जेमिसन और कॉन्वे ने न्यूज़ीलैंड को आगे किया
न्यूजीलैंड 101 पर 2 (विलियमसन 12*, टेलर 0*) भारत 217 (रहाणे 49, कोहली 44, जेमिसन 5-31) से 116 रन पीछे
गेंद से 71 रन के अंदर सात विकेट और बल्लेबाजी में दो विकेट पर 101 रन बनाकर न्यूजीलैंड ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल के तीसरे दिन अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। न्यूजीलैंड ने वैसे ही गेंदबाजों के अनुकूल परिस्थतियों में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला करके भारतीय टीम की चिंता बढ़ा दी थी।
भारतीय टीम ने तीसरे दिन की शुरुआत तीन विकेट पर 146 रन से की और सोचा कि वह इसे बड़े स्कोर तक आगे ले जाएंगे, लेकिन काइल जेमिसन ने आठ टेस्ट में पांचवीं बार पारी में पांच विकेट लेकर भारतीय टीम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसके बाद डेवन कॉन्वे इस ऐतिहासिक टेस्ट में अर्धशतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने, लेकिन खराब रोशनी के कारण जल्द समाप्त हुए तीसरे दिन से कुछ देर पहले वह आउट होकर भारतीय टीम को थोड़ी सी आशा ज़रूर दे गए।
न्यूजीलेंड अभी 116 रन पीछे है और उनके हाथों में आठ विकेट बाकी हैं। दोनों टीम जानती हैं कि परिस्थति बेहद ही मुश्किल है, यह तीसरे दिन की सुबह देखने को भी मिला। पहले दो दिन में सिर्फ 144 ओवर का ही क्रिकेट हो पाया, आप परिणाम से लेकिन दूर नहीं रह सकते हैं, क्योंकि अभी भी 294 ओवर बाकी हैं, इसके लिए रिज़र्व डे को शुक्रिया कहना होगा, लेकिन चौथे दिन के मौसम का अनुमान इतना अच्छा नहीं है।
वैसे तीसरे दिन की शुरुआत में भारत के लिए चीजें ठीक लग रही थी, जब खेल शुरू हुआ तो विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के बीच 59 रनों की साझेदारी हो चुकी थी और बल्लेबाज़ी आसान होने लगी थी। हालांकि, जब गेंदबाज़ों को ऐसी परिस्थिति में स्विंग और सीम मिलने लग जाए तो बल्लेबाज़ी मुश्किल हो जाती है और न्यूजीलैंड के गेंदबाज़ जो टेस्ट शुरू होने के पहले एक घंटे में नहीं कर पाए वह उन्होंने इस बार कर दिखाया।
जेमिसन को लगातार स्विंग मिल रही थी और सीम भी, उन्होंने मुश्किल से ही कोई ढीली गेंद की। तीनी ही ओवर दिन के हुए थे और जेमिसन ने तीसरे दिन अपनी सातवीं गेंद पर कोहली को चलता कर दिया, यह गेंद ऑफ स्टंप से हल्का सा बाहर थी और तेजी के साथ अंदर आई, यह बेहतरीन सीम का ही कारण था। कोहली ने डिफेंस का प्रयास किया लेकिन गेंद बल्ले को छकाती हुई सीधा पैड पर जा लगी। कोहली अपने दूसरे दिन के स्कोर में एक भी रन नहीं जोड़ पाए और एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौट गए।
युवा सनसनी ऋषभ पंत रिस्क लेकर रन बना सकते थे, लेकिन उन्होंने अपना पहला रन बनाने के लिए 20 गेंद खेली। इस बीच वह अंपायर कॉल के कारण एक नज़दीकी एलबीडब्ल्यू से भी बच गए। हालांकि वह ख़ुद को शांत नहीं रख पाए और एक बाहर जाती गेंद पर ड्राइव करने के प्रयास में बल्ले का बाहरी किनारा लगा बैठे, जो विकेट के पीछे स्लिप में पहुंच गई।
