शमी, बुमराह ने बढ़ाई इंग्लैंड की मुसीबत, एक दिन में कर दिया 183 रनों पर ऑलआउट
भारत 21 बिना किसी विकेट गंवाए इंग्लैंड 183 (रूट 64, बुमराह 4-46, शमी 3-28) से 162 रन पीछे
इंग्लैंड की टीम ने नॉटिंघम में टॉस जीतने के बावजूद भी अपने आखिरी सात विकेट 45 रनों के अंदर ही गंवा दिए और 183 रनों पर ऑलआउट हो गई। इसके बाद दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय ओपनरों ने बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बना दिए। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे दो सीनियर गेंदबाजों ने इशांत और रविचंद्रन अश्विन की अनुपस्थिति में 37.4 ओवर के बीच आपस में सात विकेट बांटकर इंग्लैंड की पारी को बिखेर कर रख दिया। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने 108 गेंद में 64 रन बनाए, लेकिन इस बीच मात्र 2.78 रन प्रति ओवर से रन बने। इंग्लैंड को अब वापसी करने के लिए जल्द से जल्द पांच या छह विकेट लेने होंगे।
हालांकि, भारत को ऐसी शुरुआत करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा क्योंकि बुमराह ने पहले ही ओवर में अच्छा सेटअप बनाया और अंदर आती गेंद पर रोरी बर्न्स को पवेलियन भेज दिया, इससे पहली गेंद बुमराह ने बायें हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर निकाली थी, जो उनकी काबिलियत को अच्छे से दर्शाता है। भारतीय टीम के पास अश्विन जैसा गेंदबाज भी नहीं था जो अपने करियर के बेहतरीन दौर में था, वहीं इशांत शर्मा भी फिटनेस की वजह से बुधवार की सुबह ही टीम से बाहर निकल गए।
बुमराह ने भारत की पारी की शुरुआत में खुद को साबित करने के लिए पांच गेंद ली, इससे पहले चार गेंद ऑफ स्टंप के बाहर आउट स्विंग हो रही थी, लेकिन बर्न्स को उन्होंंने एक अंदर आती गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 2018 में बुमराह ने इसी तरह से किटन जेनिंग्स को आउट किया था और यह गेंद उनके लिए भी किसी ताज्जुब से कम नहीं थी, लेकिन इस बार एक्सपर्ट की मानें तो बायें हाथ क बल्लेबाज होने के नाते बर्न्स को इस तरह की गेंद का इंतजार करना चाहिए था, लेकिन वह चूक गए।
जैक क्रॉली और डॉम सिब्ली के बीच 21 ओवरों में 42 रनों की साझेदारी हो चुकी थी, लेकिन ऋषभ पंत दो गेंद के बीच में लिए गए दूसरे रिव्यू में अपने कप्तान विराट कोहली को मनाने में कामयाब हुए, उन्होंने रिव्यू लिया और इस बार क्रॉली बच नहीं सके, यहां सिराज को इंग्लैंड की सरजमीं पर अपना पहला विकेट मिल गया। यह बस लंच से कुछ देर पहले की ही बात थी, लेकिन इस बीच रूट एक ही ओवर में तीन चौके लगा चुके थे।
लंच के बाद बुमराह और शमी ने शुरुआत की, लेकिन उन्होंने अपनी लाइन को इस बार थोड़ा बदला, वह बल्लेबाजों को लेग स्टंप की लाइन में फंसाना चाह रहे थे जैसा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। इसका फायदा भी मिला और सिब्ली, शमी की लेग स्टंप पर गुड लेंथ गेंद पर शॉर्ट मिडविकेट पर कैच थमा बैठे। इस गेंद पर विकेट नामुमकिन था लेकिन भारतीय टीम ने शॉर्ट फारवर्ड स्क्वायर लेग और शॉर्ट मिडविकेट लगाकर इस जगह पर लगातार गेंदबाजी की थी।
66 रन पर तीन विकेट गिर चुके थे और रूट, जॉनी बेयरस्टो ने 22.5 ओवर तक अपनी टीम को संभाल लिया था। रूट ज्यादा ही आक्रामक होकर रन बना रहे थे, वहीं बेयरस्टो क्रीज पर जमने की कोशिश में लगे थे, लेकिन टी से कुछ समय पहले ही इंग्लैंड को करारा झटका लगा।
लंच तक शमी और बुमराह ने विकेट लेने के लिए 19 अपील की, जो खारिज हुई, जो 2014 से लेकर अब तक इंग्लैंड में तेज गेंदबाजों द्वारा खारिज की गई सबसे ज्यादा अपील थी।
इसे किस्मत कहें या वह लेंथ, लेकिन माहौल बदलना तो मुमकिन था। शमी की एक लेग स्टंप पर गुड लेंथ गेंद सिब्ली शॉर्ट मिडविकेट की ओर खेल गए। टी से एक ओवर पहले शमी ने बेयरस्टो को भी अपने जाल में फंसा लिया होता लेकिन दो आवाज आई और अंपायर रिचर्ड केटलब्रॉ ने फैसला बल्लेबाज के पक्ष में दे दिया।
टी के समय तक इंग्लैंड का स्कोर चार विकेट पर 138 रन था। इसके बाद शमी और बुमराह ने मिलकर इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम को बिखेरकर रख दिया। टी तक 138 पर चार रन गंवाने वाली मेजबान टीम आखिरी सत्र में 183 रन बनाने तक अपने छह विकेट गंवा चुकी थी। इसमें सबसे बड़ा योगदान बुमराह और शमी का ही था, जिन्होंने आपस में सात विकेट बांटे।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।