भारतीय खिलाड़ियों की बढ़ती चोटों पर रोहित: हमें इसकी तह तक जाने की ज़रूरत

ख‍िलाड़‍ियों की लगातार चोट से निराश हैं रोहित © AFP via Getty Images

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने खिलाड़‍ियों के फ़‍िट पास होने के बावजूद लगातार चोटिल होने पर निराशा जताई है। उन्‍होंने उम्‍मीद की है कि खिलाड़‍ियों की चोट संभालने वाली राष्‍ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) जल्‍द ही इसकी तह तक जाएगी।

भारत को इस साल लगातार खिलाड़‍ियों की चोट से जूझना पड़ा है। दीपक चाहर और वॉशिंगटन सुंदर भी रिहैब में लंबा समय बिताने के बाद बांग्‍लादेश दौरे पर हैं।

इसके बाद तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह हैं, जहां मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने उम्‍मीद जताई थी कि वह पीठ की चोट से वापसी करने के बाद टी20 विश्‍व कप के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्‍हें दोबारा से पीठ में तकलीफ़ हुई और वह टी20 विश्‍व कप से बाहर हो गए। बुमराह सितंबर से किसी तरह का क्रिकेट नहीं खेले हैं और उनकी रिकवरी में कितना समय लगेगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

बुधवार को बांग्‍लादेश से 0-2 से वनडे सीरीज़ में पिछड़ने के बाद रोहित ने कहा, "मेरा मतलब है कि चोट ज़रूर चिंता का विषय है।"

इस बीच रोहित खु़द भी तीसरे वनडे से बाहर हो गए क्‍योंकि दूसरे वनडे के दौरान उनके अंगूठे में चोट लगी थी जबकि उनके अगले सप्‍ताह से शुरू हो रही दो मैचों की टेस्‍ट सीरीज़ में भी भाग लेने पर संदेह है।

रोहित ने कहा, "ये लगातार चोट क्‍यों लग रही हैं हमें इसकी तह तक जाने की ज़रूरत है। मुझे नहीं पता यह क्‍यों हो रहा है, हो सकता है कि अधिक क्रिकेट खेलने की वजह से हो। हमें इन लड़कों पर ध्‍यान रखने की ज़रूरत है क्‍योंकि यह ज़रूरी है कि जो भारत के लिए खेलने आ रहे हैं वह 100 प्रतिशत फ़‍िट हों।"

बुधवार को, भारत ने कुलदीप सेन को नहीं ख‍िलाया क्‍योंकि उनकी कमर में दर्द था। चाहर भी केवल तीन ओवर कर पाए क्‍योंकि उनको हैमस्ट्रिंग की समस्‍या थी। वह बल्‍लेबाज़ी करने आए लेकिन अंतिम वनडे से बाहर हो गए।

चाहर के लिए यह भुला देने वाला साल रहा है। अक्‍तूबर में साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ पहले वनडे में उन्‍हें कमर में खिंचाव हुआ था। इसके बाद वह टी20 विश्‍व कप में नेट गेंदबाज़ भी नहीं बन पाए। चोट की वजह से वह पूरा आईपीएल सीज़न नहीं खेले और रिहैब में लंबा समय बिताया।

अभी के लिए खिलाड़‍ियों का चयन एनसीए की फ़‍िटनेस रिपोर्ट पर आधारित होता है, जो टीम प्रबंधन को पूरी रिपोर्ट भेजती है। इसके बाद ट्रेनर खिलाड़‍ियों के लिए कार्य प्रबंधन प्रक्रिया तैयार करते हैं।

अगर खिलाड़ी चोटिल होता है तो चोट की जांच होने के बाद वह रिहैब में जाता है। इससे पहले कि उन्हें हरी झंडी दी जाए, उनके ठीक होने के अंतिम चरण में एक विस्तृत फिटनेस मूल्यांकन शामिल है।

रोहित ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिस पर हमें देखने की ज़रूरत है। हमें एनसीए में अपनी टीम के साथ बैठना होगा और कार्य प्रबंधन की निगरानी करनी होगी। इस पर हमें देखने की ज़रूरत है। हम यहां आधे-अधूरे फ़‍िट होकर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों का ख़र्च वहन नहीं कर सकते। यह कहने के बाद, हमें बस इसकी तह तक जाने की ज़रूरत है और यह पता लगाने की ज़रूरत है कि वास्तव में इसके पीछे क्या कारण है।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।

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