एंडरसन के पांच विकेटों के बाद दूसरे दिन का खेल छूटा बराबरी पर

Play 10:49
रूट जब तक क्रीज़ पर रहेंगे मैच बराबरी पर रहेगा - लक्ष्मण

स्टंप्स इंग्लैंड 119/3 (बर्न्स 49, रूट 48*, सिराज 2-34) भारत 364 (राहुल 129, एंडरसन 5-62) से 245 रन पीछे

एकतरफ़ा रहे पहले दिन के बाद आज बराबरी का मुक़ाबला देखने को मिला। इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने मेहमान टीम के इस मैच पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के इरादों पर पानी फेर दिया। जेम्स एंडरसन के नेतृत्व में इंग्लैंड ने भारत को कल रात के स्कोर में केवल 88 जोड़ने का मौक़ा दिया। इसी बीच एंडरसन पिछले 70 सालों में एक टेस्ट पारी में पांच विकेट लेने वाले सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी भी बन गए। दिन का खेल ख़त्म होते समय इंग्लैंड ने तीन विकेट के नुक्सान पर 119 रन बना लिए हैं और कप्तान जो रूट 49 पर नाबाद हैं।

आज के दिन की बढ़िया शुरुआत हुई जब दूसरी ही गेंद पर शतकवीर केएल राहुल ने ऑली रॉबिन्सन की गेंद पर एक्स्ट्रा कवर फ़ील्डर को एक आसान कैच थमाया। अगले ओवर की पहली गेंद पर एंडरसन ने रहाणे को स्लिप में कैच आउट करवाया। अचानक से भारत 276/3 की स्थिति से 282/5 पर फिसल गया।

भारत के लिए विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों की आख़िरी जोड़ी - ऋषभ पंत और रवींद्र जाडेजा ने पारी को संभाला। दोनों के बीच 49 रनों की साझेदारी हुई। पंत ने हर बार के अपने अंदाज़ में चहलकदमी की। कदमों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने प्वाइंट और कवर की दिशा में चौके लगाए। और तो और वह गेंद को छोड़ने के लिए भी क्रीज़ से आगे निकल रहे थे। मार्क वुड ने पहले पंत को आउट करते हुए इस साझेदारी को तोड़ा और अंत में जाडेजा को वापस भेजकर भारत की पारी को समाप्त किया।

भारत के आख़िरी चार बल्लेबाज़ों ने कुल मिलाकर 33 रन जोड़े और वह 16.1 ओवरों तक जाडेजा के साथ टिके रहे। अंततः भारत ने अपनी पहली पारी में 364 रन बनाए।

इंग्लैंड की ओर से रोरी बर्न्स और डॉम सिबली की सलामी जोड़ी ने रक्षात्मक शुरुआत की। पहले एक घंटे में नाबाद रहकर वह दोनों टीम को टी तक सुरक्षित लेकर गए। लेकिन टी के बाद भारत ने पहली बाज़ी मारी। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ साल की शुरुआत में भारत ने लेग साइड गेंदबाज़ी की रणनीति बनाई थी। वह लेग साइड पर चार अथवा पांच फ़ील्डरों के साथ लगातार गेंदों को अंदर लाने का प्रयास कर रहे थे जिसमें विकेट झटकने के साथ-साथ आप बल्लेबाज़ों को आसानी से रन भी नहीं देते। आज मोहम्मद सिराज ने इस रणनीति का बख़ूबी इस्तेमाल किया।

सिराज निरंतर सिबली के मिडिल और लेग स्टंप पर गेंदबाज़ी कर रहे थे। वह जानते थे कि यह सिबली के खेल की कमज़ोरी थी। सिबली ट्रेंट ब्रिज पर मिडविकेट पर कैच आउट हुए थे और आज भी उन्होंने वैसा ही किया। 44 गेंदों का सामना करने के बाद 11 रनों के निजी स्कोर पर सिबली पवेलियन लौटे। अगली गेंद पर नए बल्लेबाज़ हसीब हमीद को दबाव में डालने के लिए भारत ने मिडविकेट के इर्द-गिर्द तीन खिलाड़ियों को तैनात किया। अपने आस-पास के फ़ील्डरों के इस दबाव में हसीब एक फुल गेंद की लाइन पढ़ने से चूक गए और पहली ही गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे।

इंग्लैंड के लिए पारी को संभालने का भार कप्तान रूट के कंधों पर था। उन्होंने आग उगल रहे सिराज के स्पेल में कैसे-तैसे अपने विकेट का बचाव किया। सिराज लगातार रूट के बल्ले के दोनों किनारों को टेस्ट कर रहे थे। दो बार सिराज की गेंद उनके पैड से जा टकराई। दोनों बार सिराज ने कप्तान को रिव्यू लेने के लिए मनाया और दोनों मौक़ों पर भारत ने अपना रिव्यू ज़ाया किया।

मज़े की बात यह थी कि सिराज के ही एक ओवर ने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों पर से दबाव हटाया। पारी के 27वें ओवर में सिराज की गेंदों पर बर्न्स ने तीन चौके लगाए। इस सिलसिले को जारी रखते हुए रूट ने अगले ओवर में इशांत शर्मा को दो चौके जड़े। इंग्लैंड की पारी को अचानक से गति मिल गई।

टी के बाद आख़िरी सेशन में कड़ी धूप में बल्लेबाज़ी आसान होती चली गई। एक समय तो कप्तान कोहली को एक छोर से रनों पर अंकुश लगाने के लिए स्पिनर रवींद्र जाडेजा को गेंदबाज़ी क्रम में लाना पड़ा।

दिन का अंत होते होते भारत को तीसरी विकेट मिली जब राउंड द विकेट से अंदर आ रही मोहम्मद शमी की गेंद पर बर्न्स बीट हुए। वह लेंथ गेंद को लेग साइड पर धकेलना चाहते थे। गेंद थोड़ी नीचे रही और पैड पर जा लगी। एक असफल रिव्यू के बाद अंपायर ने उन्हें पवेलियन वापस जाने का इशारा किया। यह देखते हुए कि मैच इस समय पूरी तरह से भारत की पकड़ में नहीं गया है, इंग्लैंड का खेमा काफी ख़ुश होगा।

वरुण शेट्टी ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।

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