पोंटिंग : भारत को कोहली पर निवेश का फल मिल रहा है
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि टी20 क्रिकेट में "उम्रदराज़ खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है" और विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ी इसमें कठिन परिस्थितियों में भी सफल होने का तरीक़ा ढूंढ लेते हैं। पोंटिंग के अनुसार कोहली "तीनों प्रारूप के चैंपियन खिलाड़ी" हैं और भारतीय टीम उनपर निवेश करके 15 साल बाद टी20 विश्व कप ख़िताब जीतने के प्रबल दावेदार हैं।
लगभग तीन साल के बाद एशिया कप में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय शतक जड़ने के बाद कोहली उस फ़ॉर्म को विश्व कप में लेकर आए हैं। आईसीसी वेबसाइट से बात करते हुए पोंटिंग ने कहा, "भारत को उन पर लगातार निवेश करने का फल मिल रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि भारत अगले पड़ाव तक पहुंचेगा तो कोहली फ़ाइनल्स में कुछ यादगार करके दिखाएंगे।"
फ़िलहाल कोहली ने तीन अर्धशतकों के साथ टूर्नामेंट में 220 रन बनाए हैं और केवल एक पारी में आउट हुए हैं। रविवार को सुपर 12 के आख़िरी मुक़ाबले में भारत का सामना मेलबर्न में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ होगा।
पोंटिंग ने आगे कहा, "मैंने यह भी समझा है कि टी20 क्रिकेट में उम्रदराज़ खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है। जैसा हमें विराट कोहली दिखा रहे हैं, यह लाभदायक है कि आपको हर स्थिति में पता हो कि क्या करना होता है। उन्होंने ऐसी चुनौतियों का सामना किया है और वह इस अनुभव का फ़ायदा उठा सकते हैं।" कोहली के बारे में पोंटिंग ने आगे कहा, "वह लंबे समय से तीनों प्रारूप के चैंपियन खिलाड़ी रहे हैं। ऐसे खिलाड़ी को आप कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। जब इनसे बड़े प्रदर्शन की ज़रूरत होती है तब यह कोई न कोई उपाय ढूंढ ही लेते हैं।"
पोंटिंग के अनुसार कोहली की पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेली गई 82 रनों की नाबाद पारी इस टूर्नामेंट की सबसे शानदार प्रदर्शनी रही है। उन्होंने कहा, "टूर्नामेंट की शुरुआत, भारत बनाम पाकिस्तान और एमसीजी का मैदान - मुझे ऐसा लगा था कि वह ऐसा कुछ कर सकते हैं। विराट का पहले के विराट की तरह खेलना, मैच जिताना और प्लेयर ऑफ़ द मैच बनना, यह मेरे जीवनकाल में खेल में सबसे बढ़िया प्रदर्शनी रही है।"
पोंटिंग ने कहा कि कोहली के फ़ॉर्म में लौटने में उनके परिवार और साथियों का योगदान भी काफ़ी महत्वपूर्ण रहा होगा। उन्होंने कहा, "हम हमेशा जानते थे कि वे कितनी मेहनत करते हैं। उन्होंने अपने खाने पर ख़ास ध्यान दिया है और ख़ुद को फ़िट भी रखना जानते हैं। यह एक समय तक उनके लिए कारगर साबित हुआ था लेकिन हाल में उन्हें अपने गेम को सुधारने के और तरीक़े ढूंढने पड़ रहे थे। आख़िर में हम क्रिकेट खेलते हैं ताकी हमारा परिवार, हमारे टीम के साथी और हमारे समर्थक ख़ुश हों। आप यही चाहते हैं आपका परिवार गर्व महसूस करे, आप अपने साथियों के लिए मैच जीतें और आपका खेल देखकर स्टेडियम में या टीवी पर मैच देखने वाले समर्थकों को भी आप पर गर्व हो।"