मोईन और वुड के झटकों ने मंज़िल की ओर इंग्लैंड के कदम बढ़ाए
स्टंप्स भारत 181 पर 6 (रहाणे 61, पुजारा 45, वुड 3-40, मोईन 2-52) और 364 इंग्लैंड 391 से 154 रन आगे
इंग्लैंड ने चौथे दिन की शुरुआत में मैच पर अपनी जो पकड़ बनाई, उसे अपने हाथों से जाने ही नहीं दिया। इस टेस्ट मैच में लाइन और लेंथ की तलाश में जुटे मार्क वुड ने दो विकेटों के साथ शुरुआत की। इंग्लैंड की 27 रनों की छोटी पर अहम बढ़त को ख़त्म करने से पहले ही दोनों सलामी बल्लेबाज़ पवेलियन लौट गए। वुड दिन के आख़िरी घंटे में थर्ड मैन क्षेत्र में गेंद को रोकते समय चोटिल हुए लेकिन नई गेंद के साथ भारत के पुछल्ले बल्लेबाज़ों पर आक्रमण करने के लिए तैयार थे लेकिन रोशनी ने उनका साथ नहीं दिया। दिन के अंत तक भारत ने 82 ओवर में छह विकेटों के नुकसान पर 181 रन बनाए।
आख़िरी सेशन में मोईन अली ने अपनी ऑफ़ स्पिन से भारतीय बल्लेबाज़ों को परेशान किया और ख़ास कर अजिंक्य रहाणे को। उन्होंने कई बार रहाणे को बीट किया और एक बार कैच का मौक़ा भी बनाया। हवा में खेले गए कट शॉट पर प्वाइंट क्षेत्र में बेयरस्टो ने कैच को टपकाया और भारतीय उपकप्तान को जीवनदान मिला लेकिन इस मुक़ाबले में अंततः जीत मोईन की हुई जब रहाणे कीपर के हाथों कैच आउट हुए।
रहाणे के आउट होने के बाद भारत के लिए ऋषभ पंत और रवींद्र जाडेजा की जोड़ी क्रीज़ पर थी। दूसरी नई गेंद बस कुछ ओवर दूर थी और भारत चाहता था कि वह दोनों टीम को स्टंप्स तक सुरक्षित लेकर आए। मोईन के इरादे कुछ और ही थे। उन्होंने ऑफ़ स्पिन गेंद पर जाडेजा को चकमा दिया। उनकी गेंद पड़कर तेज़ी से घूमी और जाडेजा का ऑफ़ स्टंप उड़ा ले गई। यह दूसरी नई गेंद उपलब्ध होने से पहले का आख़िरी ओवर था। अगर रोशनी ठीक रहती तो इंग्लैंड शायद इस पिच पर भारत के बचे हुए विकेट निकाल लेता।
इंग्लैंड के लिए दिन का आग़ाज़ जेम्स एंडरसन और ऑली रॉबिन्सन ने किया। शुरआत से ही एंडरसन हमेशी की अपनी लेंथ से थोड़ी शॉर्ट गेंदबाज़ी कर रहे थे। उनकी गेंद अतिरिक्त उछाल के साथ बल्लेबाज़ों तक पहुंच रही थी। पिच का रंग देखते हुए कप्तान जो रूट ने छठे ही ओवर में वुड को गेंदबाज़ी पर लगाया।
उनका यह फ़ैसला सही साबित हुआ। वुड लगातार 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंदबाज़ी कर रहे थे। उन्हें ऑफ़ स्टंप और चौथे स्टंप के बीच की लाइन में बढ़िया उछाल भी मिल रहा था। इसी उछाल ने राहुल को फंसाया जब वह गेंद की लाइन के अंदर खेल गए और बाहरी किनारे से जॉस बटलर को कैच थमा बैठे। राहुल के सलामी जोड़ीदार रोहित शर्मा को पुल और हुक शॉट लगाना बेहद पसंद हैं पर आज उनके इसी पसंदीदा हुक शॉट ने उनकी पारी का अंत किया जब वह अच्छी लय में दिखने के बाद डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग पर कैच दे बैठे।
विराट कोहली तेज़ गति से रन बनाने का मन बनाकर आए थे। उन्होंने दर्शनीय कवर ड्राइव लगाई। दूसरे छोर पर चेतेश्वर पुजारा ने हर बार की तरह अपना समय लिया और रक्षात्मक क्रिकेट खेला। उन्होंने 35 गेंदों का सामना करने के बाद अपना खाता खोला। मैदान पर मौजूद दर्शकों ने उनका अभिवादन किया। ऐसा लग रहा था कि लंच तक भारत आसानी से पहुंच जाएगा पर भोजन के समय से ठीक 5 मिनट पहले कोहली ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद को छेड़ते हुए कैच आउट हुए। इस सीरीज़ में वह तीसरी बार इसी प्रकार से आउट हुए हैं।
55/3 की स्थित में भारत के दो अनुभवी पर फ़ॉर्म से जूझ रहे बल्लेबाज़ पुजारा और रहाणे क्रीज़ पर थे। उन्हें ना सिर्फ पारी को संभालना था पर टीम में अपनी जगह भी बचानी थी। उन्होंने लगभग 50 ओवर बल्लेबाज़ी की और शतकीय साझेदारी निभाई।
इस साझेदारी को तोड़ने के लिए इंग्लैंड ने कई रणनीतियां अपनाई। एक समय तो उन्होंने प्वाइंट, सिली प्वाइंट, शॉर्ट लेग, फ़ॉरवर्ड शॉर्ट लेग, बैकवर्ड शॉर्ट लेग और फ़्लाई स्लिप के साथ शॉर्ट पिच गेंदबाज़ी की। पुजारा ने गैबा की तरह आज भी शरीर पर गेंदें खाई। वह क्रीज़ पर डटे रहे और टस से मस नहीं हुए। दूसरे छोर पर रहाणे ने मोईन के ख़िलाफ़ कदमों का इस्तेमाल किया और स्विप भी लगाया। अपने अर्धशतक से पहले बाउंसर गेंद पर वुड ने पुजारा को चलता किया पर जाने से पहले उन्होंने अपना काम बख़ूबी अंदाज़ से पूरा किया था। हालांकि रहाणे ने 50 रनों का आंकड़ा पार किया।
दोनों सेट बल्लेबाज़ों और जाडेजा के आउट होने के बाद भारत मझधार में फंस गया था। इंग्लैंड अपने तेज़ गेंदबाज़ों को लाना चाहता था पर अंपायरों ने ख़राब रोशनी के कारण ऐसा होने नहीं दिया और भारत ने राहत की सांस ली। पंत अभी भी क्रीज़ पर बने हुए है और पांचवें दिन तीनों परिणाम संभव है।
वरुण शेट्टी ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।