मार्क चैपमैन : एक या दो साल में मैं राष्ट्रीय टीम में स्थान पक्का करना चाहता हूं
पिछली बार जब न्यूज़ीलैंड ए ने लाल गेंद की सीरीज़ में इंडिया ए का सामना किया था तब मार्क चैपमैन ने क्राइस्टचर्च में अपनी टीम को पहली पारी में बड़ी बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस बार जब यह दोनों टीमें भारत में भिड़ रही है तो 28 वर्षीय चैपमैन वरिष्ठ खिलाड़ी के तौर पर टेस्ट टीम के लिए अपनी दावेदारी पेश करना चाहते हैं।
हॉन्ग कॉन्ग में सफ़ेद गेंद का क्रिकेट खेलकर बढ़े हुए चैपमैन के लिए सबसे लंबा प्रारूप स्वाभाविक नहीं है। न्यूज़ीलैंड पिता और चीनी मां के घर में जन्में चैपमैन उन चुनिंदा क्रिकेटरों में से हैं जिन्होंने दो देशों हॉन्ग कॉन्ग और न्यूज़ीलैंड के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। उन्होंने 20 साल की उम्र में हॉन्ग कॉन्ग के लिए अपना टी20 अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया। वनडे में उन्हें पदार्पण करने का मौक़ा डेढ़ साल बाद मिला। न्यूजीलैंड में उन्हें आते संग ही लाल गेंद की क्रिकेट की बारीक़ियां सीखनी पड़ीं। सही तकनीक और गेंद को गैप में भेजने की क्षमता ने उन्हें ऑकलैंड टीम में प्रवेश दिलाया और अब वह उनके मुख्य खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं।
चैपमैन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "लाल गेंद के क्रिकेट में मेरी मज़बूत महत्वाकांक्षाएं हैं। लाल गेंद के खेल में शतक बनाने या प्रथम श्रेणी या टेस्ट मैच में जीत हासिल करने से ज़्यादा लाभदायक कुछ नहीं है। आप उस भावना को बयान नहीं कर सकते।"
उन्होंने आगे कहा, "अपने करियर की शुरुआत में मैंने ज़्यादातर सफ़ेद गेंद और छोटे प्रारूप का क्रिकेट खेला। जैसे ही मैंने ऑकलैंड के लिए थोड़ा और खेलना शुरू किया, हमने स्पष्ट रूप से डेज़ क्रिकेट खेला, मुझे खेलते-खेलते सीखना पड़ा है और अब मैं इसका आनंद ले रहा हूं।"
चैपमैन ने अब तक 35 प्रथम श्रेणी मुक़ाबले खेले हैं जिसमें 41.58 की औसत से उन्होंने 2287 रन बनाए हैं। वह 14 अर्धशतक और चार शतक लगा चुके हैं।
उन्होंने कहा, "मैं लाल गेंद के खेल की चुनौतियों की सराहना करने लगा हूं और इसे मानसिक अनुप्रयोग और मानसिक परीक्षण के मामले में क्रिकेट के शिखर के रूप में देखता हूं। तो, हां, मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद करूंगा।"
चैपमैन की खेलने की शैली उनके न्यूज़ीलैंड टीम के कई साथियों से थोड़ी अलग है। उन लोगों के विपरीत जो सामने की तरफ़ खेलना पसंद करते हैं, चैपमैन स्वीप का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं। वह शायद इसलिए क्योंकि अपने प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने एशियाई और उपमहाद्वीपीय परिस्थतियों में अधिक क्रिकेट खेला है।
उन्हें उम्मीद है कि यह स्वीप शॉट इस भारत दौरे पर उन्हें सफलता दिलाएगा जहां न्यूज़ीलैंड ए को तीन लिस्ट ए और तीन अनौपचारिक टेस्ट मैच खेलने हैं।
अपने स्वीप शॉट पर चैपमैन ने कहा, "मैंने शुरुआती सालों में एशिया में क्रिकेट खेला जहां धीमी परिस्थितियों में बाउंड्री तलाशने और रन बनाने के लिए स्वीप शॉट का इस्तेमाल करना पड़ा। यह शॉट हमेशा से मेरे पास था और विशेष रूप से इस दौरे के लिए मैंने इस पर काफ़ी काम किया है। न्यूज़ीलैंड में विकेट ज़्यादा स्पिन नहीं होती है और इस वजह से आप इस शॉट का अधिक इस्तेमाल नहीं करते हैं।"
उन्होंने आगे बताया, "हॉन्ग कॉन्ग के लिए खेलते हुए अपने शुरुआती दिनों में मेरा क़द छोटा था जिससे मुझे छोर बदलने में पारंगत होना पड़ा। शायद यह (स्वीप शॉट) मेरे स्ट्राइक रेट को ऊपर रखने का एक तरीक़ा था।"
चैपमैन ने 2018 में इंग्लैंड के विरुद्ध एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड के लिए पदार्पण किया। उसी महीने में उन्हें अपना पहला वनडे खेलने का अवसर मिला। तब से उन्होंने चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले खेले हैं और वह टेस्ट टीम के क़रीब नहीं पहुंचे हैं। हालांकि चैपमैन का कहना है कि वह किसी तरह की जल्दबाज़ी में नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "न्यूज़ीलैंड क्रिकेट की यह पीढ़ी मज़बूत रही है और हमने विश्व कप के कई सारे फ़ाइनल में जगह बनाई और टेस्ट चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम में जगह बना पाना इतना आसान नहीं है। मैं अपने खेल पर काम कर रहा हूं। मैं परिणाम की परवाह किए बिना हर दिन एक बेहतर क्रिकेटर बनते हुए अपने खेल का आनंद लेना चाहता हूं। वह इसलिए क्योंकि लंबी यात्रा करना और खेलने के अधिक मौक़े नहीं प्राप्त करना बहुत कठिन हो सकता है।"
साल 2022 चैपमैन के लिए अच्छा रहा है। उन्होंने ऑकलैंड को तीन सालों में दूसरी बार फ़ोर्ड ट्रॉफ़ी का विजेता बनाया। फिर जुलाई में स्कॉटलैंड के विरुद्ध न्यूज़ीलैंड का सर्वाधिक टी20 अंतर्राष्ट्रीय स्कोर खड़ा करने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा और न्यूज़ीलैंड के लिए अपना पहला शतक जड़ा।
चैपमैन ने कहा, "ज़ाहिर है, मेरी महत्वकांक्षा है कि एक या दो साल में मैं (राष्ट्रीय) टीम में अपना स्थान पक्का करूं और जितना हो सके उतना क्रिकेट खेलूं। हाल के वर्षों में मैंने खेल को समझने का आनंद लिया है। अंत तक रहकर विजयी रन मारने से बेहतर और कोई भावना नहीं है।"
अगर वह भारत में ऐसा करने में क़ामयाब होते है तो यह टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने की ओर एक बड़ा क़दम हो सकता है।
आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।