'पुराने दिनों' को पीछे छोड़ते हुए कुलदीप यादव ने की शानदार वापसी

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इतने लंबे समय बाद खेलने के कारण मैं नर्वस था: कुलदीप यादव

पहले एकदिवसीय मैच में श्रीलंका के ख़िलाफ़ मैदान में उतरने वाले ग्यारह भारतीय खिलाड़ियों में से कुलदीप यादव ऐसे खिलाड़ी थे, जिन पर खुद को साबित करने का अतिरिक्त दबाव था। बाएं हाथ का यह कलाईयों का स्पिनर हाल के कुछ समय में सीमित ओवरों के प्रारूप में भारत की पहली पसंद नहीं रहा है और उन्हें अपने फ़ॉर्म को लेकर कई सवालों का सामना करना पड़ा है। लेकिन उन्होंने अपने आलोचको को जवाब देत हुए श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपने वापसी मैच में 48 रन देकर 2 विकेट लिए और उन्हें शांत किया।

रविवार को श्रीलंका के ख़िलाफ़ मैच के बाद कुलदीप से जब पूछा गया कि क्या उन्हें डर था कि उनका सीमित ओवर करियर खत्म हो गया है? इस पर उन्होंने कहा कि यह अच्छा होता अगर यह सवाल उस समय आया होता, जब मैंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था।

कुलदीप ने कहा, "कई बार आप पर खूब रन पड़ते हैं, लेकिन दूसरे मौकों पर आपको विकेट भी मिलते हैं। मैंने कई बार तीन-चार विकेट लिए हैं, पांच-छह विकेट भी कुछ बार लिए हैं। अगर लोग उसके बारे में अधिक बात करें, तो यह अच्छा होगा। किसी का क्रिकेट करियर एक गेम या दो मैच के बाद समाप्त नहीं हो जाता है। मुझे लगता है कि पिछली सीरीज़ इंग्लैंड के लिए अच्छी गई थी क्योंकि पुणे की पिच बल्लेबाज़ों के लिए बहुत अच्छी थी। वहां पर स्पिनर्स के लिए बहुत मदद नहीं थी। ऐसा कभी-कभी होता है, जब पिच आपके पक्ष में नहीं होता है। लेकिन कभी-कभी किसी का करियर खत्म करने की बजाय बल्लेबाज़ों को भी उनकी अच्छी बल्लेबाज़ी का श्रेय देना चाहिए।"

कुलदीप ने माना कि इस मैच से पहले वह थोड़ा नर्वस थे। बेंच पर और बायो-बबल में बहुत समय बिताने के कारण ऐसा था, जो कई बार आत्म-संदेह को भी बढ़ावा देती हैं।

दबाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "दबाव... जब आप खेलते हैं तो आप हमेशा दबाव में होते है और मैं लंबे समय के बाद खेल रहा था। राहुल [द्रविड़] सर ने मेरा बहुत समर्थन किया और मुझे प्रेरित किया। हमने बहुत बात की और उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे केवल अपनी गेंदबाज़ी का आनंद लेना चाहिए। उन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिन पर हमने पिछले 15 दिनों में काम किया है और परिणाम के बारे में सोचकर तनाव नहीं लेना चाहिए। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। अगर आप इतने लंबे समय के बाद क्रिकेट खेलते हैं, तो आप निश्चित रूप से थोड़ा सा नर्वस होते हैं और अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं।"

बायो-बबल के बारे में कुलदीप ने कहा, "बबल की जिंदगी बहुत मुश्किल है। अगर आप नहीं खेलते हैं तो आपके मन में बहुत सारी शंकाएं पैदा हो जाती हैं। ऐसे कई लोग हैं जो आपकी मदद करना चाहते हैं, आपसे बात करते हैं। लेकिन अगर आप बहुत से लोगों से बात करते हैं, तो आप अपने भीतर भी संदेह पैदा करते हैं। लेकिन यह एक टीम खेल है और कभी-कभी आपको अवसर मिलते हैं, कभी-कभी नहीं। आपको बस अपने मौके का इंतजार करना होता है।"

"हम भाग्यशाली हैं कि टीम में जिस तरह का माहौल है, वह बहुत अच्छा है। हम एक महीने से बबल में हैं। पहले 14 दिन हम मुंबई में क्वारंटीन में थे। फिर जब हम यहां आए, तो सीरीज़ रिशेड्यूल हो गया, इसलिए हमें पांच दिन और मिल गए। लेकिन टीम का माहौल जिस तरह का है, वह इतना अच्छा है, कि हमें यह महसूस नहीं होता कि हम बबल में अतिरिक्त समय बीता कर आ रहे हैं।"

2019 विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत के लीग मैच के बाद पहली बार अपने प्रिय जोड़ीदार चहल के साथ खेल रहे कुलदीप ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि हम दोनों को काफी समय बाद एक साथ खेलने का मौका मिला। मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे के साथ सहज हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। जब भी मैदान पर जरूरत होती है, तो मैं उसे कुछ बताता हूं या वह मुझे कुछ बताता है। हमारी बॉन्डिंग अच्छी है। शायद इसलिए कि हम एक-दूसरे के साथ इतने सहज हैं, यह मैदान पर भी दिखता है। इतने लंबे समय के बाद एक साथ खेलना अच्छा था और हमें खुशी है कि हमने अच्छा प्रदर्शन किया।"

कुलदीप ने अर्जुन रणतुंगा की उस टिप्पणी के बारे में दो टूक जवाब दिया, जिसमें श्रीलंका गई भारतीय टीम को दूसरे दर्जे का टीम कहा गया था। उन्होंने कहा कि 80 गेंद शेष रहते हुए सात विकेट की जीत ही श्रीलंका के पूर्व कप्तान के लिए 'जवाब' है।

कुलदीप ने कहा, "हमें किसी को जवाब देने की जरूरत नहीं है, हमें सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि हम यहां क्रिकेट खेलने आए हैं। हम वास्तव में भाग्यशाली हैं कि हमें इस स्थिति में क्रिकेट खेलने का मौका मिल रहा है। हमारा ध्यान अच्छा प्रदर्शन करने पर है। निश्चित रूप से, हम हर मैच को इसी तरह देखेंगे कि हम इसे टीम के लिए कैसे जीत सकते हैं। यही हमारा आदर्श वाक्य है। इसके अलावा कौन क्या कहता है, उनके विचार क्या हैं, इस पर उन्हें खुद ध्यान देना चाहिए। हमें अपने क्रिकेट का आनंद लेना है।"

आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच ने काफी टर्न लिया, जिसका कुलदीप ने पूरा उपयोग किया। उन्होंने इस दौरे के दौरान स्पिनरों के लिए और मदद की उम्मीद की। कुलदीप ने कहा, "मुझे लगता है कि अगर आप पहली पारी में गेंदबाज़ी करते हैं, तो पिच सूखी हो जाती है और टर्न लेती है। निश्चित रूप से अगर एक ही पिच पर दूसरा मैच है, तो यह पहले मैच की तुलना में अधिक स्पिन करेगा। उम्मीद है कि टी 20 में भी कुछ पिचें दोहराई जाएंगी। लेकिन तरह की गर्मी और उमस है, निश्चित रूप से स्पिनर्स को टर्न मिलेगा।"

सौरभ सोमानी ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं

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