ज़िम्बाब्वे के लिए धर्मसंकट : रज़ा और विलियम्स कहां बल्लेबाज़ी करने आएं?
पिछले एक दशक से ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाज़ी क्रम में सिकंदर रज़ा और शॉन विलियम्स सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से रहे हैं। ब्रेंडन टेलर, हैमिल्टन मसकाद्ज़ा, क्रेग एर्विन और एल्टन चिगुंबरा अब नहीं खेलते हैं। ऐसे समय में इन दोनों अनुभवी बल्लेबाज़ों का महत्व और बढ़ जाता है।
अगर कोई दूसरी टीम होती तो इन दोनों बल्लेबाज़ों को वनडे क्रिकेट के सर्वाधिक और सबसे कठिन ओवर खिलाने का प्रयत्न करती। सबसे कठिन यानी मध्य ओवर, जब फ़ील्ड खुल जाता है, गेंद मुलायम हो जाती है और रन बनाना उतना आसान नहीं होता।
हालांकि ज़िम्बाब्वे के साथ ऐसा नहीं है। उनका शीर्ष क्रम लगातार संघर्ष कर रहा है और उनके पहले चार विकेट बिना कुछ ख़ास योगदान दिए ही पवेलियन में होते हैं। पिछले सात वनडे में उनका शुरुआती स्कोर 31/4, 31/4, 18/4, 49/4, 6/2, 42/4 और 47/2 रहा है। पिछले दिनों जब उनकी टीम ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 291 और 304 रन का पीछा किया, तब भी उनके शीर्ष क्रम ने कोई ख़ास योगदान नहीं दिया था। इसके बावज़ूद भी रज़ा और विलियम्स तीन या चार विकेट गिरने के बाद नंबर पांच या छह पर ही मैदान पर आते हैं।
उधर सुबह की परिस्थितियों का फ़ायदा उठाते हुए भारतीय गेंदबाज़ों ने नई गेंद से बेहतरीन गेंदबाज़ी की है। ऐसे में ज़िम्बाब्वे के शीर्ष क्रम की दिक्कतें और बढ़ी हैं। शुरुआती विकेट जल्दी गिरने के बाद रज़ा और विलियम्स पर दबाव और बढ़ जाता है। वे जब बल्लेबाज़ी करने आते हैं तब ज़्यादा कुछ करने को बचा नहीं रहता है। अच्छा यह होता कि इन दोनों बल्लेबाज़ों में से कम से कम एक या दोनों को ही शीर्ष क्रम में खिलाया जाता और उसके बाद नए और कम अनुभवी बल्लेबाज़, बल्लेबाज़ी करने आते।
हालांकि ज़िम्बाब्वे चाहता है कि उनके निचले क्रम में भी ठोस बल्लेबाज़ी रहे। वे नहीं चाहते कि नई गेंद से उनका ऊपरी क्रम तहस-नहस हो जाए और फिर उनके पास बल्लेबाज़ी के लिए कुछ बचा ही नहीं रहे। उनके पास हालिया बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दो बड़े लक्ष्य के पीछा करने का उदाहरण भी है, जब शीर्ष क्रम के जल्द आउट होने के बाद भी उनकी टीम ने इन लक्ष्यों का पीछा किया।
यह भी कहा जा सकता है कि ज़िम्बाब्वे के लिए रज़ा और विलियम्स दीर्घकालिक विकल्प नहीं है, इसलिए नए कोच डेव हाउटन अपने युवा बल्लेबाज़ों को ही अधिक से अधिक मौक़ा देना चाहते हैं। वैसे भी रज़ा ने 2015 में और विलियम्स ने 2019 में अंतिम बार किसी लिस्ट-ए मैच में शीर्ष तीन में बल्लेबाज़ी की थी।
ऐसे में यह निर्णय लेना आसान नहीं है। हाल ही में हाउटन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था, "हमारे पास घरेलू खिलाड़ियों का जो पूल है, उनकी प्रतिभा में अधिक अंतर नहीं है। ऐसे में जिन युवाओं को मौक़ा मिल रहा है, उन्हें अधिक से अधिक मौक़ा मिलना चाहिए।"
फिर भी अगर आपका स्कोर 29 रन पर तीन विकेट है, तो आप आश्चर्य करेंगे ही कि आपके दो सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ कहा हैं?
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के दया सागर ने किया है