राहुल और चाहर के पास ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ फ़ॉर्म तलाशने का मौक़ा
भारतीय टीम का ज़िम्बाब्वे दौरा गुरुवार से शुरू हो रहा है और वेस्टइंडीज़ दौरे और एशिया कप के बीच में यह सीरीज़ एक तरह से सैंडविच की तरह है, लेकिन केएल राहुल और दीपक चाहर दोनों के लिए तीन वनडे मैच बहुत अहम हैं।
दोनों ही लंबी चोट के बाद वापसी कर रहे हैं, लेकिन यह समय आराम का नहीं है। 27 अगस्त से एशिया कप शुरू हो रहा है और 16 अक्तूबर से टी10 विश्व कप होना है। राहुल और चाहर दोनों को ही अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो कई खिलाड़ी वेटिंग में हैं। इसका एक सरल उदाहरण यह है कि कैसे चाहर जो कभी टी20 अंतर्राष्ट्रीय में नई गेंद के गेंदबाज के रूप में पहली पसंद थे, अब केवल उन रिज़र्व में से हैं जो भारत एशिया कप में ले जा रहे हैं।
राहुल जरूर पहले 11 के दावेदारों में अब भी शामिल हैं। और यहीं ज़िम्बाब्वे से 2016 में वह लाल गेंद के स्पेशलिस्ट से सभी प्रारूपों के सुपरस्टार बने थे। वनडे पदार्पण में शतक के बाद ही उन्हें आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने चुना था।
छह साल बाद अब राहुल एक कप्तान के तौर पर यहां पहुंचे हैं। उनकी मैच फ़िटनेस नज़रों में होंगी, क्योंकि वह सर्जरी के बाद वापसी कर रहे हैं।
यह भी देखना होगा कि वह वनडे सेटअप में खुद को किस स्थान पर रखते हैं। टी20 में तो उनका शीर्ष क्रम तय है। वनडे में उन्हें अधिकतर सफलता नंबर पांच पर मिली है।
राहुल का नंबर पांच पर खेलते हुए 10 पारियों में 56.62 का औसत है और 113.81 के स्ट्राइक रेट से उन्होंने रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं।
रोहित शर्मा और शिखर धवन का ओपनिंग स्लॉट पक्का है और शुभमन गिल भी बैकअप ओपनर के तौर पर उभर रहे हैं। ऐसे में ज़िम्बाब्वे में उनका बल्लेबाज़ी क्रम देखना होगा क्योंकि टीम प्रबंधन के दिमाग़ में यह चल रहा होगा क्योंकि अब अगले वनडे विश्व कप में एक वर्ष का समय रह गया है।
राहुुल की तरह चाहर भी सात महीने बाद मैदान पर वापसी कर रहे हैं। उन्होंने अपना पिछला मैच फ़रवरी में खेला था और उनके पास टी20 टीम में जगह बनाने के लिए वनडे में बेहतर प्रदर्शन करने का मौक़ा होगा।
चोट की वजह से चाहर छह महीने तक बाहर रहे और राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में कई रिहैब में शामिल रहे। यही वजह थी कि आईपीएल 2022 नीलामी में दूसरी सबसे बड़ी खरीद चाहर पूरा आईपीएल खेलने से चूक गए।
यह चोट तब आई थी जब चाहर एक ऑलराउंडर के तौर पर उभर रहे थे। अपने पिछले तीन वनडे में चाहर ने बडे़ हिट लगाए हैं, जिसमें श्रीलंका के ख़िलाफ़ नाबाद 69 रनों की एक मैच विजेता पारी थी। इसके अलावा उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 54 और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 38 रन बनाए। यह सभी पारियां उन्होंने नंबर आठ पर खेली। भारत बल्लेबाज़ी की गहराई से समझौता किए बिना कई गेंदबाज़ी संयोजन के साथ खेल सकता है।
यही वजह थी कि नीलामी में दिल्ली कैपिटल्स, सनराइज़र्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स ने चाहर के लिए बोली लगाई थी। चेन्नई ने उन्हें 14 करोड़ रूपये में ख़रीदा, जिसने दिखाया कि एक स्विंग गेंदबाज़ की क्या क़ीमत है।
यह भी सच हो सकता है कि कई इस तरह के रोल को निभाने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। भुवनेश्वर कुमार पहले फ़िटनेस की समस्या से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने वापसी की और वह टी20 तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण के अहम अंग बन गए। 2021 से भुवनेश्वर ने 29 मैच में 6.73 के इकॉनमी से 32 विकेट लिए हैं, जिसमें से 17 विकेट पावरप्ले में आए हैं, जहां उन्होंने 5.75 के इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है।
हाल ही में इंग्लैंड में भुवनेश्वर के दो मैचों में 6-1-25-4 के आंकड़े रहे। वहीं साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी उनका प्रदर्शन दमदार रहा, जहां पांच मैचों में 6.07 के इकॉनमी से उन्होंने छह विकेट लिए, जहां एक मैच में उन्होंने 18 रन देकर चार विकेट लिए थे।
क्या चाहर को अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी पर प्रभावित करना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो भारतीय चयनकर्ताओं के लिए चयन की समस्या तो जरूर बढ़ सकती है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।