इस बीच रहाणे कुछ जल्दबाज़ी में लगने लगे थे और नील वैगनर की शॉर्ट गेंद के जाल में फंस गए। यह 79वें ओवर की चौथी गेंद पर हुआ, जब उससे एक गेंद पहले ही रहाणे ने पुल करते हुए डीप मिडविकेट पर दो रन चुराए थे, लेकिन केन ने चालाकी के साथ लेग साइड पर स्क्वायर पर दो खिलाड़ी लगा दिए, एक डीप मिडविकेट भी था। प्लान सीधा था, रहाणे को पुल शॉट के लिए मजबूर करो। रहाणे ने सोचा कि वह शॉर्ट बॉल पर हल्के हाथ से पुल शॉट लगाकर रन चुराएंगे, लेकिन वह भूल गए कि स्क्वायर लेग पर दो फिल्डर तैनात थे और 30 गज के घेरे में कैच थमाकर चले गए।
भारत का स्कोर छह विकेट पर 182 रन हो चुका था और भारत को रवींद्र जाडेजा से एक हरफ़नमौला प्रदर्शन की जरूरत थी, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में थके गेंदबाजों और मुलायम कूकाबुरा गेंद से करके दिखाया था। आर अश्विन ने ख़ुद को सही साबित किया और तेज़ी से 22 रन जोड़े, जो अहम भी थे, लेकिन जैसे ही टिम साउदी ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट कराया, भारतीय बल्लेबाजी का निचला क्रम पांच गेंदबाज़ों के सीम अटैक के आगे ऑस्ट्रेलिया जैसा कमाल नहीं दिखा पाया।
भारतीय गेंदबाज़ों ने इसके बाद बहुत बाहर गेंद डाली, जो न्यूज़ीलेंड के रन रेट से पता चलता है, मात्र दो रन प्रति ओवर, लेकिन भारतीय गेंदबाजों को न्यूज़ीलेंड के तेज़ गेंदबाज़ों जैसी स्विंग भी नहीं मिली।
वैसे यहां पर ख़राब क़िस्मत भी कहा जा सकता है, ख़ासकर मोहम्मद शमी के साथ, जिन्हें 11 ओवर तक विकेट नहीं मिला, लेकिन उन्होंने दोनों ही ओपनरों को परेशानी में ज़रूर डाला। उन्होंने दोनों ही बल्लेबाज़ों के कंधों तक गेंद उठाई, कई ऐज भी लगे, लेकिन कॉन्वे और लेथम ने भारतीय गेंदबाज़ों की मुश्किलें कम नहीं होने दी। उन्होंने अनुशासन के साथ बल्लेबाज़ी की।
यह साझेदारी जब 50 रन के पार पहुंच गई और भारत को चौथे सीमर की ज़रूरत महसूस होने लगी, तो अश्विन ने उस दर्जे का प्रदर्शन किया, उन्होंने अपने पहले आठ ओवरों में शायद ही कोई ख़राब गेंद की हो और उन्होंने बस 10 रन दिए। इसका फ़ायदा भी मिला, जब नौंवे ओवर में लेथम शॉर्ट एक्स्ट्रा कवर पर कैच आउट हो गए और 70 रनों की साझेदारी का अंत हो गया।
केन विलियमसन और कॉन्वे ने इस नुक़सान की भारपाई की कोशिश की और भारतीय सीमरों की 24 गेंद डॉट और बादलों के आने से पहले पारी को आगे बढ़ाना शुरू भी कर दिया था। इसके बाद इशांत शर्मा की ओवर पिच गेंद पैड की ओर कॉन्वे ने देखी और फ़्लिक करने का प्रयास किया, लेकिन वह पहले ही बल्ला चला बैठे और मिडऑन पर लपके गए। इसकी दो गेंद बाद अंपायरों ने ख़राब रोशनी के कारण खिलाड़ियों को मैदान से बाहर भेज दिया।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एसोसिएट सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।