सरफ़राज़ के शतक के बाद यश और शुभम ने मध्य प्रदेश को दिलाई मज़बूत शुरुआत
मध्य प्रदेश 123 पर 1 (यश 44*, शुभम 41*) मुंबई 374 (सरफ़राज़ 134, यशस्वी 78, गौरव 4-106, अनुभव 3-81) से 251 रन पीछे।
मध्यप्रदेश की शुरुआत भले ही धीमी रही हो लेकिन उन्होंने मुंबई के द्वारा पहली पारी में बनाए गए 374 के स्कोर को पार करने के एक बढ़िया आधारशीला तैयार कर लिया है।
दूसरे दिन की शुरुआत मध्यप्रदेश के लिए काफ़ी शानदार रही। एमपी के गेंदबाज़ गौरव यादव ने दिन के दूसरी ही गेंद पर शम्स मुलानी को पगबाधा आउट कर दिया। उस समय मुंबई का स्कोर छह विकेट के नुक़साान पर 248 रन था। इसके बाद मुंबई की पारी को सरफ़राज़ ख़ान का सहारा मिला, जिन्होंने एक शानदार पारी खेलते हुए इस सीज़न का चौथा शतक बनाया और टीम के स्कोर को 374 तक ले गए।
इसके जवाब में बल्लेबाज़ी करने उतरी एमपी की शुरुआत भी बढ़िया रही। उन्होंने पूरे दिन में 41 ओवरों तक बल्लेबाज़ी की और 123 रन बनाए और सिर्फ़ एक ही विकेट गंवाया।
यश दुबे आज 44 के निजी स्कोर बना कर नाबाद रहे। वहींं उनके साथ शुभम वर्मा भी 41 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे। शुभम ने यश की तुलना में थोड़ी ज़्यादा सकारात्मकता के साथ बल्लेबाज़ी करने का प्रयास किया और स्कोरबोर्ड को चलाने का प्रयास करते रहे। शुभम की इस पारी ने पृथ्वी शॉ को थोड़ी रक्षात्मक फ़ील्डिंग लगाने के लिए मजबूर कर दिया और दिन के आख़िरी सत्र के अंतिम ओवरों में फ़ील्ड पूरी तरह से फैली हुई थी।
हालांकि एक बात तो साफ़ है कि मुंबई के पास अभी भी अच्छी-ख़ासी बढ़त है लेकिन एमपी की टीम भी अपने प्रदर्शन से ज़्यादा निराश नहीं होगी। साथ ही एमपी की टीम इस मैच में एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ के साथ भी उतरी है। हालांकि एमपी के सलामी बल्लेबाज़ हिमांशु मंत्री ख़ुद से काफ़ी निराश होंगे। चाय के बाद फेंकी गई पहली ही गेंद पर उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया। उनका विकेट तुषार देशपांडे ने लिया।
चाय के बाद यश और शुभम के बीच 89 गेंदों में एक अच्छी अर्धशतकीय साझेदारी हुई। इसके बाद वह ज़्यादा खुल कर खेलने का प्रयास कर रहे थे लेकिन दिन के अंतिम ओवरों में तुषार और मोहित अवस्थी ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए इन दोनों बल्लेबाज़ों को ख़ामोश रखा। इन दोनों गेंदबाज़ों को अच्छा-ख़ासा रिवर्स स्विंग मिल रहा था। रिवर्स स्विंग को अगर अलग भी रख दिया जाए तो मोहित ने अपने स्पेल में कई सारे शॉर्ट पिच गेंदें डाली और वे बिल्कुल सही ठिकाने पर थे। उन्होंने कई बार शुभम को परेशान किया। हालांकि वह ज़्यादा देर तक ऐसा करने में नाकाम रहे।
जैसे ही गेंद स्पिनरों को थमाई गई एमपी के बल्लेबाज़ों ने रन बटोरना शुरू कर दिया। शम्स मुलानी इस सीज़न के सबसे सफलतम गेंदबाज़ों में से एक हैं। उन्होंने इस सीज़न में 15.64 के औसत से कुल 37 विकेट झटके हैं। उन्होंने आज 11 ओवर की गेंदबाज़ी की और कुल 46 रन ख़र्च किए। रन को अगर अलग भी रख दिया जाए तो वह किसी भी बल्लेबाज़ को परेशान करने में नाकाम रहे, जो टीम के लिए एक चिंता का विषय होगी।
आज की सुबह पूरी तरह से सरफ़राज़ के नाम रही। उन्होंने नीचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ कुछ बेहतरीन साझेदारी करते हुए, टीम को एक बढ़िया स्कोर तक पहुंचाया। धवल कुलकर्णी जैसे बल्लेबाज़ों ने उनका बख़ूबी साथ निभाया। आज सरफ़राज़ ने 152 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि उसके बाद शतक तक पहुंचने में उन्हें सिर्फ़ 38 गेंदें लगी। अपनी पारी के दौरान स्पिनरों के ख़िलाफ़ उन्होंने काफ़ी रन बटोरे।
पहले आठ ओवरों में सरफ़राज़ ने सिर्फ़ आठ रन बनाए थे और काफ़ी सूझ-बूझ से अपनी पारी को आगे बढ़ाने का प्रयास करे रहे थे। कई दफ़ा उन्होंने अपनी आक्रमकता का त्याग करते हुए अपने आपको बड़े शॉट्स लगाने से रोका। मुलानी के आउट होने के बाद तनुष कोटियान ने उनका साथ दिया और दोनों के बीच 40 रनों की साझेदारी हुई । अंत में कुलकर्णी ने सरफ़राज़ का साथ दिया और कुल 36 गेंदों का उन्होंने सामना करते हुए भले ही सिर्फ़ एक रन बनाया लेकिन इससे सरफ़राज़ को खुल कर रन बनाने का मौक़ा मिल गया।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।