क्यों अश्विन को मिली जगह और क्यों शमी बने स्टैंडबाय
इस हफ़्ते की शुरुआत में भारत ने अक्तूबर-नवंबर में होने वाले 2022 टी20 विश्व कप के लिए अपने 15 खिलाड़ियों और पांच रिज़र्व खिलाड़ियों के नाम का ऐलान कर दिया है। 15 में से 12 खिलाड़ियों का चयन तो लगभग तय ही था। टीम में कुछ खिलाड़ियों के चयन की गुत्थी को सुलझाने के लिए हमने बोर्ड में अपने सूत्रों से बात की क्योंकि बीसीसीआई ने इस संदर्भ में कोई प्रेस कॉन्फ़्रेंस आयोजित नहीं किया है।
पूरी तरह से फ़िट जसप्रीत बुमराह , भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल भारत के तीन फ़्रंट लाइन तेज़ गेंदबाज़ हैं। इसके अलावा उन्हें सपोर्ट देने के लिए हार्दिक पंड्या भी टीम में मौजूद हैं। इसके बावजूद भारत को एक या दो बैक अप तेज़ गेंदबाज़ चुनना था। इस रेस में अर्शदीप सिंह, आवेश ख़ान और दीपक चाहर शामिल थे और फ़ैसला अर्शदीप के पक्ष में गया।
अर्शदीप के चयन को लेकर चयनकर्ताओं के बीच ज़्यादा चर्चा ही नहीं हुई। चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट इस बात से सहमत थे कि एशिया कप में पाकिस्तान और श्रीलंका के ख़िलाफ़ अंतिम ओवरों में गेंदबाज़ी करते हुए काफ़ी सयंम दिखाया।
हाल ही में अर्शदीप की प्रशंसा करते हुए भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि बाएं हाथ का यह युवा तेज़ गेंदबाज़ टीम का हिस्सा बनने का हक़दार है क्योंकि उनमें दबाव में भी बढ़िया गेंदबाज़ी की। वह बाएं हाथ से गेंदबाज़ी भी करते हैं, जो टीम के लिए एक फ़ायदे का विषय है।
अर्शदीप ने इस साल ही इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपना पहला मैच खेला था। साथ ही चयनकर्ताओं ने उनके मौजूदा आईपीएल फ़ॉर्म को भी काफ़ी तवज्जो दी। चाहर ख़ुद को थोड़ा अनलकी मान सकते हैं क्योंकि वह चोटों से काफ़ी परशान रहे हैं। इसके अलावा भारतीय टीम में भुवनेश्वर और चाहर के बीच में से किसी एक ही खिलाड़ी को चुना जा सकता है क्योंकि दोनों लगभग एक ही तरह के गेंदबाज़ हैं।
दीपक हुड्डा यूके टूर पर जैसे ही हुड्डा ने अपना पहला टी20 शतक जमाया तब से वह विश्व में चयनित होने के लिए प्रमुख दावेदार बन गए। हुड्डा किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी करने में सक्षम हैं, वह आक्रामक क्रिकेट खेलने में सक्षम हैं और इसके अलावा वह ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज़ी भी कर सकते हैं। इन्हीं कारणों से चयनकर्ताओं को टी20 विश्व कप के टीम के लिए हुड्डा का चयन करने में कोई दिक्कत नहीं हुई। चयनकर्ताओं को यह भी लगा कि वह रवींद्र जाडेजा की अनुपस्थिति में गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी की गहराई को बढ़ाएंगे।
पिछले वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में टी20 क्रिकेट में कलाई के स्पिनरों का दबदबा रहा है, लेकिन चयनकर्ताओं ने युवा लेगस्पिनर रवि बिश्नोई की जगह पर आर अश्विन को चुना, जिन्होंने एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया था। चयनकर्ताओं ने महसूस किया कि अश्विन को पावरप्ले बीच के ओवरों या यहां तक कि अंतिम ओवरों में भी आक्रामक और रक्षात्मक विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भी महसूस किया गया कि अच्छी उछाल देने वाली और बड़े मैदान वाली पिचों पर अश्विन दूसरे कलाई के स्पिनरों की तुलना में बल्लेबाज़ों के लिए ज़्यादा मुश्किल सवाल खड़ा कर सकते हैं।
शमी रिज़र्व खिलाड़ियों में शामिल हैं। हालांकि उनका चयन कहीं न कहीं आश्चयर्यजनक भी है। उन्होंने पिछले नवंबर में टी20 विश्व कप के बाद से टी20 में भारत के लिए कोई मैच नहीं खेला है। शमी भी विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में शामिल किए गए हैं। शमी उन खिलाड़ियों के समूह का हिस्सा हैं जिन्हें चयनकर्ताओं का मानना है कि वे अपने विशाल अनुभव के साथ-साथ अपने कौशल पर नियंत्रण के कारण किसी भी प्रारूप में खेल सकते हैं।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।