी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी तो थे लेकिन उनमें से कोई भी टी20 विश्व कप टीम में शामिल नहीं होने वाला था। वहीं बांग्लादेश ने विश्व कप के लिए जा रहे अपने सभी खिलाड़ियों को मैदान पर उतारा था।
यह रणनीति बांग्लादेश पर भारी पड़ी। जहां एक तरफ़ वह रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे वहीं ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने अच्छा खेल दिखाते हुए फ़ाइनल में प्रवेश किया। यह निश्चित रूप से धीमी और सुस्त पिचों पर बांग्लादेश की निर्भरता का सबसे अच्छा मूल्यांकन था : टी20 क्रिकेट ऐसी पिचों पर खेला जाना चाहिए जिसमें थोड़ी गति हो और गेंद बल्ले पर अच्छे से आए।
पावरप्ले में रनों की डुबकी सफ़ेद गेंद क्रिकेट में बांग्लादेश के दो बेहतरीन बल्लेबाज़ों - लिटन दास और सौम्य सरकार को ले डूबी। 2016 से 2019 के बीच लिटन का स्ट्राइक रेट विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ था जो 2021 में गिरकर 96 हो गया। इसके चलते उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया गया। वह आधा दोष घरेलू परिस्थितियों से निपटने की असमर्थता और बाक़ी आधा विश्व कप में 2016 से 2019 के फ़ॉर्म को जारी न रख पाने को देते हैं।
पावरप्ले सौम्य को रास आता है क्योंकि वह हवाई शॉट खेलना पसंद करते हैं। उनका स्ट्राइक रेट भी इस साल 120 से गिरकर 96 का रह गया है। और तो और इस साल पावरप्ले में 100 से अधिक गेंदों का सामना करने वाले बांग्लादेश के सभी बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट 100 से कम है।
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी के लिए बेहतर पिच एक उत्साहजनक संकेत हैं। बोर्ड और टीम प्रबंधन शायद समझ गए है कि अपने बल्लेबाज़ों को तक़लीफ़ देकर कोई मतलब नहीं है, ख़ासकर तब जब शाकिब अल हसन, तमिम इकबाल और मुश्फ़िकुर रहीम जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी टीम में नहीं है। अगले टी20 विश्व कप के लिए एक साल से भी कम समय में बांग्लादेश को एक नया गेम प्लान तैयार करना होगा। उनके पास निपटने के लिए 2022 का कठिन शेड्यूल भी है। केवल टी20 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों का समूह बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें अच्छी पिचों पर खेले जाने वाले घरेलू टी20 टूर्नामेंट की आवश्यकता होगी।

मोहम्मद इसाम (@isam84) ESPNcricinfo के बांग्लादेशी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब ए़़डिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।